कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले लोकायुक्त पुलिस ने कथित तौर पर भाजपा विधायक के. मदल विरुपक्षप्पा के कार्यालय से 2.02 करोड़ रुपये और उनके बेटे वी. प्रशांत मदल के आवास से 6.10 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद किए. विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इस्तीफ़े की मांग की है.
नई दिल्ली: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले लोकायुक्त पुलिस ने कथित तौर पर भाजपा विधायक और राज्य के एक सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के अध्यक्ष के कार्यालय से 2.02 करोड़ रुपये तक की बेहिसाब नकदी बरामद की और विधायक के बेटे के आवास से 6.10 करोड़ रुपये बरामद किए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विधायक के बेटे को बृहस्पतिवार (2 फरवरी) शाम विधायक कार्यालय में कथित रूप से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद यह तलाशी ली गई थी.
भाजपा विधायक के. मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जो राज्य का एक सार्वजनिक उपक्रम है. वह फिलहाल फरार हैं.
उनके बेटे, कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (केएएस) अधिकारी वी. प्रशांत मदल, जो बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) में चीफ एकाउंटेंट के रूप में तैनात थे, को गिरफ्तार कर लिया गया है.
The anti-corruption branch of Lokayukta yesterday arrested Prashanth Maadal, son of BJP MLA Maadal Virupakshappa, while taking a bribe of Rs 40 lakh. Over Rs 1.7 crore in cash recovered from his office. Prashanth Maadal is chief accountant in BWSSB: Karnataka Lokayukta pic.twitter.com/5Blext88i1
— ANI (@ANI) March 3, 2023
एफआईआर में विधायक को पहले आरोपी और उनके बेटे को दूसरे आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. एफआईआर बेंगलुरु के केमिक्सिल कॉरपोरेशन में पार्टनर श्रेयस कश्यप की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशांत मदल ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड में टेंडर के लिए रिश्वत के रूप में 81 लाख रुपये की मांग की थी.
बृहस्पतिवार शाम को प्रशांत मदल को उनके पिता के केएसडीएल के कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था, जब वह कथित तौर पर ‘पहली किस्त’ के रूप में 40 लाख रुपये ले रहे थे.
उसके बाद मारे गए छापे के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने कथित तौर पर विधायक के केएसडीएल कार्यालय से 2.02 करोड़ रुपये नकद और प्रशांत के आवास से 6.10 करोड़ रुपये बरामद किए. प्रशांत इससे पहले अब निष्क्रिय हो चुके भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में तैनात थे.
दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था.
इसी बीच, भाजपा विधायक के. मदल विरुपक्षप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे एक में उन्होंने कहा, ‘मेरे परिवार के खिलाफ कुछ साजिश हो रही है. मैं नैतिक जिम्मेदारी के तहत इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मेरे खिलाफ आरोप हैं.’
कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) बीएस पाटिल ने कहा, ‘पांच व्यक्तियों (प्रशांत सहित) को पकड़ा गया है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.’
पुलिस ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. जिन अन्य लोगों को एफआईआर में नामजद किया गया है, उनमें प्रशांत के कार्यालय में एकाउंटेंट सुरेंद्र, प्रशांत के रिश्तेदार सिद्देश और दो अन्य अल्बर्ट निकोला तथा गंगाधर शामिल हैं.
इसी बीच, भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि यह ‘40 फीसदी कमीशन वाली सरकार’ है.
वहीं, पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि भाजपा ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लोकायुक्त की फिर से स्थापना की है. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार विरोधी संस्था की अनुपस्थिति में कांग्रेस शासन के दौरान कई घटनाएं हुईं और उन्हें भी दबा दिया गया.’
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शनिवार को कांग्रेस ने कर्नाटक में भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर भाजपा विधायक के. मदल विरुपक्षप्पा की गिरफ्तारी की मांग की है.
इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित कई कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया.
#WATCH | Several Congress leaders including former CM Siddaramaiah detained by Police during their protest against the Karnataka govt in Bengaluru demanding the arrest of BJP MLA Maadal Virupaksha whose son was caught taking bribe pic.twitter.com/3x8aJsk3WU
— ANI (@ANI) March 4, 2023
बेंगलुरु में कर्नाटक सरकार के खिलाफ पार्टी के विरोध पर कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि राज्य में घोटाले और भ्रष्टाचार चल रहे हैं, लेकिन सरकार ने सबूत मांगा, तो यह सबूत है. हम मुख्यमंत्री बोम्मई के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बीते शुक्रवार को इस संबंध में सिद्दारमैया ने कहा था कि इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है.