पार्टी कहे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के ख़िलाफ़ गुना से चुनाव लड़ने को तैयार हूं: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि यदि पार्टी कहे तो वे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में गुना सीट से उतर सकते हैं. सिंह 2019 लोकसभा चुनाव में भोपाल से प्रत्याशी थे, जहां से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर विजयी हुई थीं.

दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि यदि पार्टी कहे तो वे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में गुना सीट से उतर सकते हैं. सिंह 2019 लोकसभा चुनाव में भोपाल से प्रत्याशी थे, जहां से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर विजयी हुई थीं.

दिग्विजय सिंह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर पार्टी उनसे कहेगी तो वे भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना से लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

एनडीटीवी के अनुसार, मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के प्रदेशव्यापी अभियान के तहत सिंह मंगलवार को सिवनी में थे. यहीं पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बात कही.

ज्ञात हो कि प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में मैं राज्यसभा का सदस्य हूं और मुझे चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है. लेकिन मैं पार्टी का सिपाही हूं, पार्टी मुझे जो करने का आदेश देगी, मैं करुंगा.’

उन्होंने जोड़ा, ‘… मेरा संसदीय क्षेत्र गुना नहीं, राजगढ़ है. पिछली बार मुझे भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था जो मेरी सीट नहीं थी. लेकिन मैं पार्टी का कार्यकर्ता और सिपाही हूं. वह मुझे जो भी आदेश देगी, मैं उसका पालन करूंगा.’

उल्लेखनीय है कि सिंह 2019 लोकसभा चुनाव में भोपाल से उतरे थे, जहां से भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर विजयी हुई थीं. वहीं, उस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गुना से चुनाव लड़ने वाले सिंधिया को भाजपा के कृष्णपाल सिंह यादव ने हराया था. सिंधिया गुना से चार बार सांसद रहे हैं.

हालांकि मार्च 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

इसी कार्यक्रम में सिंह ने केंद्र सरकार की रिक्त पदों पर नौकरी के पत्र देने की आलोचना करते हुए कहा कि 9.5 लाख सरकारी रिक्तियों में से केवल 45 हजार को ही भरा जा रहा है.

सिंह ने दावा किया, ‘वे खाली पदों को भरने में असमर्थ हैं. मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पदों का बैकलॉग नहीं भरा जा रहा है. यहां तक कि केंद्र में भी बैकलॉग नहीं भरा जा रहा है.’