यूपी: आगरा के एक निजी अस्पताल में आग लगी, तीन लोगों की मौत

पुलिस ने बताया कि आगरा के नरीपुरा इलाके में बुधवार को इमारत की पहली मंज़िल पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे आग लग गई. हादसे में अस्पताल के मालिक और उनके दो बच्चों की मौत हो गई जो इमारत की पहली मंज़िल पर रहते थे.

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आगरा के नरीपुरा इलाके में इमारत में आग लगी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई. (फोटो: एएनआई)

पुलिस ने बताया कि आगरा के नरीपुरा इलाके में बुधवार को इमारत की पहली मंज़िल पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे आग लग गई. हादसे में अस्पताल के मालिक और उनके दो बच्चों की मौत हो गई जो इमारत की पहली मंज़िल पर रहते थे.

आगरा के नरीपुरा इलाके में इमारत में आग लगी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई. (फोटो साभार: एएनआई)

आगरा: आगरा के एक निजी अस्पताल में बुधवार तड़के आग लगने से अस्पताल के मालिक और उनके दो बच्चों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि जब मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाला जा रहा था तब अस्पताल का मालिक और उनका परिवार अंदर ही फंस गया, जो इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे.

पुलिस अधीक्षक (शहर) विकास कुमार ने बताया कि आग नरीपुरा इलाके में इमारत की पहली मंजिल पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे लगी.

कुमार ने कहा, ‘निजी अस्पताल का मालिक और उनका परिवार इमारत की पहली मंजिल पर रहता था और भूतल पर अस्पताल था. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. दोनों घायल खतरे से बाहर हैं.’

आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान अस्पताल के मालिक रंजन (45), उनकी बेटी शालू (17) और बेटे ऋषि (14) की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि दोनों घायल भी अस्पताल के मालिक के परिवार के सदस्य हैं, लेकिन अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा, ‘अस्पताल में छह बिस्तर थे और स्टोररूम में आग लग गई. इमारत के मालिक और उसके दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई. राजेंद्र की पत्नी और बड़ी बेटी हैं जिनका एसएम मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.’

एसपी ने कहा, ‘दुर्घटना स्थल पर फॉरेंसिक विभाग की एक टीम को बुलाया गया और उसने आग के कारणों का पता लगाने के लिए नमूने एकत्र किए.’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य और घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

सीएमओ एके श्रीवास्तव ने अस्पताल का दौरा किया और कहा कि राजेंद्र डॉक्टर नहीं थे, बल्कि परिसर के मालिक थे और इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे. सीएमओ ने कहा कि अस्पताल एक डॉ. ईशू वर्मा के नाम पर पंजीकृत है. हादसे के दौरान चार मरीज थे, जिनमें से एक को मंगलवार रात भर्ती कराया गया था. उनमें से तीन घर वापस चले गए जबकि चौथे को बुधवार को एसएनएमसी ले जाया गया.

सीएमओ ने कहा, ‘अस्पताल के पंजीकरण विवरण का पता लगाने के लिए एक जांच की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि तीनों की मौत दम घुटने से हुई है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, आग लगने के बाद अस्पताल के कर्मचारी इमारत से बाहर निकल गए. राजेंद्र भी दौड़कर बाहर निकले, लेकिन वह अपनी पत्नी और बच्चों को बचाने के लिए फिर से अंदर चले गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि आग लगने के 45 मिनट बाद दमकल पहुंची.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)