कर्नाटक सरकार ने पीएम मोदी द्वारा आईआईटी धारवाड़ के उद्घाटन पर 9.49 करोड़ रुपये ख़र्चे: आरटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईआईटी-धारवाड़ के नए स्थायी परिसर का उद्घाटन किया गया था. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया है कि इस समारोह के लिए लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने-ले जाने के लिए केएसआरटीसी की बसों पर 2.83 करोड़ रुपये और लंच के लिए 86 लाख रुपये ख़र्च किए गए. आयोजन की ब्रांडिंग पर अलग से 61 लाख रुपये ख़र्च हुए.

आईआईटी धारवाड़ के कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: ट्विटर/@iitdhrwd)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईआईटी-धारवाड़ के नए स्थायी परिसर का उद्घाटन किया गया था. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया है कि इस समारोह के लिए लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने-ले जाने के लिए केएसआरटीसी की बसों पर 2.83 करोड़ रुपये और लंच के लिए 86 लाख रुपये ख़र्च किए गए. आयोजन की ब्रांडिंग पर अलग से 61 लाख रुपये ख़र्च हुए.

आईआईटी धारवाड़ के कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: ट्विटर/@iitdhrwd)

नई दिल्ली: कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इस साल 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईआईटी-धारवाड़ के नए स्थायी परिसर के उद्घाटन के लिए लोगों को लाने-ले जाने, लंच, स्टेज सेटअप करने, ब्रांडिंग, प्रचार और अन्य रसद पर कुल 9.49 करोड़ रुपये खर्च किए.

ज्ञात हो कि धारवाड़ में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर की आधारशिला रखने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी विधानसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले पूरे कर्नाटक में कई विकास परियोजनाओं की घोषणा भी की थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस समारोह में दो लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें से अधिकांश को भोजन और परिवहन सुविधाएं प्रदान की गई थीं. समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, जनता दल (सेक्युलर) के नेता गुरुराज हुनसाहिमारद द्वारा किए गए एक आरटीआई आवेदन के जवाब में प्राप्त जानकारी बताती है कि हुबली-धारवाड़ जिला प्रशासन ने समारोह पर हुए खर्च का ब्योरा देते हुए बताया कि केएसआरटीसी बसों से लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने और वापस लाने के लिए पर 2.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि दोपहर के भोजन पर 86 लाख रुपये खर्च हुए. साउंड, एलईडी लाइटिंग और सीसीटीवी लगाने पर 40 लाख रुपये का खर्च आया और लगभग 4.68 करोड़ रुपये एक जर्मन टेंट, मंच, एक ‘ग्रीन रूम’ और बैरिकेड्स लगाने पर खर्च किए गए.

आरटीआई के जवाब में मिला खर्च का ब्यौरा.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आयोजन की ब्रांडिंग पर अलग से 61 लाख रुपये खर्च किए गए.

ऐसे समय में यह जानकारी महत्वपूर्ण हो जाती है जब प्रधानमंत्री दक्षिणी राज्यों का दौरा कर रहे हैं, जहां कभी वे कर्नाटक के बांदीपुर वन्यजीव अभ्यारण्य और आसपास के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के दौरे पर हैं, तो हैदराबाद में उनकी प्रचार रैलियां हो रही हैं और तमिलनाडु में वे नई ट्रेनों और चेन्नई हवाईअड्डे का उद्घाटन कर रहे हैं.

कर्नाटक में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी वाले भव्य उद्घाटन समारोहों पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि भाजपा के लिए मोदी के चुनाव अभियान पर अप्रत्यक्ष रूप से जनता का पैसा खर्च किया जा रहा है.

आईआईटी-धारवाड़ के उद्घाटन समारोह पर टिप्पणी करते हुए, जद (एस) के जिलाध्यक्ष हुनसाहिमारद ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘यह समारोह भाजपा के चुनाव अभियान की तरह लग रहा था. यह जनता के पैसे और सत्ता का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि यह एक सरकारी समारोह था, लेकिन भाजपा ने लोगों को ‘वीआईपी’ और ‘वीवीआईपी’ पास जारी किए. इन पासों को अंततः सुरक्षा कर्मचारियों ने वैध नहीं माना, जिसके कारण कई वरिष्ठ नागरिक जिनके पास ऐसे पास थे, उन्हें कार्यक्रम स्थल में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा.

द वायर  से बात करते हुए हुनसाहिमारद ने कहा, ‘हुबली-धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय द्वारा दिए गए आरटीआई जवाब में केवल डिप्टी कमिश्नर के फंड से खर्च की गई राशि का हिसाब है. हमारे अनुमान के मुताबिक इस आयोजन पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च किए गए.’

उन्होंने बताया, ‘निजी वाहनों को भी किराए पर लिया गया था. लगभग 60,000 लोगों को लंच दिया गया. भाजपा ने लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 1,000 रुपये की पेशकश की थी. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने 16 मार्च, 2023 को आयोजन के चार दिन बाद आरटीआई दायर की थी, लेकिन डीसी कार्यालय से चार-पांच दिन पहले ही जवाब मिला.

इसी आयोजन को लेकर एक ट्विटर यूजर @churumuri ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी 12 मार्च 2023 को कर्नाटक में धारवाड़ आईआईटी कैंपस के उद्घाटन के लिए गए थे. एक आरटीआई आवेदन के जवाब से पता चलता है कि 110 मिनट की यात्रा की लागत 9.49 करोड़ रुपये- 9,49,40,270 रुपये थी. यह 8.63 लाख रुपये प्रति मिनट की ‘देश सेवा’ हुई.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘खर्चों को छिपाने के लिए पार्टी प्रचार के साथ आधिकारिक कार्यक्रमों को जोड़ देना प्रधान मंत्री कार्यालय के लिए चुनाव के समय का एक तरीका बन चुकाहै. धारवाड़ में 9.49 करोड़ रुपये का भार कर्नाटक सरकार; दक्षिण पश्चिम रेलवे और हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड वहन किया.’ उन्होंने इसके साथ यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री की इस तरह की यात्राएं भाजपा के लिए चुनाव प्रचार के रूप में काम करती हैं और 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान भी ऐसा ही देखा गया था.

@churumuri का अनुमान है कि प्रति कार्यक्रम लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि को देखते हुए पिछले नौ वर्षों में पीएम मोदी के कार्यक्रमों से राज्यों के कोष को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ हो सकता है.

राज्य सरकार ने इसी तरह के अन्य कार्यक्रमों, जिनमें पीएम मोदी भी शामिल हुए थे, का खर्च भी वहन किया है.

कन्नड़ दैनिक प्रजावाणी के अनुसार, शिमोगा के एक शख्स आकाश पाटिल द्वारा डाली गई एक आरटीआई के जवाब में पता चला था कि राज्य सरकार ने 27 फरवरी, 2023 को शिमोगा हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में लोगों को ले जाने के लिए 1,600 केएसआरटीसी बसों को 3.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया. राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा केएसआरटीसी को इस राशि का भुगतान किया गया था.

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