पिछले सात महीनों में क़रीब 400 एनजीओ ने एफसीआरए लाइसेंस की वैधता खोई: रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय का विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) संबंधी पोर्टल बताता है कि 26 मार्च 2023 तक सक्रिय एफसीआरए लाइसेंस वाले संगठनों की संख्या 16,352 थी. 12 अगस्त 2022 को यह आंकड़ा 16,727 था.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

केंद्रीय गृह मंत्रालय का विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) संबंधी पोर्टल बताता है कि 26 मार्च 2023 तक सक्रिय एफसीआरए लाइसेंस वाले संगठनों की संख्या 16,352 थी. 12 अगस्त 2022 को यह आंकड़ा 16,727 था.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

नई दिल्ली: लगभग 400 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के लाइसेंस पिछले सात महीनों में या तो रद्द, निलंबित कर दिए गए हैं या नवीनीकरण (रिन्यू) करने से इनकार कर दिया गया है, या वे ख़त्म मान लिए गए हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इन संगठनों में सोनिया और राहुल गांधी की अगुवाई वाले राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, ऑक्सफैम इंडिया और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च भी शामिल हैं.

अखबार ने बताया कि एफसीआरए, जो विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है, को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय का पोर्टल बताता है कि सक्रिय एफसीआरए लाइसेंस वाले संगठनों की संख्या 26 मार्च 2023 तक 16,352 थी, जबकि यह संख्या 12 अगस्त 2022 को 16,727 थी.

इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, मंत्रालय ने शनिवार को ‘कुछ श्रेणियों’ के एनजीओ को उनके एफसीआरए लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए 30 सितंबर 2023 तक छह महीने का विस्तार दिया गया है.

अधिसूचना में कहा गया है कि जिन गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए नवीनीकरण ‘गृह मंत्रालय के पास लंबित है’ और ‘जिन्होंने आवेदन किया है या जो पांच साल की वैधता अवधि समाप्त होने से पहले आवेदन करेंगे’, उनके लिए समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है.

इससे पहले गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 15 मार्च को राज्यसभा को बताया कि देश में 10 मार्च तक सक्रिय एफसीआरए लाइसेंस वाले 16,383 संगठन हैं और इन एनजीओ को 2019-20 में 16,306.04 करोड़ रुपये, 2020-21 में 17,058.64 करोड़ रुपये और 2021-22 में 22,085.10 करोड़ रुपये मिले थे .

ज्ञात हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय पांच साल की अवधि के लिए एफसीआरए लाइसेंस देता है.

2020 में नरेंद्र मोदी सरकार ने इसके नियमों को कड़ा करते हुए संबंधित अधिनियम में संशोधन किया था. संशोधनों के बाद अब विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाले एनजीओ को अपने सभी पदाधिकारियों, निदेशकों या प्रमुख पदाधिकारियों का आधार नंबर देना अनिवार्य है. साथ ही, फंड अब केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नई दिल्ली शाखाओं में जमा किया जा सकता है.

गौरतलब है कि जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, एफसीआरए लाइसेंस वाले संगठनों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है.

1 जनवरी 2022 को गृह मंत्रालय ने बताया था कि लगभग 6,000 संगठनों ने अपने एफसीआरए लाइसेंस खोए हैं. इससे पहले, दिसंबर 2016 में लगभग 20,000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस अधिनियम के कथित उल्लंघन के चलते रद्द कर दिए गए थे. उस समय करीब 33,000 एनजीओ के पास यह लाइसेंस था.

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