पीएमओ अधिकारी बनकर कश्मीर दौरा करने वाले ठग के मामले में सरकार जवाबदेही तय करे: कांग्रेस

गुजरात के किरण पटेल नामक ठग को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 3 मार्च को गिरफ़्तार किया है. किरण पटेल ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उनके रहने के लिए पांच सितारा होटल की व्यवस्था करने के साथ ही ज़ेड प्लस सुरक्षा भी दी गई थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को ‘अयोग्य’ क़रार दिया है.

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किरण पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

गुजरात के किरण पटेल नामक ठग को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 3 मार्च को गिरफ़्तार किया है. किरण पटेल ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उनके रहने के लिए पांच सितारा होटल की व्यवस्था करने के साथ ही ज़ेड प्लस सुरक्षा भी दी गई थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को ‘अयोग्य’ क़रार दिया है.

श्रीनगर के लाल चौक पर सुरक्षाकर्मियों के साथ मौजूद किरण पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: गुजरात के एक ठग द्वारा खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का अधिकारी बताकर जेड-प्लस सुरक्षा में कई बार कश्मीर का दौरा करने के मामले में कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सवाल किया है.

बता दें कि गुजरात के किरण जगदीश भाई पटेल को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 3 मार्च को श्रीनगर के एक पांच सितारा होटल से स्वयं को पीएमओ में नियुक्त एक अधिकारी के रूप में पेश करने और अन्य आतिथ्य के अलावा जेड-प्लस सुरक्षा लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि उनके खिलाफ उनके गृह राज्य (गुजरात) में तीन मामले दर्ज हैं.

गौरतलब है कि ठग किरण पटेल के भाजपा के साथ भी कथित संबंध सामने आए हैं.

द हिंदू के मुताबिक, इसे बहुत गंभीर मामला बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान ऐसे मामलों पर नहीं है क्योंकि वह ‘प्रधानमंत्री को घनिष्ठ मित्र को बचाने में व्यस्त है.’

खेड़ा ने कहा, ‘अगर कोई मोदी सरकार से सवाल पूछता है तो वह देशद्रोही होता है. आप किस देश हित में काम कर रहे हैं? यदि आप देश की सुरक्षा को लेकर थोड़ा भी गंभीर हैं तो मुझे बताएं कि राजनीतिक स्तर पर इस मामले में कौन इस्तीफा देगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे तीन जरूर सवाल हैं- क्या एक पीएमओ अधिकारी को जेड प्लस सुरक्षा मिल सकती है, क्या जेड प्लस सुरक्षा दी जानी चाहिए और क्या जेड प्लस सुरक्षा इतनी आसानी से प्राप्त की जा सकती है. यह जानना बहुत जरूरी है कि ठग को सुरक्षा देने का निर्देश किस स्तर से आया.’

खेड़ा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में जेड प्लस सुरक्षा के साथ पीएमओ कार्ड बनाकर घूम सकता है तो इस प्रकरण ने सरकार की खुफिया तंत्र पर सवाल खड़ा कर दिया है.

खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘क्या वह टूलकिट का हिस्सा है? यह मत भूलिए कि 14 फरवरी 2019 को हुए (पुलवामा) आतंकी हमले में हमने 40 वीर जवानों को खोया था. उस इलाके में इतना आरडीएक्स कैसे आया, कोई नहीं जानता. जम्मू कश्मीर में जब पुलिस उपाधीक्षक देविंदर सिंह आतंकियों की मदद करते पकड़े गए तो उन्होंने पुलिस को डांटते हुए कहा था, ‘मेरा खेल मत खराब करो’. वह किस खेल की बात कर रहे थे? उन्हें बिना किसी जांच के रिहा कर दिया गया.’

जम्मू कश्मीर प्रशासन नाकारा है, चार बार मूर्ख बना: उमर अब्दुल्ला

कांग्रेस के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस मसले पर बात करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन को ‘अयोग्य’ करार दिया है.

द हिंदू के मुताबिक, उमर अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर जिले में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘इतने अनुरोध के बाद भी मेरे सहयोगियों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है. जब उन्हें यात्रा करनी होती है और एस्कॉर्ट की मांग की जाती है तो पुलिस कहती है कि उनके पास कोई वाहन या कर्मी नहीं है. ठीक है कि आपके पास कोई वाहन नहीं है, हम शिकायत नहीं कर सकते हैं. लेकिन जब एक जालसाज बाहर से आता है तो आपके पास वाहन उपलब्ध होता है.’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘गुजरात से एक व्यक्ति आया और उसने कहा कि वह पीएमओ में एक अधिकारी है, लेकिन किसी ने भी उसके दावे की पुष्टि नहीं की.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें पीएमओ को फोन लगाकर या वहां से कोई पत्र आया है, यह देखकर उसकी पहचान की पुष्टि करनी चाहिए थी. हम समझते हैं कि आपको (जम्मू-कश्मीर प्रशासन) एक बार बेवकूफ बनाया गया है, लेकिन यह कितनी अक्षम सरकार है कि आपको चार बार बेवकूफ बनाया गया.’

उन्होंने कहा कि ठग को एक बुलेटप्रूफ वाहन, आगे एक एस्कॉर्ट और दूसरा पीछे, एक पांच सितारा होटल में एक कमरा दिया गया था और हर शाम अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती थीं.

ठग किरण पटेल की तस्वीरों और वीडियो का उल्लेख करते हुए जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, अब्दुल्ला ने कहा कि वह गुलमर्ग में होटलों का निरीक्षण करने गए और यहां तक कि उरी क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) का भी दौरा किया, जहां संभव है कि गोपनीय जानकारी उनके साथ साझा की गई हो.

उन्होंने कहा कि एक उपायुक्त पर अंगुलियां उठाई जा रही हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि सुरक्षा पुलिस मुख्यालय द्वारा मंजूर की जाती है, जबकि वाहन देने का फैसला सचिवालय में लिया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘उपायुक्त पांच सिताना होटल का बिल नहीं प्रदान करते हैं, वित्त विभाग और (आतिथ्य एवं) प्रोटोकॉल विभाग बिल को मंजूरी देता है. यह यह अक्षमता नहीं है, तो क्या है?’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसे (पटेल) तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हम नहीं जानते कि और कितने जालसाज यहां आए होंगे. हमें नहीं पता कि वे किस होटल में रुके. कुछ लोगों का कहना है कि तीन लोग आए थे और चले गए. क्या यह सरकार है?’

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