भारत-पाकिस्तान जब तक बातचीत शुरू नहीं करेंगे, कश्मीर की स्थिति नहीं सुधरेगी: फ़ारूक़ अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर की स्थिति पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि लोकतंत्र तब होता है, जब एक निर्वाचित सरकार होती है. एक राज्यपाल और उनके सलाहकार पूरे राज्य की देखभाल नहीं कर सकते. ये विधायक होते हैं, जो अपने क्षेत्रों की देखभाल करते हैं, इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यहां चुनाव हो.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो साभार: एएनआई)

जम्मू कश्मीर की स्थिति पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि लोकतंत्र तब होता है, जब एक निर्वाचित सरकार होती है. एक राज्यपाल और उनके सलाहकार पूरे राज्य की देखभाल नहीं कर सकते. ये विधायक होते हैं, जो अपने क्षेत्रों की देखभाल करते हैं, इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यहां चुनाव हो.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फाइल साभार: एएनआई)

श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि कश्मीर में जी-20 कार्यक्रम आयोजित करने से घाटी में पर्यटन को तब तक लाभ नहीं होगा, जब तक कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिये इस केंद्र शासित प्रदेश के ‘भविष्य’ का समाधान नहीं निकाल लेते.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचित सरकार की कमी के कारण जम्मू कश्मीर को भारी नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि क्या इन देशों (जी-20 कार्यक्रम में शामिल होने वाले) से आने वाले पर्यटन के मामले में हमें फायदा होगा? ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक यहां के हालात नहीं सुधरते और हालात तब तक नहीं सुधरेंगे जब तक कि दोनों देश इस मुद्दे पर बातचीत नहीं करते कि कश्मीर के भविष्य को कैसे आकार दिया जाए.’

अब्दुल्ला एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या श्रीनगर में जी-20 बैठक आयोजित करने से केंद्र शासित प्रदेश को फायदा होगा.

उन्होंने कहा, ‘हमने किया. जो सड़कें कई वर्षों से खराब स्थिति में थीं, उनकी मरम्मत की गई. दीवारों को नए सिरे से पेंट किया गया. स्ट्रीट लाइट काम करने लगीं. इसलिए हमें इससे लाभ हुआ.’

जम्मू कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार की कमी पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘लोकतंत्र तब होता है जब एक निर्वाचित सरकार होती है. एक राज्यपाल और उनके सलाहकार पूरे राज्य की देखभाल नहीं कर सकते. ये विधायक होते हैं, जो अपने संबंधित क्षेत्रों की देखभाल करते हैं, क्योंकि यह उनका कर्तव्य होता है.’

उन्होंने कहा, ‘नौकरशाही को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वे 60 साल की उम्र तक रिटायर नहीं होते. एक विधायक को हर पांच साल में जनता के पास वापस जाना होता है. अगर वह काम नहीं करेगा तो उसे वोट नहीं मिलेगा. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यहां चुनाव होने चाहिए.’

श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि कश्मीर में कुछ दलों ने अतीत में चुनावों को हाईजैक कर लिया था, अब्दुल्ला ने कहा, ‘क्या उनके पास इसे साबिक करने का साधन नहीं है? वे हाईकोर्ट या चुनाव आयोग से संपर्क कर सकते हैं. यहां तक कि इंदिरा गांधी को भी (हाईकोर्ट द्वारा) अपदस्थ कर दिया गया था.’

ओडिशा ट्रेन हादसे पर उन्होंने कहा कि यह दुनिया की बड़ी आपदाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि यह कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.’

मालूम हो कि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच बीते 2 जून को हुई भीषण टक्कर में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी और 1100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

हादसा ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुआ था. घटना के समय दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों में तकरीबन 2500 लोग सफर कर रहे थे.

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