आरएसएस से संबद्ध संस्थाओं ने बजट पर चिंता जताई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नई कर व्यवस्था का करदाताओं की बचत पर बुरा असर पड़ेगा. संस्था ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि नई कर व्यवस्था में कुछ इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे मध्य वर्ग बचत करने को प्रेरित हो. आरएसएस से ही जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने भी बजट पर निराशा जताई है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नई कर व्यवस्था का करदाताओं की बचत पर बुरा असर पड़ेगा. संस्था ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि नई कर व्यवस्था में कुछ इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे मध्य वर्ग बचत करने को प्रेरित हो. आरएसएस से ही जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने भी बजट पर निराशा जताई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नई आयकर व्यवस्था से रिटर्न भरने और कर का बोझ कम होने के मामले में करदाताओं को कुछ राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन इसका प्रतिकूल असर उनकी बचत पर होगा. स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने शुक्रवार को यह दावा किया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध इस संस्था ने केंद्र से अनुरोध किया कि नई कर व्यवस्था में कुछ इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे मध्य वर्ग बचत करने को प्रेरित हो.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने बजट भाषण में घोषित कर छूट पर असंतोष व्यक्त करते हुए मंच ने कहा है कि यह बचत को प्रभावित करेगा, जो सरकारी कर्ज का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. इसने यह भी कहा है कि बजट ऐसे समय में विनिर्माण क्षेत्र को पर्याप्त समर्थन प्रदान नहीं करता है, जब चीन से भारत का आयात अभूतपूर्व उच्च स्तर पर है.

स्वदेशी जागरण मंच के सह-समन्वयक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा, ‘आशा के अनुरूप नई कर व्यवस्था में मध्य वर्ग और अति संपन्न वर्ग पर आयकर का बोझ कम किया गया है. हमारा मानना है कि इससे रिटर्न भरने और कर का बोझ कम होने जैसी राहत तो करदाताओं को मिल सकती है, लेकिन आयकर भरने वाले लोगों की बचत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है.’

महाजन ने कहा, ‘स्वदेशी जागरण मंच सरकार पर मध्यम वर्ग द्वारा बचत को बढ़ावा देने के लिए कर व्यवस्था को बदलने के लिए दबाव डालेगा, जो सरकार के कर्ज और पूंजी निर्माण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है.’

मंच ने आम बजट को वृद्धि को बढ़ावा देने वाला बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के स्तर पर पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए हैं.

महाजन ने कहा, ‘हालांकि यह उम्मीद थी कि इस बजट में विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा, स्वदेशी जागरण मंच पर्याप्त प्रयासों की कमी पर अपना असंतोष व्यक्त करता है, जिसमें उत्पादों पर टैरिफ की बढ़ोतरी शामिल हैं. आज देश चीन से अभूतपूर्व मात्रा में आयात और व्यापार घाटा देख रहा है, लेकिन वित्त मंत्री का इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं जा सका.’

सरकारी व्यय के बारे में बात करते हुए महाजन ने कहा, ‘वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों (आरई) के अनुसार, कुल व्यय लगभग 42 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. इसकी तुलना में इस साल करीब 45 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान (बजट अनुमान) रखा गया है, यानी सिर्फ 7 फीसदी की बढ़ोतरी.’

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर स्वदेशी जागरण मंच ने बजट को विवेकपूर्ण और विकासोन्मुखी पाया है और एमएसएमई, कृषि और पर्यटन को बहुत आवश्यक सहायता प्रदान की है.

मालूम हो कि बीते एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आखिरी बार केंद्र की मोदी सरकार का पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था का किया था, जिसमें आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी गई है. मौजूदा व्यवस्था में पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर नागरिक कोई आयकर नहीं देते हैं.

सीतारमण पांचवी बार बजट पेश कर रही थीं. उन्होंने बताया था कि इसके साथ ही आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई, जिसमें 3 से 6 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर देना होगा.

आरएसएस से जुड़ा मजदूर संघ बजट पर निराशा जताया

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरएसएस से ही जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने भी कुछ बिंदुओं पर निराशा व्यक्त की है. हालांकि उसने ‘कल्याण और अर्थव्यवस्था’ उन्मुख होने के लिए बजट का स्वागत किया हो.

बीएमएस ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘बजट ने ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) पेंशनरों के लिए निराशा ला दी है, जिन्हें न्यूनतम पेंशन के रूप में केवल 1,000 रुपये मिल रहे हैं, क्योंकि पिछले तीन वर्षों से देश भर में वे आंदोलन किए जा रहे हैं और पेंशनभोगी बजट से अधिक अनुकूल कार्यों की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन बजट उन्हें प्रतिबिंबित नहीं कर सका. कम से कम उन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जा सकता था.’

इसने यह भी कहा कि बजट आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक है. बीएमएस ने कहा, ‘आशा जैसी योजना कार्यकर्ता और लंबे समय तक काम करने के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मामूली मासिक मानदेय मिल रहा है, वे भी बजट से निराश हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50