मंत्रिमंडल ने रक्षाकर्मियों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ में संशोधन प्रस्ताव को मंज़ूरी दी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8,450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है.

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(फोटो साभार: फेसबुक)

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8,450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा बलों के कर्मचारियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी.

ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं विशेष रूप से सक्षम पेंशनधारकों को भी मिलेगा. यह एक जुलाई 2019 से प्रभावी होगी.

उन्होंने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8,450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है.

संशोधन 30 जून, 2019 तक सभी सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों पर लागू होगा, लेकिन उन लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा, जो 1 जुलाई, 2014 तक समय से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं. सरकार ने कहा कि संशोधन से 25.13 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जिनमें 4.52 लाख सेवानिवृत्त और उनके परिवार हाल ही में शामिल हैं.

ठाकुर ने कहा कि इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा. इसका लाभ 4.52 लाख नए लाभार्थियों सहित सशस्त्र बलों के 25.13 लाख पेंशनधारकों एवं परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत रक्षा बलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में अगले पुनरीक्षण को मंजूरी दे दी.

1 जुलाई, 2019 से ओआरओपी के तहत सेवा पेंशन में रैंक के अनुसार संभावित अनुमानित वृद्धि (रुपये में). (फोटो: पीआईबी)

रक्षा बलों के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी को ओआरओपी प्रस्ताव के अनुरूप बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी. सरकारी बयान के अनुसार, पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होने वाले रक्षा बलों के कार्मिकों की न्यूनतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित की जाएगी. इस औसत से अधिक पेंशन पाने वाले लोगों की पेंशन को संरक्षित किया जाएगा.

इसमें कहा गया है कि बकाये का भुगतान चार छमाही किस्तों में किया जाएगा. हालांकि, विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन पाने वालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनधारकों को एक किस्त में बकाये का भुगतान किया जाएगा.

बयान के अनुसार, अनुमानित वार्षिक वित्तीय प्रभाव की गणना 8450.04 करोड़ रुपये की गई है, जो 31 प्रतिशत महंगाई राहत (डीआर) के रूप में है.

इस संबंध में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार सशस्त्र बलों के कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्र सेवा में जुटी हमारी सेना देशवासियों के गर्व का प्रतीक है. उनके कल्याण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व सैन्यकर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए ओआरओपी के तहत पेंशन प्रावधानों में संशोधन को मंजूरी दी है.’

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, सरकार ने रक्षा बलों के कर्मचारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए ओआरओपी को लागू करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया और 01 जुलाई, 2014 से पेंशन के संशोधन के लिए 07 नवंबर, 2015 को नीति पत्र जारी किया. उक्त नीति पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि भविष्य में पेंशन हर 5 साल में फिर से तय की जाएगी. ओआरओपी के कार्यान्वयन में आठ वर्षों में प्रति वर्ष 7,123 करोड़ रुपये की दर से लगभग 57,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)