यूपी: भाजपा सांसद ने सांसद विकास निधि से मंदिरों में भजन-कीर्तन की व्यवस्था करवाने को कहा

बलिया से भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बलिया नगरपालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े मंदिरों का सर्वे कराया जाए और वहां भजन-कीर्तन कराने एवं वाद्य यंत्रों की व्यवस्था की जाए. अगर व्यवस्था में कठिनाई हो तो सांसद विकास निधि के धन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त. (फोटो साभार: ट्विटर/@virendramastmp)

बलिया से भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बलिया नगरपालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े मंदिरों का सर्वे कराया जाए और वहां भजन-कीर्तन कराने एवं वाद्य यंत्रों की व्यवस्था की जाए. अगर व्यवस्था में कठिनाई हो तो सांसद विकास निधि के धन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त. (फोटो साभार: ट्विटर/@virendramastmp)

बलिया: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मंदिरों में भजन-कीर्तन कराने तथा वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने का अधिकारियों को निर्देश दिया है और सांसद विकास निधि का उपयोग इसमें किया जाए.

जिला सूचना विभाग ने बताया कि बलिया से सांसद मस्त ने निर्देश दिया है कि बलिया नगरपालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे व बड़े मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाए और वहां भजन-कीर्तन कराने एवं वाद्य यंत्रों की व्यवस्था कराई जाए.

उन्होंने कहा कि भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो सांसद विकास निधि से धन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

सांसद ने इस आशय का निर्देश नगरपालिका अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह को रविवार को दिया .

सांसद ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘बलिया आध्यात्मिक नगर है. योगी आदित्यनाथ सरकार भृगु कॉरिडोर का निर्माण करा रही है. बलिया के प्राचीन मंदिरों में पारंपरिक भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था से आध्यात्मिक संचेतना का जागरण होगा.’

गौरतलब है कि संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत, प्रत्येक सांसद के पास अपने निर्वाचन क्षेत्र में पांच करोड़ रुपये प्रति वर्ष के कार्यों के लिए जिला कलेक्टर को सुझाव देने का विकल्प होता है.

राज्यसभा सदस्य राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में काम की सिफारिश कर सकते हैं जहां से वह चुने गए हैं.

लोकसभा और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य योजना के तहत अपनी पसंद के कार्य के कार्यान्वयन के लिए देश के किसी एक राज्य से एक या अधिक जिलों का चयन कर सकते हैं.

आमतौर पर, सरकारी धन का उपयोग समुदाय के लिए सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य क्लीनिक जैसी सुविधाओं के निर्माण के लिए किया जाना चाहिए. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत में विकास की तुलना में धर्म पर अधिक ध्यान देने वाला चलन देखा जा रहा है.

मसलन, अयोध्या का राम मंदिर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. दूसरी ओर, भारत में प्रति 1,000 लोगों पर अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या सबसे कम मात्र 0.5 है, जो बांग्लादेश से भी कम है.

मस्त वर्तमान में चौथी बार लोकसभा सांसद हैं और पहले भाजपा के किसान मोर्चा (किसान विंग) के अध्यक्ष थे.

नगरपालिका अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह ने सोमवार को बताया कि नगरपालिका कर्मियों की टीम द्वारा शीघ्र ही मंदिरों के सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बलिया को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल किया जा रहा है और पांच प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर शासन को प्रेषित किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)