मध्य प्रदेश: कथित अंतरजातीय संबंध को लेकर मुस्लिम परिवार पर हमला

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले को मामला. पुलिस के अनुसार, एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच प्रेम संबंध था और वे घर छोड़कर चले गए थे. उन्हें ढूंढ़कर युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया था. आरोप है कि इसके महीने भर बाद जब युवक अपने माता-पिता के साथ कहीं जा रहे थे तो रास्ते में युवती के परिजनों ने उन पर हमला कर दिया.

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Screengrab from a viral video showing Wajid Ali being assaulted in Chhindwara district of Madhya Pradesh on September 15, 2022. Photo: Screengrab via Twitter

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले को मामला. पुलिस के अनुसार, एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच प्रेम संबंध था और वे घर छोड़कर चले गए थे. उन्हें ढूंढ़कर युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया था. आरोप है कि इसके महीने भर बाद जब युवक अपने माता-पिता के साथ कहीं जा रहे थे तो रास्ते में युवती के परिजनों ने उन पर हमला कर दिया.

घटना के वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट.

भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक 23 वर्षीय मुस्लिम युवक के एक हिंदू महिला के साथ घर से भाग जाने के लगभग एक महीने बाद बीते 15 सितंबर को भीड़ द्वारा युवक और उसके माता-पिता पर हमला करने का मामला सामने आया है. यह हमला कथित तौर पर उनसे बदला लेने के लिए किया गया.

जिले के लाल गांव के रहने वाले वाजिद अली के अनुसार, वह अपनी मां समीना अली व पिता सैयद लायेक एक रिश्तेदार से मिलने जा रहे थे, जिसकी हाल ही में शादी हुई थी, इसी दौरान चौरई थाना क्षेत्र के औरिया गांव के पास भीड़ ने उन्हें रोक लिया.

आरोप है कि भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए अली को बाइक से बांध दिया और लोगों के सामने एक गांव से दूसरे गांव तक घसीटा. उन्होंने पुलिस शिकायत में कहा कि समीना के कपड़े फाड़ दिए गए और लायेक को पीटते हुए उनकी दाढ़ी खींच ली गई.

द वायर ने घटना का वीडियो देखा है, लेकिन उसे यहां पोस्ट नहीं किया जा रहा है.

फोन पर समीना ने बताया, ‘हमलावरों को हम पहचानते नहीं थे और उस समय हमें नहीं पता था कि वे क्यों हम पर हमला कर रहे हैं. वे धार्मिक अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि हम पर हमारे धर्म के कारण हमला किया गया है.’

समीना ने कहा, ‘उन्होंने मेरे जेवर और 10,000 नकदी लूट ली. जब मैंने पुलिस को मदद लेने के लिए 100 नंबर पर फोन लगाया, तो उन्होंने हम तीनों के मोबाइल फोन छीन लिए.’

पुलिस ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया और भर्ती कराया. घंटों बाद चौरई पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत ‘अज्ञात लोगों’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

अली ने कहा कि हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कई लोगों के चेहरे देखे जा सकते हैं, लेकिन पुलिस ने ‘अज्ञात लोगों’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

घटना के 40 घंटों बाद भी जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित छिंदवाड़ा एसपी विवेक अग्रवाल के पास पहुंचे. दो पेज की शिकायत में उन्होंने त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है.

चौरई थाने इंस्पेक्टर शशि विश्वकर्मा के मुताबिक, अली करीब एक महीने पहले इसी गांव की एक हिंदू युवती के साथ भाग गया था. युवती के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की शिकायत के बाद उनकी तलाश की गई तो वे हैदराबाद में मिले थे. युवती को परिवार को सौंप दिया गया था और परिवार ने अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से मना कर दिया था.

एक वीडियो क्लिप में विश्वकर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘घटना के तुरंत बाद ही युवती के परिवार ने उसे औरिया में रिश्तेदारों के घर भेज दिया. लड़का शायद युवती से मिलने गांव गया था, उसी दौरान परिवार ने उन्हें देख लिया और उनके बीच हाथापाई हो गई.’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘घटना के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.’

गिरफ्तार लोगों में संतोष पाल (40 वर्ष), महेश पाल (32 वर्ष), नेक्रम पाल (35 वर्ष) और सुषमा पाल (30 वर्ष) शामिल हैं. चारों गिरफ्तार उसी हिंदू युवती के रिश्तेदार हैं.

इंस्पेक्टर विश्वकर्मा ने कहा, ‘हम तथ्यों और सबूतों की जांच कर रहे हैं और यदि आवश्यक हुआ तो मौजूदा एफआईआर में और धाराएं जोड़ेंगे.’

पुलिस अधिकारी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अली ने कहा, ‘पहली बात कि हम नासिक में थे, हैदराबाद में नहीं. शादी कर पाते, उससे पहले ही पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया. उन्होंने युवती को 24 घंटे पुलिस हिरासत में रखा और मेरे खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला, लेकिन वह झुकी नहीं. पुलिस के सहयोग से उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध परिवार को सौंप दिया गया.’

उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथी समूहों के कथित दबाव के बावजूद परिवार ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई, क्योंकि उन्हें डर था कि वह अदालत में उनके खिलाफ बयान दे सकती है और ‘वे उसे खो सकते हैं.’

पुलिस के इस दावे का खंडन करते हुए कि वह युवती से मिलने औरिया गए थे, अली ने दावा किया, ‘मामला सामने आने के बाद से पुलिस युवती के परिवार का समर्थन कर रही है, क्योंकि युवती और इंस्पेक्टर (विश्वकर्मा) समान जाति के हैं. इसके अलावा, उन्होंने एफआईआर में हमारे वास्तविक बयान को बदल दिया है, जो कि घटना के तुरंत बाद लिया गया था.’

अली ने फोन पर द वायर से बात करते हुए दावा किया, ‘उन्होंने बदला लेने के लिए हम पर हमला किया. मैं उससे (युवती) मिलने नहीं गया था, लेकिन हम गांव से गुजर रहे थे और मैं यह जानते हुए भी कि उससे मिलने में जोखिम हो सकता है, क्यों अपने माता-पिता को साथ ले जाता? यह बकवास है.’

उन्होंने कहा कि घटना की खबर मीडिया में आने के बाद ही पुलिस हरकत में आई.

(काशिफ ककवी से इनपुट के साथ. इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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