नगालैंड: अलग राज्य की मांग कर रहे जनजातीय समूहों से मिलने पहुंची गृह मंत्रालय की समिति

नगालैंड के 16 ज़िलों में प्रभावशाली सात नगा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन बीते कुछ समय से पूर्वी हिस्से को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहा है. यह मांग पूरी न होने पर संगठन ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है.

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अलग राज्य की मांग के लिए हुआ एक प्रदर्शन. (फोटो साभार: nenow.in)

नगालैंड के 16 ज़िलों में प्रभावशाली सात नगा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन बीते कुछ समय से पूर्वी हिस्से को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहा है. यह मांग पूरी न होने पर संगठन ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है.

अलग राज्य की मांग के लिए हुआ एक प्रदर्शन. (फोटो साभार: nenow.in)

नई दिल्ली/दीमापुर: पूर्वोत्तर राज्य के विभाजन की मांग के मुद्दे को लेकर गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार को नगालैंड के त्युएनसांग पहुंची है.

द हिंदू के अनुसार, अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान समिति कई आदिवासी, छात्र और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलने वाली है. यह समूह राज्य के 16 जिलों में प्रभावशाली सात नगा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) से जुड़े हैं.

ईएनपीओ एक संयुक्त मंच है, जिसमें चांग खुलेई सेतशांग (सीकेएस), खियामनीउंगन ट्राइबल काउंसिल (केटीसी), कोन्यक यूनियन (केयू), फोम पीपुल्स काउंसिल (पीपीसी), यूनाइटेड संगतम लिखुम पुमजी (यूएसएलपी), तिखिर ट्राइबल काउंसिल (टीटीसी) और यिमखिउंग जनजातीय परिषद (वाईटीसी) जैसे संगठन शामिल हैं.

ईएनपीओ राज्य सरकार की ‘दशकों की उपेक्षा’ का दावा करते हुए लंबे समय से उन सात जनजातियों के लिए पूर्व में अलग राज्य बनाए जाने की मांग कर रहा है. अलग राज्य की मांग को लेकर ईएनपीओ के एक दल ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.

शुक्रवार को नगालैंड पहुंची समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के पूर्वोत्तर मामलों के सलाहकार एके मिश्रा कर रहे हैं. समिति के दो अन्य सदस्य खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक डॉ. मनदीप सिंह और गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तर डिविजन के निदेशक एके धयानी हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, समिति ने ईएनपीओ के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व लोकसभा सांसद के. असुंगबा संगतम के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को एक बैठक की थी और शनिवार को भी बैठकें हुई हैं.

पारंपरिक आदिवासी संगठनों और ग्राम प्रधानों के अलावा गृह मंत्रालय की समिति पूर्वी नगालैंड के जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से भी मिलने वाली है.

अगस्त में अपनी अलग राज्य की मांग की शुरुआत करते हुए ईएनपीओ ने राज्य के विभाजन की उसकी मांग पूरी न होने पर आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी थी.

ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दीमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.

नगालैंड में 60 सदस्यीय सदन के लिए विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होना है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जनवरी तक सभी शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि ये चुनाव 12 साल से अधिक समय से लंबित हैं.

ईएनपीओ ने एक बयान में कहा है, ‘अगर केंद्र हमारी अपील का जवाब देने में विफल रहता है, तो हम अपने सभी 20 निर्वाचित प्रतिनिधियों (विधायकों) से इस्तीफा देने के लिए कहेंगे.’

नगालैंड में 60 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 20 प्रस्तावित अलग राज्य के छह जिलों- मोन, त्वेनसांग, किफिर, लोंगलेंग, नोकलाक और शमटोर में हैं. इन जिलों में सात जनजातियों- जो चांग, ​​खियामनिउंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के लोग बसे हुए हैं.

सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के पास इनमें से 15, सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के पास चार सीटें हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक है.

विधानसभा में एनडीपीपी के 42, भाजपा के 12 और नगा पीपुल्स फ्रंट के चार जबकि दो निर्दलीय विधायक हैं.

गौरतलब है कि बीते अक्टूबर महीने में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा था कि राज्य के पूर्वी हिस्से के लोगों द्वारा अलग राज्य की मांग करना ‘गलत नहीं’ है.

रियो ने कहा था, ‘नगा समुदाय, हम अपने मन की बात कहने में यकीन रखते हैं और उनका (पूर्वी नगालैंड के लोगों का) अपनी सोच और इच्छाएं जाहिर करना गलत नहीं है. लेकिन, इन सभी मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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