केंद्र ने दो साल में 150 से अधिक ‘भारत-विरोधी’ वेबसाइटों, यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया

आईटी नियम की धारा 69ए के उल्लंघन पर वेबसाइटों और चैनलों को हटा दिया गया है, जो केंद्र को किसी भी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा के हित में सामग्री को ब्लॉक करने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देता है. 

(फोटो साभार: nominalize/Pixabay)

आईटी नियम की धारा 69ए के उल्लंघन पर वेबसाइटों और चैनलों को हटा दिया गया है, जो केंद्र को किसी भी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा के हित में सामग्री को ब्लॉक करने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देता है.

(फोटो साभार: nominalize/Pixabay)

नई दिल्ली: मई 2021 से केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा 150 से अधिक वेबसाइटों और यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों को ‘भारत-विरोधी’ सामग्री प्रसारित करने के लिए हटा दिया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 69ए के उल्लंघन पर वेबसाइटों और चैनलों को हटा दिया गया है, जो केंद्र को किसी भी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को भारत की संप्रभुता, अखंडता, भारत की रक्षा के हित में सामग्री को ब्लॉक करने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देता है, जिससे भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था या ऐसे मामलों से संबंधित किसी भी संज्ञेय अपराध को रोका जा सके.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर कहा, ‘150 से अधिक वेबसाइटों और यूट्यूब-आधारित समाचार चैनलों को भारत विरोधी सामग्री प्रसारित के लिए पिछले दो वर्षों में मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध कर दिया गया है.’

जिन यूट्यूब समाचार चैनलों को प्रतिबंध किया गया है, उनके 12,123,500 से अधिक सब्सक्राइबर थे और कुल मिलाकर 1,320,426,964 से अधिक बार देखा गया था. जिन चैनलों को हटाया गया उनमें ‘खबर विद फैक्ट्स’, ‘खबर तैज़’, ‘इनफॉरमेशन हब’, ‘फ्लैश नाउ’, ‘मेरा पाकिस्तान’, ‘हकीकत की दुनिया’ और ‘अपनी दुनिया टीवी’ शामिल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने समय-समय पर 25 फरवरी, 2021 को बनाए गए नए आईटी नियमों के तहत गलत सूचना फैलाने और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने के लिए यूट्यूब चैनलों को हटाने के आदेश जारी किए हैं.

जुलाई 2022 में आईबी मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद को सूचित किया था कि 2021 और 2022 के बीच 78 यूट्यूब-आधारित समाचार चैनल और 560 यूट्यूब लिंक को नियमों के उल्लंघन पर प्रतिबंधित कर दिया गया.

उन्होंने कहा था, ‘कोई भी (सोशल मीडिया) एकाउंट जो साजिश रचने या लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.’

मालूम हो कि दिसंबर 2022 में ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में बताया था कि देश के खिलाफ मुहिम चलाने वाले और समाज में भ्रम एवं भय फैलाने को लेकर यूट्यूब के 104 चैनलों के साथ ही ट्विटर के पांच एकाउंट और छह वेबसाइट के खिलाफ आईटी कानून के तहत कार्रवाई की गई है.

बता दें कि भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले और फर्जी खबरें फैलाने का दावा करते हुए डिजिटल चैनलों, पोर्टलों और सोशल मीडिया हैंडल पर कार्रवाई दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी, जब मंत्रालय ने पहली बार पाकिस्तान से संचालित 20 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट को अवरुद्ध (ब्लॉक) करने का आदेश दिया था.

सितंबर 2022 में सरकार ने धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के इरादे से सामग्री में छेड़छाड़ करने और फर्जी खबरें प्रसारित करने के लिए 10 यूट्यूब चैनल के 45 वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था.

अगस्त 2022 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत विरोधी फर्जी सामग्री प्रसारित करने की बात कहते हुए  8 यूट्यूब न्यूज चैनलों पर आईटी नियम-2021 के तहत रोक लगा दी थी.

जुलाई 2022 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया था कि फर्जी खबरें फैलाने के चलते सरकार ने 2021-22 के दौरान 94 यूट्यूब चैनल, 19 सोशल मीडिया एकाउंट और 747 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक कर दिया है.

अप्रैल 2022 की शुरुआत में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब आधारित 22 समाचार चैनलों को बंद करने का निर्देश दिया था, जिनमें से चार पाकिस्तान के थे. इन चैनलों पर आरोप था कि ये फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे थे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंध और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा था.

अप्रैल 2022 के ​ही आखिर में मंत्रालय ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में एक फेसबुक एकाउंट और 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगा दी थी. बताया गया था कि इन चैनलों में से छह पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे.

इससे पहले जनवरी 2022 में आईटी नियम, 2021 के तहत मिलीं शक्तियों का उपयोग कर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और समन्वित तरीके से फर्जी खबरें फैलाने वाले 35 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दिया था.