यूपी: एनटीपीसी प्लांट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने किया बल प्रयोग, 12 लोग हिरासत में

उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के संयंत्र के बाहर सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ग्रामीणों की ज़मीन के एवज में अधिक मुआवज़े की मांग को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया.

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी स्थल के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी. (फोटो: ट्विटर/@PhalwanSukhveer)

उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के संयंत्र के बाहर सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ग्रामीणों की ज़मीन के एवज में अधिक मुआवज़े की मांग को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया.

एनटीपीसी स्थल के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी. (फोटो: ट्विटर/@PhalwanSukhveer)

नोएडा: उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी स्थित एनटीपीसी लिमिटेड के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई किसानों को पुलिस द्वारा तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करने से कथित तौर पर चोट लग गई. इस घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद मंगलवार रात करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया.

अधिकारियों ने कहा कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) परिसर के बाहर जमा हुए प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया.

एनटीपीसी दादरी में 1980 में हुए जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ग्रामीणों की जमीन के एवज में अधिक मुआवजे की मांग को लेकर ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे.

यह सब उस समय हुआ जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ग्रेटर नोएडा में थे.

सुखवीर पहलवान उर्फ ​​सुखवीर खलीफा, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया, ने दावा किया कि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की कार्रवाई में लगभग एक दर्जन लोग घायल हुए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खलीफा ने कहा कि आसपास के 24 गांवों से महिलाओं सहित कम से कम 600 प्रदर्शनकारी एनटीपीसी दादरी परियोजना स्थल के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए और 1970 के दशक की शुरुआत में निगम द्वारा अधिग्रहित अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे.

खलीफा ने कहा, ‘जब हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर बैठे थे, तब बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने हमें घेर लिया और एक दमकल को घटनास्थल पर लाया गया. अधिकारियों ने हम पर और कम से कम 400 महिला प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार करने लगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया और हमीरपुर गांव की एक 85 वर्षीय महिला के पैर में चोट लग गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पुलिस कार्रवाई में कम से कम 10 अन्य लोग भी घायल हुए हैं.’

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अन्यायपूर्ण तरीके से काम किया. भारतीय किसान परिषद के एक अन्य सदस्य और प्रदर्शनकारी टोनी ने कहा, ‘हम अहिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमारे खिलाफ अन्यायपूर्ण तरीके से काम किया. हम अब अपनी मांगों को दादरी विधायक के पास ले जाएंगे और एनटीपीसी दादरी के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे.’

हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने से इनकार करते हुए कहा है कि वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि प्रदर्शनकारी हिंसक हो रहे थे और फाटकों को तोड़कर एनटीपीसी परियोजना स्थल में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे.

ग्रेटर नोएडा जोन थ्री के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक वर्मा ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए बहुत हल्के दबाव के साथ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. वे आक्रामक हो रहे थे और गेट तोड़कर संयंत्र के कामकाज में बाधा डालने का प्रयास कर रहे थे. घटनास्थल पर महिलाओं सहित करीब 300 प्रदर्शनकारी थे. इनमें कोई भी गन्ना प्रदर्शनकारी नहीं था. पुलिस ने किसी को चोट नहीं पहुंचाई. ऐसे सभी आरोप झूठे हैं.’

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, उन्होंने बताया कि झड़प के दौरान तीन पुलिसकर्मियों के सिर में चोटें आई हैं. प्रदर्शनकारियों ने संयंत्र के सामान्य कामकाज को रोकने और बिजली आपूर्ति बाधित करने का प्रयास किया.

उन्होंने दावा किया, ‘इसे देखते हुए संयंत्र में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मचारियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. हालांकि, भीड़ और आक्रामक हो गई और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया.’

वर्मा ने बताया कि किसानों के हमले में कांस्टेबल रविकांत और कांस्टेबल सागर घायल हो गए. दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन स्थल पर अर्धसैनिक बलों, स्थानीय पुलिस और पीएसी की दो कंपनियों सहित भारी बल की तैनाती की गई थी.’

डीसीपी वर्मा ने कहा कि 55 लोगों के खिलाफ नामजद और 500 अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ दंगा करने, सार्वजनिक अधिकारी के काम में बाधा पहुंचाने और हिंसा भड़काने के अलावा भारतीय दंड संहिता आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने कहा, ‘आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 की प्रासंगिक धाराएं भी संदिग्धों पर लगाई गई हैं.’

बाद में एनटीपीसी दादरी ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय किसान परिषद द्वारा उठाई गईं मांगों की जांच निगम द्वारा अपनी मौजूदा नीतियों, विनियमों और नियमों के तहत की जा रही है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq