भारत के ‘स्टील मैन’ कहे जाने वाले जमशेद जे. ईरानी चार दशकों से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े रहे थे. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा डॉ. ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम करते हुए 2011 में रिटायर हुए थे.
नई दिल्ली: टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक और भारत के ‘स्टील मैन’ कहे जाने वाले जमशेद जे. ईरानी का सोमवार रात जमशेदपुर में निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
टाटा स्टील ने ईरानी के निधन की जानकारी दी. ईरानी चार दशकों से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े रहे थे. वह 43 साल की विरासत को पीछे छोड़ते हुए जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसने उन्हें और कंपनी को विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई.
टाटा स्टील ने एक बयान में कहा, ‘भारत के ‘स्टील मैन’ का निधन हो गया है. अत्यंत दुख के साथ टाटा स्टील पद्म भूषण डॉ. जमशेद जे. ईरानी के निधन की सूचना दे रही है.’
We are deeply saddened at the demise of Padma Bhushan Dr. Jamshed J Irani, fondly known as the Steel Man of India. Tata Steel family offers its deepest condolences to his family and loved ones. pic.twitter.com/gGIg9JgGMS
— Tata Steel (@TataSteelLtd) October 31, 2022
टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) टीवी नरेंद्रन ने भारत के स्टील मैन पद्म भूषण डॉ. जमशेद जे. ईरानी को श्रद्धांजलि दी है.
उन्होंने कहा, डॉ. ईरानी ने 90 के दशक में टाटा स्टील को बदल दिया और हमें दुनिया में सबसे कम लागत वाले स्टील उत्पादकों में से एक बना दिया. उन्होंने एक मजबूत नींव बनाने में मदद की, जिस पर हम बाद के दशकों में विकसित हुए.
T. V. Narendran, CEO & MD, Tata Steel, pays his tribute to the steel man of India, Padma Bhushan Dr. Jamshed J Irani. pic.twitter.com/EhYioUmJGx
— Tata Steel (@TataSteelLtd) November 1, 2022
उनका निधन 31 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजे जमशेदपुर के टीएमएच (टाटा अस्पताल) में हुआ. ईरानी के परिवार में उनकी पत्नी डेज़ी ईरानी और उनके तीन बच्चे जुबिन, निलोफर और तनाज़ हैं.
ईरानी का जन्म दो जून 1936 को नागपुर में जिजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर में हुआ. उन्होंने 1956 में साइंस कॉलेज, नागपुर से बीएससी और 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भू-विज्ञान में एमएससी पूरा किया.
इसके बाद वे जेएन टाटा स्कॉलर के रूप में ब्रिटेन में शेफील्ड विश्वविद्यालय गए, जहां उन्होंने साल 1960 में धातुकर्म (Metallurgy) में परास्नातक और 1963 में धातुकर्म में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करिअर की शुरुआत की, लेकिन हमेशा राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए तरसते रहे. वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए और अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में फर्म में शामिल हुए.
जमशेद जे. ईरानी 1978 में टाटा स्टील के जनरल सुप्रीटेंडेंट, 1979 में महाप्रबंधक और 1985 में टाटा स्टील के अध्यक्ष बने. इसके बाद 1988 में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और 2011 में सेवानिवृत्त होने से पहले 1992 में प्रबंध निदेशक बने थे.
वह 1981 में टाटा स्टील के बोर्ड में शामिल हुए और 2001 से एक दशक तक गैर-कार्यकारी निदेशक भी रहे. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा डॉ. ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलीसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम किया था.
उन्होंने 1992-93 के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाला. उन्हें कई सम्मान मिले, जिसमें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइटहुड की उपाधि शामिल है.
उद्योग में ईरानी के योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
टाटा स्टील ने कहा, ‘उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के विकास में अत्यधिक योगदान दिया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)