व्यापमं घोटाला: सीबीआई ने आरोप पत्र दाख़िल किया, शिवराज चौहान को क्लीन चिट

सीबीआई ने कहा, पुलिस द्वारा जब्त हार्ड डिस्क में नहीं है सीएम का ज़िक्र, तीन अधिकारियों समेत 490 के ख़िलाफ़ आरोप पत्र.

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सीबीआई ने कहा, पुलिस द्वारा ज़ब्त हार्ड डिस्क में नहीं है सीएम का ज़िक्र, तीन अधिकारियों समेत 490 के ख़िलाफ़ आरोप पत्र.

Vyapam Shivraj PTI

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई ने मंगलवार को अपना आरोप पत्र दाखिल किया और वस्तुत: वह आरोप खारिज कर दिया कि एक आरोपी से जब्त कंप्यूटर हार्डडिस्क में छेड़छाड़ की गई है जिसमें कथित तौर पर सीएम अक्षरों का जिक्र था. सीबीआई ने तीन व्यापमं अधिकारियों समेत 490 लोगों को आरोपी बनाया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘सीबीआई ने 490 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. इसमें तीन व्यापमं के अधिकारी, तीन रैकेटियर, 17 बिचौलिये, 297 लाभार्थी और नकल कराने वाले छात्र, 170 अभिभावक शामिल हैं.

सीबीआई के तथ्यों से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी राहत मिलेगी जो अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करेंगे. विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में एजेंसी ने कहा कि मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के एक अधिकारी नितिन महिंद्रा से बरामद हार्ड डिस्क ड्राइव के मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा कराए गए फोरेंसिक विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि उनमें कोई ऐसी फाइल नहीं स्टोर थी जिसमें सीएम अक्षर थे.

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उसने हार्ड डिस्क के साथ छेड़छाड़ के कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडेय के आरोप को खारिज कर दिया. हार्ड डिस्क को करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले में अहम सबूत माना जा रहा था.

इसमें कहा गया है कि पांडेय ने अपने दावे के समर्थन में दिल्ली उच्च न्यायालय और सीबीआई को दो पेन ड्राइव सौंपे थे. पांडे ने दावा किया था कि इंदौर पुलिस ने 2013 में बरामद हार्ड डिस्क में छेड़छाड की गई थी ताकि रिकॉर्ड से सीएम शब्द हटाए जा सकें.

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी दावा किया था कि व्यापमं मामले में पुलिस द्वारा सीज की गई हार्ड डिस्क के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम हटाने के लिए छेड़छाड़ की गई है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, ‘सीबीआई का कहना है कि उस आरोप में सच्चाई नहीं थी. दिग्विजय का आरोप था कि व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी अधिकारी नितिन महिंद्रा के पास से हार्ड डिस्क जब्त की गई थी जिससे छेड़छाड़ करके ‘सीएम’ शब्द की जगह ‘एम/एस’ लिख दिया. यह शिवराज चौहान को बचाने के लिए किया गया.’

एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘नितिन महिंद्रा उस समय मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल में प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट थे. आरोप था कि उन्होंने अपने कंप्यूटर में एक एक्सल फाइल में कई प्रभावशाली लोगों की एक सूची बनाई थी, जो इस केस से जुड़े थे. 18 जुलाई, 2013 को इंदौर पुलिस ने उनकी हार्डडिस्क जब्त कर ली थी. दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हार्डडिस्क में ‘सीएम’ शब्द 48 बार था. व्हिसिलब्लोअर प्रशांत पांडेय ने भी यही आरोप लगाए थे. पहले यह जांच मध्य प्रदेश पुलिस कर रही थी, जिसे बाद में सीबीआई को सौंप दिया गया था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)