अधिकारियों का प्रमोशन न होने के चलते केंद्रीय सचिवालय में 1,600 से अधिक पद ख़ाली

केंद्रीय सचिवालय सेवा के एक फोरम ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को लिखा है कि प्रधानमंत्री द्वारा 2023 के अंत तक केंद्र सरकार के लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने की घोषणा के बावजूद उनके यहां अनुभाग अधिकारियों के लगभग 45% पद ख़ाली पड़े हैं क्योंकि 2013 से कई अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया गया है.

केंद्रीय सचिवालय का साउथ ब्लॉक. (फोटो साभार: Wikimedia Commons/Matthew T Rader)

केंद्रीय सचिवालय सेवा के एक फोरम ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को लिखा है कि प्रधानमंत्री द्वारा 2023 के अंत तक केंद्र सरकार के लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने की घोषणा के बावजूद उनके यहां अनुभाग अधिकारियों के लगभग 45% पद ख़ाली पड़े हैं क्योंकि 2013 से कई अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया गया है.

केंद्रीय सचिवालय का साउथ ब्लॉक. (फोटो साभार: Wikimedia Commons/Matthew T Rader)

नई दिल्ली: केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक निकाय ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को इस सेवा में खाली पड़े पदों के बारे में बताया है.

द हिंदू के मुताबिक, सीएसएस ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2023 के अंत तक केंद्र सरकार के लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने की घोषणा के बावजूद सीएसएस के अनुभाग अधिकारियों के लगभग 45% पद खाली पड़े हैं क्योंकि 2013 से कई अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया गया है.

डीओपीटी 2023 तक सभी रिक्त पदों को भरने के लिए नोडल मंत्रालय है.

ज्ञात हो कि बीते 22 अक्टूबर को मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र सरकार की 10 लाख नौकरियों के लिए ‘रोजगार मेला’ शुरू किया था, जहां पहली किश्त में शामिल किए गए 75,000 नए नियुक्त लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे. प्रधानमंत्री ने जून में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार के विभागों में मौजूदा 10 लाख रिक्तियों को 2024 के आम चुनावों से पहले 2023 तक मिशन मोड में भरा जाएगा.

सीएसएस फोरम ने कहा कि सेक्शन अफसर (एसओ) ग्रेड में 1,624 पद खाली पड़े हैं, जिसकी स्वीकृत संख्या 3,600 है. इसने कहा कि सचिवालय प्रशासन में एसओ एक महत्वपूर्ण पद है क्योंकि वे अन्य अधिकारियों के बीच काम के वितरण, समन्वय और समय पर पत्र तथा अन्य संचार जारी करने के जिम्मेदार हैं.

सीएसएस फोरम ने कहा कि डीओपीटी अदालती मामलों के कारण चयन सूची को अंतिम रूप न देने के आधार पर 2013 में नियुक्त अधिकारियों के एड-हॉक प्रमोशन पर विचार नहीं कर रहा है. हालांकि, प्रमोशन को लेकर डीओपीटी के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अदालतों में लंबित सेवा मामलों में सरकार की कार्य संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए एड-हॉक पदोन्नति की जा सकती है.

फोरम ने लिखा, ‘डीओपीटी में वरिष्ठ अधिकारियों को उपरोक्त तथ्यात्मक स्थिति समझाने के बाद भी विभाग सहायक अनुभाग अधिकारियों (एएसओ) के एड-हॉक प्रमोशन पर विचार नहीं कर रहा है, जिसके कारण हजार से अधिक एएसओ में आक्रोश और निराशा चरम पर है. सीएसएस के ये वरिष्ठतम एएसओ अब बेहद नाराज हैं और अपने मासिक वित्तीय नुकसान को बचाने और अपनी मानसिक पीड़ा कम करने के लिए तत्काल एड-हॉक प्रमोशन की मांग कर रहे हैं.’

पत्र में आगे कहा गया, ‘यह समझा जाता है कि जून 2022 में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जल्द से जल्द पदोन्नति या परीक्षा के माध्यम से रिक्तियों को भरने के लिए कार्रवाई करने के लिए लिखा था. हालांकि, यह विडंबना है कि डीओपीटी के तहत अनुभाग अधिकारियों के 1,600 से अधिक पद खाली पड़े हैं, जिनके लिए पदोन्नति के प्रावधान पहले से ही उपलब्ध हैं. ये पदोन्नति फीडर ग्रेड में रिक्तियां पैदा कर सकती थी और इसलिए प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार 10 लाख भर्ती के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक आवश्यक कदम हो सकता है.’

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