वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात स्थिर लेकिन अप्रत्याशित, चीन कर रहा निर्माण: सेना प्रमुख

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर की बातचीत के कारण हम सात संघर्ष बिंदुओं में से पांच का समाधान निकालने में सफल रहे हैं. शेष दो बिंदुओं के संबंध में 17वें दौर की वार्ता पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, वहां टकराव के हालात नहीं हैं, लेकिन फिलहाल तनाव में कमी नहीं आई है.

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सेना प्रमुख मनोज पांडे. (फोटो: पीटीआई)

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर की बातचीत के कारण हम सात संघर्ष बिंदुओं में से पांच का समाधान निकालने में सफल रहे हैं. शेष दो बिंदुओं के संबंध में 17वें दौर की वार्ता पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, वहां टकराव के हालात नहीं हैं, लेकिन फिलहाल तनाव में कमी नहीं आई है.

सेना प्रमुख मनोज पांडे. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन से लगती सरहद पर 30 महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में ‘स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित’ है.

जनरल पांडे ने एक विचार समूह (थिंक टैंक) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता में विवाद के दो शेष बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा.

ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही.

सेना प्रमुख ने कहा कि विवाद के सात बिंदुओं में से पांच पर मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल कर लिया गया है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी – पीएलए) की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत हैं.

उन्होंने कहा कि व्यापक संदर्भ में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी कार्रवाई का बहुत सावधानी से आकलन करने की जरूरत है, ताकि भारत अपने हितों एवं संवेदनशीलताओं की सुरक्षा कर पाए.

जनरल पांडे ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यदि मुझे इसे (हालात को) एक वाक्य में परिभाषित करना हो, तो मैं कहूंगा कि स्थिति स्थिर, किंतु अप्रत्याशित है.’

भारत शेष मुद्दों के समाधान के लिए चीन के साथ उच्च स्तर की सैन्य वार्ता के अगले दौर को लेकर आशावादी है.

उन्होंने कहा, ‘हम 17वें दौर की वार्ता की तारीख पर विचार कर रहे हैं.’

सीमावर्ती इलाकों में चीन के बुनियादी ढांचा (Infrastructure) विकसित करने के विषय पर थलसेना प्रमुख ने कहा कि यह लगातार हो रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सेना प्रमुख ने कहा, ‘आप दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर पर चल रही बातचीत से अवगत हैं. इन वार्ताओं के कारण हम सात संघर्ष बिंदुओं में से पांच का समाधान निकालने में सफल रहे हैं. यह वार्ता (17 वें दौर) अगले दो संघर्ष बिंदुओं के लिए है, जिनका हम समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं.’

दो शेष संघर्ष बिंदु डेमचोक में चार्डिंग नाला और देपसांग मैदान हैं, जहां चीनी सेना ने कई पारंपरिक गश्त (पेट्रोलिंग) के बिंदुओं तक भारतीय पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है.

जनरल पांडे ने यह भी संकेत दिया कि हालांकि टकराव के हालात नहीं हैं, लेकिन फिलहाल वहां तनाव में कमी नहीं आई है.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की संख्या का सवाल है तो उसमें कोई खास कमी नहीं आई है.’

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी बुनियादी ढांचे के विकास पर उन्होंने कहा, ‘यह लगातार तेजी से हो रहा है. सड़क का बुनियादी ढांचा, हैलीपेड, हवाई क्षेत्र समेत ठीक पास तक सड़कें बन गई हैं. गौर करने योग्य गतिविधियां जी695 सड़क या राजमार्ग रहा है, जो एलएसी के समानांतर चल रहा है. यह न केवल उन्हें सेना को आगे बढ़ाने की क्षमता प्रदान करेगा, बल्कि सेना को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में स्विच करने की भी क्षमता देगा.’

क्षेत्र में भारतीय थलसेना की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘सर्दियों के मौसम के अनुकूल तैयारी जारी है.’

जनरल पांडे ने यह भी कहा कि ‘अपने हितों की सुरक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे कार्यों को बहुत सावधानीपूर्वक समायोजित करने’ की जरूरत है.

सेना प्रमुख ने कहा, ‘जहां तक हमारी तैयारियों का सवाल है, हम सर्दियों के मौसम के अनुकूल तैयारी कर रहे हैं. लेकिन हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस आकस्मिकता से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त बल और पर्याप्त रिजर्व हों. बड़े संदर्भ में देखें तो, हमें अपने हितों और संवेदनशीलता दोनों की रक्षा करने में सक्षम होने के लिए एलएसी पर अपने कार्यों को बहुत सावधानी से जांचना होगा, फिर भी सभी प्रकार की आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार होना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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