अवैध प्रवासियों का पता लगाने के लिए घर-घर सर्वे करेगी मणिपुर सरकार: मुख्यमंत्री

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की आमद पर गंभीर चिंता जताते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि उन स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ क़दम उठाए जाएंगे, जो विदेशियों को किराये पर अपने घरों में रहने की अनुमति दे रहे हैं.

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की आमद पर गंभीर चिंता जताते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि उन स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ क़दम उठाए जाएंगे, जो विदेशियों को किराये पर अपने घरों में रहने की अनुमति दे रहे हैं.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अवैध प्रवासियों को आश्रय देने को राज्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और घोषणा की कि ऐसे लोगों की पहचान के लिए जल्द ही ‘घर-घर सर्वे’ किया जाएगा.

बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की आमद पर गंभीर चिंता जताते हुए सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन स्थानीय लोगों के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे, जो ऐसे विदेशियों को किराये पर अपने घरों में रहने की अनुमति दे रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह घोषणा उत्तर-पूर्वी राज्य में पुलिस द्वारा चलाए गए कई अभियानों में रोहिंग्याओं सहित 48 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद हुई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अप्रवासियों की आमद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा, ‘पिछले चार-पांच दिनों में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में कुल मिलाकर 613 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’

आईएलपी सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति को एक सीमित अवधि के लिए यात्रा की अनुमति देता है. इस पूर्वोत्तर राज्य में आईएलपी 2021 में लागू हुआ.

उन्होंने कहा कि अवैध अप्रवासियों की पहचान एक बड़ी समस्या बन गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अवैध अप्रवासियों का पता लगाने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा. जो भी मकान मालिक अवैध अप्रवासियों को अपने घर पर पनाह देगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने बताया कि अवैध अप्रवासियों के खिलाफ अभियान को तेज करने के लिए राज्य जल्द ही जनसंख्या आयोग के तहत कुछ निश्चित नियम लेकर आएगा.

बीरेन सिंह ने कहा, ‘हम अवैध अप्रवासियों और विदेशियों का पता लगाने के लिए एक तंत्र पर काम कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि 54 वर्षीय मोहम्मद अनवर हुसैन और उनके बेटे मोहम्मद अमजद अली के रूप में पहचाने जाने वाले बांग्लादेशी नागरिक 1990 से हाल ही में पकड़े जाने तक स्थानीय लोगों के रूप में खुद को पेश करते रहे.

सिंह के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिकों ने पहले ही ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड प्राप्त कर लिए थे.

सिंह ने कहा कि उन्होंने एक स्थानीय मणिपुरी महिला से शादी की, आधार कार्ड हासिल किया और यहां तक ​​कि राज्य में जमीन का एक टुकड़ा भी खरीदा.

मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि वे स्वदेशी आबादी की भाषा, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए अवैध अप्रवासियों को आश्रय न दें.

उन्होंने कहा कि सरकार यह देखेगी कि अवैध रूप से ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड जारी करने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी आबादी की सुरक्षा के लिए जनता का समर्थन मांगा.

उन्होंने कहा, ‘अकेले सरकार अवैध घुसपैठ के खिलाफ लड़ाई में सफल नहीं हो सकती है. हमें स्वदेशी आबादी की रक्षा और सुरक्षा के लिए लोगों के समर्थन की जरूरत है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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