गुजरात में बीते दो वर्षों के दौरान 1,359 परिवारों को बीपीएल सूची में जोड़ा गया

गुजरात की भाजपा सरकार ने बीते 21 मार्च को गुजरात विधानसभा में उठाए गए कई सवालों के जवाब में ये आंकड़े प्रस्तुत किए हैं. इस दौरान अमरेली ज़िले में सबसे अधिक 425 परिवार बीपीएल सूची में शामिल किए गए हैं.

/
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल. (फोटो: पीटीआई)

गुजरात की भाजपा सरकार ने बीते 21 मार्च को गुजरात विधानसभा में उठाए गए कई सवालों के जवाब में ये आंकड़े प्रस्तुत किए हैं. इस दौरान अमरेली ज़िले में सबसे अधिक 425 परिवार बीपीएल सूची में शामिल किए गए हैं.

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अपने विकास मॉडल को अक्सर प्रचारित करने वाले गुजरात राज्य में बीते दो वर्षों में गुजरात में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल) परिवारों की संख्या में 1,359 की वृद्धि हुई है. अमरेली जिले में बीपीएल परिवारों की संख्या में सबसे अधिक (425) की वृद्धि देखी गई.

गुजरात की भाजपा सरकार ने बीते 21 मार्च को गुजरात विधानसभा में उठाए गए कई सवालों के जवाब में ये आंकड़े प्रस्तुत किए हैं.

सरकार घरेलू आय और खपत के स्तर के आधार पर गरीबी रेखा का अनुमान लगाने के लिए कई सामाजिक और आर्थिक कारकों को ध्यान में रखती है और एक सीमा निर्धारित करती है, जो परिवारों की आर्थिक स्थिति को दर्शाती है. सरकार इसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करती है कि किसी परिवार को राज्य से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है या नहीं.

साल 2011-12 के लिए राष्ट्रीय गरीबी रेखा (सुरेश तेंदुलकर समिति की कार्यप्रणाली का उपयोग करके) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 816 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह और शहरी क्षेत्रों के लिए 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह अनुमानित की गई थी. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 27.2 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 33.3 रुपये के दैनिक खर्च की राशि है.

साल 2014 में प्रकाशित लाइव मिंट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हालांकि, राज्य और कीमतों में अंतर के कारण गरीबी रेखा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. 2011-12 के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात की गरीबी रेखा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रति माह 932 रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए क्रमश: 1,152 रुपये है.

21 मार्च को गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई सवालों के जवाब में विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इस साल 31 जनवरी तक गुजरात में 31.67 लाख से अधिक परिवार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रह रहे हैं.

जवाब में कहा गया है कि 2021 और 2022 में 11 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया. 31 जनवरी 2023 तक गुजरात में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या में पिछले दो वर्षों में 1,359 की वृद्धि हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित राज्य द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 425 परिवारों के साथ अमरेली जिले ने इस दौरान सबसे अधिक नए बीपीएल परिवारों को पंजीकृत किया है. इसके बाद साबरकांठा (301), बनासकांठा (199), आणंद (168) और जूनागढ़ (149 परिवार) जिलों का स्थान है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में प्रोफेसर और अर्थशास्त्री हेमंत कुमार शाह ने बताया कि जिस राज्य में लोग दावा करते हैं कि वह ‘विकसित’ है और जिसका विकास मॉडल देश और दुनिया के सामने एक उदाहरण बना है, वहां इतनी संख्या में गरीब परिवारों का होना ‘दर्दनाक’ है.

इंडियन एक्सप्रेस ने पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया था कि 2020-21 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या में 2,556 की वृद्धि हुई है.

इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq