कोचिंग सेंटरों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा है कि सभी कोचिंग संस्थानों को छात्राओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए प्रभावी क़दम उठाने के निर्देश दिए जाएं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सभी राज्यों से कोचिंग सेंटरों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून को सख्ती से लागू करने को कहा है.
द हिंदू के मुताबिक, कोचिंग सेंटरों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा है कि वे कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और इसके तहत दिए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से अमल सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें.
आयोग ने अपने पत्र में यह भी अनुरोध किया है कि सभी कोचिंग संस्थानों को छात्राओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं.
आयोग ने कहा, ‘हाल के सालों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाले सबसे बड़े मुद्दों में से एक बन गया है. आयोग कोचिंग/शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर चिंतित है.’
आयोग ने सभी हितधारकों के बीच कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने के लिए भी कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि काम की जगह पर यौन उत्पीड़न के मामले जिम्मेदारी और प्रभावी ढंग से रिपोर्ट किए जा रहे हैं.
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि ये कोचिंग सेंटर संबंधित प्राधिकरण में पंजीकृत हों और केंद्रों को चलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की गई हो.
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, संरक्षण और निवारण) विधेयक, 2012 (संशोधित विधेयक) संसद द्वारा 2013 में पारित किया गया था. यौन उत्पीड़न कानून संगठित और असंगठित क्षेत्रों सहित सभी क्षेत्रों पर लागू होता है.