जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार डीआरडीओ अधिकारी आरएसएस का सक्रिय स्वयंसेवक है: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के तहत आता है. संघ से जुड़ा शख़्स संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा था, लेकिन मीडिया से ख़बर ग़ायब है. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और ख़बर ही नहीं चलाता.

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डीआरडीओ अधिकारी प्रदीप कुरुलकर. (फोटो साभार: फेसबुक)

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के तहत आता है. संघ से जुड़ा शख़्स संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा था, लेकिन मीडिया से ख़बर ग़ायब है. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और ख़बर ही नहीं चलाता.

डीआरडीओ अधिकारी प्रदीप कुरुलकर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) अधिकारी प्रदीप कुरुलकर आरएसएस के सक्रिय स्वयंसेवक हैं.

बीते 3 मई को महाराष्ट्र राज्य आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने हनी ट्रैप के एक संदिग्ध मामले में पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों के साथ कथित रूप से ‘गलत संचार’ करने के आरोप में पुणे में डीआरडीओ अधिकारी प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया था.

अधिकारी ने कई मिसाइलों सहित डीआरडीओ की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया है. उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.

एनडीटीवी की ​एक रिपोर्ट के अनुसार, पुणे की एक विशेष अदालत ने कुरुलकर की पुलिस हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और पूरी जांच के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है.

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कुरुलकर की गिरफ्तारी एक ‘बहुत गंभीर मामला’ है और आरोप लगाया कि यह आरएसएस के ‘राष्ट्र-विरोधी चेहरे’ को उजागर करता है.

उन्होंने दावा किया, ‘आरएसएस के एक सक्रिय स्वयंसेवक नेता और डीआरडीओ के अनुसंधान एवं विकास (इंजीनियरिंग) के निदेशक प्रदीप कुरुलकर को महाराष्ट्र एटीएस ने पाकिस्तान की ओर से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह मामला आरएसएस एक तथाकथित राष्ट्रवादी संगठन होने के झूठ और कपट को उजागर करता है.’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना चाहिए कि कुरुलकर और आरएसएस के बीच क्या संबंध है, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शीर्ष पदाधिकारियों की उपस्थिति में आरएसएस के कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कुरुलकर की एक वीडियो भी दिखाया.

खेड़ा ने दावा किया, ‘आरएसएस के साथ कुरुलकर का जुड़ाव कई पीढ़ियों से है, जैसा कि उन्होंने पिछले साल एक यूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया था. उनके दादा आरएसएस के स्वयंसेवक थे, जिन्होंने गणितज्ञ के रूप में काम किया और उनके पिता ने भी संघ के लिए काम किया था.’

उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘डीआरडीओ में वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को महाराष्ट्र एटीएस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में पकड़ा है. प्रदीप अक्टूबर 2022 से वॉट्सऐप पर पाकिस्तानी महिला से जुड़ा था. प्रदीप की चार पीढ़ियां संघ से जुड़ी रही हैं, ये खुद संस्कार भारती में संगठन मंत्री था और 14 साल तक पुणे में संघ की शाखा में सेक्सोफोन बजाता था.’

एक अन्य ट्वीट में खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की नाक के नीचे डीआरडीओ के निदेशक के पद पर आसीन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बेहद करीबी प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तान को संवेदनशील सूचनाएं दे रहा था. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और खबर ही नहीं चलाता.’

पवन खेड़ा ने कहा, ‘डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के नीचे आता है. संघ से जुड़ा शख्स देश की संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा है, लेकिन खबर गायब है. अगर ये शख्स किसी अन्य पार्टी से जुड़ा होता तो क्या होता? जब प्रदीप कुरुलकर पकड़ा गया तो संघ ने कहा- इससे हमारा कोई नाता नहीं है. यही संघ की असलियत है.’

पवन खेड़ा आगे कहते हैं, ‘कहीं प्रधानमंत्री जी ये न कह दें कि मैंने डेटा इतना सस्ता कर दिया कि पाकिस्तान तक डेटा जा रहा है. मोदी जी, हर बात का श्रेय लेते हैं तो इस बात का क्रेडिट कौन लेगा? मेरे देश की संवेदनशील सूचनाएं एक संघी दुश्मन देश को दे रहा है और कोई बात तक नहीं हो रही.’

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद एक एटीएस अधिकारी ने बताया था, ‘यह मुख्य रूप से हनीट्रैप का मामला प्रतीत होता है, जिसमें वरिष्ठ वैज्ञानिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की तस्वीर के जरिये फंसने के बाद पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों के संपर्क में आए हैं. वह पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से वॉयस मैसेज और वीडियो कॉल के जरिये पाकिस्तान स्थित ऑपरेटिव के संपर्क में थे और संदेह है कि उन्होंने ऑपरेटिव के साथ कुछ संवेदनशील जानकारी साझा की थी.’

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