केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को यौन उत्पीड़न मामले में सीबीआई ने क्लीन चिट दी

केरल की यूडीएफ सरकार के दौरान सामने आए सौर ऊर्जा घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमान चांडी और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. पिनराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार ने वर्ष 2020 में महिला के आग्रह पर मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अन्य कांग्रेसी नेताओं को सीबीआई ने पहले ही क्लीन चिट दे दी थी.

कांग्रेस नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी. (फोटो: पीटीआई)

केरल की यूडीएफ सरकार के दौरान सामने आए सौर ऊर्जा घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमान चांडी और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. पिनराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार ने वर्ष 2020 में महिला के आग्रह पर मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अन्य कांग्रेसी नेताओं को सीबीआई ने पहले ही क्लीन चिट दे दी थी.

कांग्रेस नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी. (फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को यौन उत्पीड़न के एक मामले में क्लीन चिट दे दी है. उन पर सौर ऊर्जा घोटाले की मुख्य आरोपी ने यह आरोप लगाया था.

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार को यहां अदालत में रिपोर्ट दाखिल की.

सीबीआई ने पिछले साल चांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री केसी वेणुगोपाल और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आरोपी महिला की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़े मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी.

गौरतलब है कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार के दौरान हुए कई करोड़ रुपये के सौर ऊर्जा पैनल घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने शिकायत देकर इल्ज़ाम लगाया था कि 2012 में चांडी और अन्य ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद चांडी और छह अन्य के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में मामले दर्ज किए गए थे, जिनकी छानबीन केरल पुलिस की अपराध शाखा ने की.

केरल की मौजूदा माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने 2021 के शुरू में इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी.

विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए कहा था कि एलडीएफ सरकार उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कुछ पता नहीं लगा सकी, जिसके बाद उसने मामलों को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया.

बता दें कि पुलिस आयुक्त को 19 जुलाई 2013 को लिखे पत्र में महिला ने चांडी, उनके कुछ मंत्री और दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित कांग्रेस और यूडीएफ के कई नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि चांडी ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. केंद्रीय एजेंसी ने अदालत में अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो यह पुष्टि करता हो कि महिला ने अपनी शिकायत में जिस दिन का उल्लेख किया है उस दिन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर चांडी मौजूद थे.

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की जांच में पाया गया है कि चांडी के खिलाफ महिला के आरोप का कोई आधार नहीं है और इस बात के भी कोई प्रमाण नहीं हैं कि वह उस दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास गई थी.

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने यह भी पाया है कि मामला गढ़ा गया है.

पिछले साल, सीबीआई ने शिकायतकर्ता के साथ आधिकारिक आवास, क्लिफ हाउस, की जांच की थी. सूत्रों ने बताया कि ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया जिससे यह पता चले कि जिस दिन कथित उत्पीड़न हुआ उस दिन चांडी आवास पर थे.

अगस्त 2021 में सीबीआई ने चांडी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें केसी वेणुगोपाल, लोकसभा सांसद हिबी ईडेन और अदूर प्रकाश, विधायक एपी अनिल कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी शामिल थे (2012 के कथित घटनाक्रम के समय वे कांग्रेस में थे). इससे पहले सीबीआई ने पांचों को क्लीन चिट दे दी थी.

नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सौर ऊर्जा घोटाले की एक कड़ी के रूप में सामने आए थे, जिसमें एक ठग महिला और उसके साथी ने सौर ऊर्जा समाधान और सौर ऊर्जा परियोजनाओं में साझेदारी का वादा करके कई लोगों को ठगा था.

इस मुद्दे ने 2013 में यूडीएफ सरकार को तब हिलाकर रख दिया, जब यह खुलासा हुआ कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चांडी के तीन निजी कर्मचारी इस धोखाधड़ी में शामिल थे.

सरकार ने घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. पिछली एलडीएफ सरकार ने न्यायिक आयोग की सिफारिश के आधार पर पुलिस को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बलात्कार के मामले दर्ज करने की अनुमति दी थी. विवाद में केरल कांग्रेस(एम) के नेता जोस के. मणि का नाम भी सामने आया था.

जब क्राइम ब्रांच की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, तो शिकायतकर्ता ने 2020 में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को एक पत्र लिखकर मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए कहा था. महिला ने विजयन को दी अपनी शिकायत में जोस के. मणि का नाम छोड़ दिया था. मणि की पार्टी ने तब एलडीएफ से हाथ मिला लिया था. शिकायतकर्ता के पत्र के आधार पर विजयन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

कांग्रेस नेताओं के खिलाफ यौन आरोपों पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के वरिष्ठ विधायक और विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को इस मामले में गलत तरीके से फंसाए गए नेताओं से माफी मांगनी चाहिए.

सतीशन ने कहा कि विजयन कांग्रेस नेताओं और उनके परिवारों का अपमान करना चाहते थे.

उन्होंने कहा, ‘विजयन ने केवल पार्टी के नेताओं का अपमान करने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अब, सोने की तस्करी मामले में शामिल महिला ने मुख्यमंत्री विजयन और उनके परिवार पर आरोप लगाए हैं. सीबीआई जांच के लिए उस आरोप की सिफारिश क्यों नहीं की जा सकती है?’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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