मुंबई में चर्च के क़ब्रिस्तान में तोड़फोड़, केस दर्ज

मुंबई के उपनगरीय माहिम स्थित सेंट माइकल चर्च ने एक बयान में कहा है कि परिसर में क़ब्रिस्तान के लगभग 18 क्रॉस टूटे हुए मिले हैं. पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अपराधी के ख़िलाफ़ उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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(फोटो साभार: ट्विटर/@Yurialemao9)

मुंबई के उपनगरीय माहिम स्थित सेंट माइकल चर्च ने एक बयान में कहा है कि परिसर में क़ब्रिस्तान के लगभग 18 क्रॉस टूटे हुए मिले हैं. पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. अपराधी के ख़िलाफ़ उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

(फोटो साभार: ट्विटर/@Yurialemao9)

मुंबई: मुंबई के उपनगरीय माहिम में एक चर्च से जुड़े कब्रिस्तान में एक अज्ञात व्यक्ति ने तोड़फोड़ की है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सेंट माइकल चर्च के कर्मचारियों ने सुबह पाया कि कम से कम 18 ‘क्रॉस’ टूटे हुए थे.

सेंट माइकल चर्च ने एक बयान में कहा, ‘अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि एक बदमाश सुबह-सुबह हमारे चर्च परिसर में घुस गया और कब्रिस्तान के लगभग 18 क्रॉस में तोड़-फोड़ कर दी.’

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह अपराधी को गिरफ्तार करेगी और उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी. रविवार शाम पुलिस ने बताया कि इस संबंध में 22 वर्षीय एक व्यक्ति को नवी मुंबई से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस कृत्य के पीछे की मंशा की जांच की जा रही है. चर्च के कब्रिस्तान में कथित रूप से ‘क्रॉस’ तोड़ने के बाद आरोपी कुछ देर चर्च में बैठा रहा.

आरोपी युवक अपने चाचा की दुकान में काम करता है. उसे विशेष टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से नवी मुंबई के कलमबोली से गिरफ्तार किया गया. उसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जांच के दौरान कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जिन्हें साझा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह मामला एक धार्मिक स्थान से जुड़ा हुआ है.’

अधिकारी ने कहा कि माहिम पुलिस ने इस घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और चर्च परिसर से सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है.

इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि यह ‘मुंबई में शांतिप्रिय कैथोलिक समुदाय पर दबाव डालने और उन्हें जानबूझकर परेशान करने की कोशिश’ जैसा प्रतीत होता है.

क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट किया, ‘मुंबई के माहिम में सेंट माइकल चर्च के कब्रिस्तान में कब्रों और क्रॉस को तोड़े जाने की खबर बहुत परेशान करने वाली है. बांद्रा के सेंट पीटर्स चर्च को भूमि अधिग्रहण नोटिस अस्थायी रूप से वापस लेने के तुरंत बाद हो रही यह घटना कई संदेह पैदा करती है.’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई पुलिस को इस मामले का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह कार्य मुंबई में शांतिप्रिय कैथोलिक समुदाय पर दबाव डालने और उन्हें परेशान करने के लिए एक जान-बूझकर किया गया प्रयास लगता है.

उन्होंने कहा, ‘कब्रों को अपवित्र करने का अर्थ है उन लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और क्रॉस को नुकसान पहुंचाना कैथोलिक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. इस अपराध के अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.’

एक अन्य एनसीपी नेता विद्या चव्हाण ने कहा, ‘मैं सेंट माइकल चर्च में क्रॉस और कब्रों को नुकसान पहुंचाने और अपवित्र करने की कड़ी निंदा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से पूरे मुंबई में सभी चर्चों और कब्रिस्तानों की पूर्ण सुरक्षा के लिए आग्रह करती हूं. मुंबई पुलिस दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे.’

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यह देखकर वास्तव में दुख होता है कि यह सब कार्य अब एक शिक्षित महाराष्ट्र में शुरू हो गए हैं. आशा है कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करेगी.’

मालूम हो कि कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में बीते दो जनवरी को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी. जिनमें ज्यादातर आदिवासी थे. सभा में आदिवासियों के एक समूह ने कथित धर्मांतरण पर चर्चा की, जिसके बाद वे कथित रूप से विश्व दीप्ति क्रिश्चियन स्कूल परिसर में घुस गए और एक चर्च में तोड़फोड़ की थी.

इस हमले में नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक एसपी सदानंद कुमार भी घायल हो गए थे. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो स्थानीय नेता सहित कई लोगों को बीते 3 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले एक जनवरी को नारायणपुर के ही गोर्रा गांव में ईसाई परिवारों पर हुए कथित हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत कई लोग घायल हो गए थे.

पिछले महीने ईसाई समुदाय के लोगों ने अपने ऊपर हुए कथित अत्याचार के खिलाफ नारायणपुर जिले के कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दिया था. आदिवासी बहुल जिले के कम से कम 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि ईसाई धर्म का पालन करने के कारण उन पर कथित रूप से हमला किया गया और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया. उन्होंने इस मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई की मांग की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)