असम: अवैध ‘रैट होल’ खदान के अंदर तीन कोयला खनिकों की मौत

पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात तब हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया ज़िले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे. ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटोः रॉयटर्स)

पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात तब हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया ज़िले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे. ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.

(प्रतीकात्मक फोटोः रॉयटर्स)

डिब्रूगढ़: असम के लिडो में एक अवैध ‘रैट होल’ खदान से कोयले के खनन में कथित रूप से शामिल तीन लोगों की जहरीली गैस के संपर्क में आने से मौत हो गई है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.

तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक देबोजीत देउरी ने संवाददाताओं से कहा कि यह घटना रविवार रात उस समय हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया जिले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा, ‘हमने पांचों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे शवों को दफनाने और घटना को दबाने की कोशिश कर रहे थे. हम ऐसी अवैध कोयला खनन गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.’

ऐसा संदेह है कि खदान के अंदर मीथेन का रिसाव हुआ था जिससे खनिकों की मौत हुई थी. देउरी ने कहा कि उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

उन्होंने बताया कि 30 साल से कम उम्र के सभी मृत खनिकों की पहचान कर ली गई है. वे बोंगईगांव और गोलपारा जिले के रहने वाले हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मारे गए खनिकों की पहचान- साहिदुल इस्लाम, हुसैन अली (दोनों बोंगाईगांव जिले के) और हसमत अली (गोआलपाड़ा जिले) के रूप में हुई है.

सूत्रों ने बताया कि अवैध रैट होल खदान को डेविड नागा नाम का एक व्यक्ति अपने गुर्गे की मदद से चला रहा था. जोयनाल अली नाम के व्यक्ति ने तीन खनिकों को कई अन्य लोगों के साथ कोयला खदान में काम करने के लिए लाया गया था.

उल्लेखनीय है कि ‘रैट होल’ खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन यह अभी भी क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित की जा रही है.

रैट होल खदान चूहों के बिल जैसी होती है, जिसमें तीन से चार फुट ऊंची संकरी सुरंगें खोदी जाती हैं, जिसके भीतर मजदूर जाते हैं और कोयला निकालकर लाते हैं.

नॉर्थईस्ट नाउ के मुताबिक, देबोजीत देउरी ने कहा कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 120बी, 201 और 379 के तहत हत्या, आपराधिक साजिश, चोरी, सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है.

एक सूत्र ने बताया, ‘तिनसुकिया जिले के मार्गेरिटा और लिडो क्षेत्र में अवैध रैट-होल खदानें बढ़ रही हैं. कोयला तस्कर बेहद संगठित तरीके से सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से रैट–होल खदान का संचालन कर रहे हैं. पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में रैट–होल खदानें संचालित की जा रही हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कोयला तस्कर राजनीतिक नेताओं के संरक्षण में लिडो और मार्गेरिटा क्षेत्र में अवैध रैट-होल खनन का संचालन कर रहे हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)