अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, अब उम्मीदवारों को पहले देनी होगी प्रवेश परीक्षा

अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में जाने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होता था, जिसके बाद मेडिकल टेस्ट होता था. अंतिम चरण में उन्हें कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) पास करना होता था. अब बदली हुई प्रक्रिया में सबसे पहले सीईई पास करना होगा, जिसके बाद अन्य दोनों टेस्ट होंगे.

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2022 में हुई एक अग्निवीर भर्ती रैली में शामिल उम्मीदवार. (फोटो: पीटीआई)

अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में जाने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होता था, जिसके बाद मेडिकल टेस्ट होता था. अंतिम चरण में उन्हें कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) पास करना होता था. अब बदली हुई प्रक्रिया में सबसे पहले सीईई पास करना होगा, जिसके बाद अन्य दोनों टेस्ट होंगे.

2022 में हुई एक अग्निवीर भर्ती रैली में शामिल उम्मीदवार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा की है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अब से सेना में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले नामित केंद्रों पर एक ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) से गुजरना होगा, इसके बाद भर्ती रैलियों के दौरान शारीरिक फिटनेस परीक्षण (फिजिकल फिटनेस टेस्ट) होगा और फिर चयन से पहले चिकित्सा परीक्षण (मेडिकल टेस्ट) किया जाएगा.

सेना द्वारा शुक्रवार को जारी एक विज्ञापन में बल में सैनिकों की भर्ती के लिए तीन चरणों का विवरण दिया गया है.

इससे पहले, अग्निवीरों के लिए भर्ती प्रक्रिया अलग थी. उम्मीदवारों को पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट से गुजरना होता था, जिसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट होता था. अंतिम चरण के तौर पर उन्हें सीईई पास करना होता था.

अख़बार के अनुसार, सेना में अब तक 19,000 अग्निवीर शामिल हो चुके हैं और 21,000 मार्च के पहले सप्ताह से सेना में शामिल होंगे. नए भर्ती नियम 2023-24 के अगले भर्ती चक्र से सेना में शामिल होने के इच्छुक करीब 40,000 अभ्यर्थियों पर लागू होंगे.

इससे पहले भर्ती रैलियों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या छोटे शहरों में 5,000 और बड़े शहरों में 1.5 लाख तक रही है.

सेना के अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भर्ती प्रक्रिया में बदलाव भर्ती रैलियों में आने वाले हजारों उम्मीदवारों से निपटने के लिए जरूरी अधिक प्रशासनिक लागत और रसद व्यवस्था को देखते हुए किया गया है.

उन्होंने बताया, ‘पहले की प्रक्रिया में बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग की जाती थी, जिससे प्रशासनिक संसाधनों पर जोर पड़ता था. कानून -व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों और रैली के लिए पर्याप्त चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात किया जाता था.

अधिकारी ने कहा कि नई भर्ती प्रक्रिया रैलियों के आयोजन की लागत को काफी हद तक कम कर देगी और प्रशासनिक और रसद का भार भी कम करेगी.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आधुनिकीकरण पर जोर देने और भविष्य में सेना में विशिष्ट तकनीकों को शामिल करने की योजना के साथ बल में अकादमिक रूप से मजबूत सैनिकों का एक पूल रखना समझदारी है.

उन्होंने कहा, ‘नई प्रक्रिया, जहां सीईई पास करना स्क्रीनिंग का पहला चरण है, बेहतर योग्य उम्मीदवारों का होना सुनिश्चित करेगी, जिनकी फिजिकल फिटनेस जांची जाएगी  और फिर उन्हें मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा.’