‘मोदी सरनेम’ मामला: अब पटना कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को समन भेजा

'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर सूरत के एक कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद पटना की एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर मानहानि के मामले में बयान दर्ज करने के लिए इसके समक्ष पेश होने को कहा है.

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सुशील मोदी और राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई/यूट्यूब/कांग्रेस)

‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर सूरत के एक कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद पटना की एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर मानहानि के मामले में बयान दर्ज करने के लिए इसके समक्ष पेश होने को कहा है.

सुशील मोदी और राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई/यूट्यूब/कांग्रेस)

पटना: गुजरात की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद पटना की एक अदालत ने कथित तौर पर उन्हें 12 अप्रैल को पेश होने के लिए समन दिया है ताकि 2019 के संसदीय चुनावों के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी की ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर मानहानि के मामले में उनका बयान दर्ज किया जा सके.

द हिंदू के मुताबिक, सुशील मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में ‘मोदी सरनेम वाले सभी चोर हैं’ कहकर मेरे जैसे पिछड़े वर्ग के लोगों का अपमान किया. मैंने उनके खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी. पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने के लिए समन जारी किया है.’

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को 6 जुलाई, 2019 को मामले में सरेंडर करना पड़ा था और वर्तमान में वह मामले में जमानत पर हैं. मामले में मेरी तरफ से सभी चार गवाहों के बयान पहले ही अदालत में दर्ज किए जा चुके हैं.’

मोदी के अलावा, भाजपा नेता और विधायक नितिन नवीन, संजीव चौरसिया और पार्टी की युवा शाखा के नेता मनीष कुमार ने मामले में अपने बयान दर्ज करवाए हैं.

मालूम हो कि बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

राहुल के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा 13 अप्रैल, 2019 को केस दर्ज कराया गया था. उन्होंने कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के समय एक रैली में राहुल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत की थी.

राहुल गांधी ने कथित तौर पर रैली के दौरान कहा था, ‘सभी चोर, चाहे वह नीरव मोदी हों, ललित मोदी हों या नरेंद्र मोदी, उनके नाम में मोदी क्यों है.’

दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि वायनाड से सांसद राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

गांधी को सजा सुनाए जाने और अयोग्य घोषित करने के बाद विपक्षी दलों ने संसद के भीतर और बाहर, बिहार सहित राज्य विधानसभाओं में जोरदार विरोध किया. गांधी को दिल्ली में अपना बंगला खाली करने का नोटिस भी दिया गया है.

सुशील मोदी ने वीडियो संदेश में कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सूरत की अदालत, जिसने गांधी को मामले में दोषी ठहराया है, की तरह यह अदालत (पटना में) भी मेरी याचिका पर संज्ञान लेगी और उन्हें उचित सजा देगी.’

इस बीच, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि उन्हें गांधी को जारी समन की जानकारी नहीं है.

राज्य के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न छापने के शर्त पर द हिंदू को बताया, ‘पटना की एक अदालत द्वारा हमारे नेता राहुल गांधी को किसी समन के बारे में मुझे अभी तक जानकारी नहीं है, इसलिए मैं कैसे बताऊं कि वह 12 अप्रैल को इसके सामने पेश होंगे या नहीं?’

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘अगर अदालत ने समन जारी किया है, तो गांधी अपना बयान दर्ज करने के लिए उसके सामने पेश होना चाहेंगे. देखते हैं क्या होता है लेकिन आज देश में हर कोई जानता है कि ये हमारी पार्टी के नेता के खिलाफ सिर्फ राजनीति से प्रेरित याचिकाएं हैं.’