दिल्ली: राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ किया गया

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को साल में एक बार जनता के लिए खुलने वाले इस उद्यान के उत्सव 2023 का उद्घाटन करेंगी.

/
(फोटो साभार: ट्विटर/@rashtrapatibhvn)

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को साल में एक बार जनता के लिए खुलने वाले इस उद्यान के उत्सव 2023 का उद्घाटन करेंगी.

(फोटो साभार: ट्विटर/@rashtrapatibhvn)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा. शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.

यह उद्यान साल में एक बार जनता के लिए खुलता है और लोग इस बार 31 जनवरी से इस उद्यान को देखने जा सकते हैं.

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को राष्ट्रपति भवन उद्यान उत्सव 2023 का उद्घाटन करेंगी.

राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने एक बयान में कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन उद्यानों को ‘अमृत उद्यान’ के रूप में एक सामान्य नाम देकर प्रसन्न हैं.’

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल दिल्ली के प्रतिष्ठित ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था. केंद्र का कहना था कि इन चीजों के नाम में बदलाव औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को हटाने का प्रयास है.

राजपथ की ही तरह मुगल गार्डन को 1917 में एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था और 1928-1929 में यहां पहला बीज रोपा गया था.

बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति भवन उद्यानों की समृद्ध विविधता का ठिकाना है. मूल रूप से, उनमें ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन शामिल हैं.’

इस साल के उद्यान उत्सव में, कई अन्य आकर्षणों के साथ ही आगंतुक 12 अनूठी किस्मों के विशेष रूप से उगाए गए ‘ट्यूलिप’ के फूल देख पाएंगे. उद्यान 31 जनवरी, 2023 को आम जनता के लिए खुलेंगे और 26 मार्च, 2023 तक खुले रहेंगे, जबकि हर सोमवार को यह बंद रहेंगे. साथ ही ये उद्यान आठ मार्च को होली के मौके पर भी बंद रहेंगे.

इस बीच  कांग्रेस के पूर्व सांसद राशिद अल्वी ने इस कदम के लिए मोदी सरकारपर निशाना साधा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, उन्होंने कहा, भाजपा सरकार की यह आदत है, सड़कों का नाम बदलेगी, शहरों का नाम बदलेगी, अब उद्यानों का नाम बदलना शुरू कर दिया है. और इसी को वो विकास समझते हैं. आप अपने उद्यान बनाइए, सड़कें बनाइए, नए बसाइए.  मर्जी के रखिए.’

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘क्या आप राष्ट्रपति भवन को भी ध्वस्त कर देंगे? यह भी अंग्रेज़ों ने बनाया था. क्या संसद भवन और लाल किले को ख़त्म करेंगे, जहां हर साल आप झंडा फहराकर गर्व महसूस करते हैं? नाम बदलने का कोई औचित्य नहीं है.

राजद सांसद और दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक मनोज झा ने भी इसे लेकर तंज़ किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘दुनिया के कई देशों ने तमाम तरीकों के ‘मेमोरी इरेज़र’ आजमाए हैं, लेकिन वो काम नहीं आए… इतिहास हमे आईना दिखाने के लिए कई तरीकों से लौटकर आता है. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि नाम बदलना सबसे आसान काम है, हमें इसके लोभ से बचना चाहिए. जय हिंद.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq