वीडियोकॉन क़र्ज़ मामला: सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ़्तार किया

सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है. अदालत ने उन्हें सोमवार तक की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (फोटो: रॉयटर्स)

सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है. अदालत ने उन्हें सोमवार तक की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया.

अधिकारियों ने बताया कि चंदा कोचर और उनके पति को एजेंसी मुख्यालय बुलाया गया था और संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वे जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

अब मुंबई की अदालत ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर को 26 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेजा है.

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था.

उन्होंने बताया, ‘ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया.’

उन्होंने बताया कि सीबीआई ने आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2019 में दर्ज प्राथमिकी में दीपक कोचर के प्रबंधन वाली कंपनियों-नूपावर रिन्यूबल्स, सुप्रीम इनर्जी, वीडियोकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटिड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटिड के साथ-साथ कोचर और धूत को भी बतौर आरोपी नामजद किया था.

सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में जल्द ही पहला आरोपपत्र दाखिल किए जाने की संभावना है, जिसमें वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ कोचर दंपत्ति को भी नामजद किया जा सकता है.

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL) और अज्ञात लोक सेवकों को मामले में आरोपी बनाया है.

इसने आरोप लगाया कि ‘आरोपी (चंदा कोचर) ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए अन्य आरोपियों के साथ एक आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण मंजूर किए.’ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

सीबीआई ने एफआईआर में यह भी कहा था कि जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह की पांच कंपनियों को दिए गए सावधि ऋण ‘बैंक की क्रेडिट नियमों के उल्लंघन कर दिए गए थे.’

सीबीआई ने यह भी कहा था कि मई 2009 में कोचर के आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वीडियोकॉन ग्रुप फर्मों को सभी क्रेडिट लिमिट मंजूर की गईं. एजेंसी ने यह भी कहा कि कोचर उस मंजूरी समिति का हिस्सा थीं जिसने वीआईईएल और वीआईएल को क्रमशः 300 करोड़ रुपये और 750 करोड़ रुपयेके कम से कम दो लोन को मंजूरी दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)