भाजपा के विज्ञापन में ‘पप्पू’ पर प्रतिबंध, ‘युवराज’ को मंजूरी

गुजरात चुनाव राउंड अप: जिग्नेश मेवाणी ने कहा, किसी भी पार्टी के साथ मंच साझा नहीं करूंगा, गुजरात में अभियान चलाएगा भाजपा किसान मोर्चा.

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गुजरात चुनाव राउंड अप: जिग्नेश मेवाणी ने कहा, किसी भी पार्टी के साथ मंच साझा नहीं करूंगा, गुजरात में अभियान चलाएगा भाजपा किसान मोर्चा.

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नई दिल्ली/अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें युवराज शब्द का संदर्भ दिया गया है जो जाहिर तौर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाता है.

चुनाव आयोग ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के एक इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन में पप्पू शब्द के इस्तेमाल से भाजपा को रोक दिया था और इसे अपमानजनक बताया था. भाजपा ने हालांकि कहा था कि विज्ञापन की पटकथा में शामिल शब्द का किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है.

युवराज शब्द का इस्तेमाल करने की चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद गुजरात भाजपा के फेसबुक पेज पर बुधवार को नया विज्ञापन जारी किया गया.

जब भाजपा से यह पूछा गया कि क्या यह वही विज्ञापन है जिसमें आयोग ने भाजपा को पप्पू शब्द का इस्तेमाल करने से रोका था, तो भाजपा के प्रवक्ता हर्षद पटेल ने कहा, मुझे यह जानकारी नहीं है कि जारी किया गया विज्ञापन वही है या नहीं.

सोशल मीडिया पर पप्पू शब्द का इस्तेमाल गांधी को निशाना बनाने के लिए किया जाता है जबकि भाजपा नेता कांग्रेस नेता पर युवराज और शहजादा कह कर तंज कसते हैं.

49 संकेड का वीडियो किराने की एक दुकान का है जिसमें दिखाया गया है कि एक व्यक्ति की आवाज़ आती है जो कहता है, सर, सर… इसके बाद दुकानदार का सहायक कहता है, सेठ युवराज आया है.

वीडियो में नजर नहीं आ रहे युवराज को दुकानदार अपने जवाब में कहता है कि वह उन्हें दुकान से कोई भी सामान दे देगा लेकिन वोट नहीं देगा, क्योंकि कांग्रेस के पिछले शासन में हुए दंगों के दौरान उसकी दुकान को जलाया गया था.

वीडियो में दुकानदार की पत्नी कहती है कि वे वोट सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देंगे. भाजपा और विपक्षी कांग्रेस सोशल मीडिया पर मजाकिया विज्ञापनों के जरिये एक दूसरे को निशाना बना रहे है.

उल्लेखनीय है कि गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी.

मेरा एकमात्र उद्देश्य भाजपा को हराना है: मेवाणी

गुजरात के नेता जिग्नेश मेवाणी ने बुधवार को कहा कि वह कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी के साथ विधानसभा चुनावों के दौरान मंच साझा नहीं करेंगे लेकिन उनका एकमात्र उद्देश्य भाजपा को हराना है.

उन्होंने राज्य में पाटीदार समुदाय को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस द्वारा तैयार किए जा रहे सूत्र पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि संविधान के विशेषज्ञो और राजनीतिक पार्टियों को इस मुद्दे पर निर्णय लेना होगा.

विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी से हाथ मिलाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मेवाणी ने कहा, हम किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे चाहे वह कांग्रेस ही क्यों न हो. मेवाणी ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य भाजपा को विधानसभा चुनाव में हराना है.

उन्होंने कहा कि वह अहमदाबाद में बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर छह दिसंबर को एक कन्वेंशन का आयोजन करेंगे और इसमें दलित, पाटीदार समुदाय सहित अन्य नेता हिस्सा लेंगे.

हार्दिक पटेल को लेकर कथित तौर पर आई सीडी के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. मेवाणी ने कहा, भाजपा घबराई हुई है. अगर दो वयस्क लोग सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं तो किसी को भी सीडी बनाने का अधिकार नहीं है.

भाजपा किसान मोर्चा 20 नवंबर से अभियान चलाएगा

भाजपा किसान मोर्चा गुजरात में भाजपा सरकार के किसान हितैषी कार्यों को दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए 20 नवंबर से राज्यव्यापी अभियान चलाएगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.

भाजपा किसान मोर्चा यह कदम ऐसे समय में उठा रहा है जब गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात सरकार एवं मोदी सरकार को किसान विरोधी बता कर निशाना साध रहे हैं.

भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष एवं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि राहुल गांधी किसानों की बात करते हैं लेकिन क्या कोई बता सकता है कि क्या उनके पूर्वजों ने कभी खेती की थी. भाजपा के सांसद गांवों में खेतों पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेते हैं जबकि राहुल गांधी छुट्टी मनाने विदेश चले जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सरदार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी है जिन्होंने बारदोली में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया था. गुजरात विधानसभा चुनाव में किसानों का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है. ऐसे में पार्टी किसानों को लेकर काफी सजग है और उसने किसान मोर्चा और किसान मोर्चा सेना को प्रदेश में अभियान चलाने का दायित्व सौंपा है जो 20 नवंबर से शुरू होगा.

वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम जो कहते हैं, उसे पूरा करने का प्रयास करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए लघु और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया है.

उन्होंने कहा कि लेकिन मात्र कर्ज माफी से किसानों का उत्थान संभव नहीं है. उनके कल्याण के लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. नीम लेपित यूरिया, फसल सुरक्षा बीमा, मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच, सिंचाई व्यवस्था, उन्नत किस्म के बीज आदि अनेक कार्य किसानों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं. यह दुखद है कि संसद में कुछ ऐसे लोग हैं जो खेती के बारे में जानकारी नहीं होते हुए भी इस बारे में बहस करते हैं.

भाजपा नेता ने कहा कि इस देश की राजनीति किसान तय करेगा. हमारी सरकार द्वारा दस लाख तालाबों का निर्माण मनरेगा के माध्यम से कराया जा रहा है. सिंचाई व्यवस्था को और दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है. सभी खेतों तक पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है.

आप ने जारी की नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची

आप ने आगामी गुजरात चुनाव में नौ विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. आप ने इससे पहले करीब एक महीने पहले 11 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी.

इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने राज्य की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है.

आप के प्रवक्ता हर्षिल नायक ने कहा कि दूसरी सूची के तहत आप ने गांधीनगर (उत्तर), बोटाद, कातरगाम, राजकोट (पूर्व), सूरत (पूर्व), कारंज, पालनपुर, गांधीधाम और जामनगर (ग्रामीण) सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

इनमें से तीन सीटें…राजकोट (पूर्व), पालनपुर और जामनगर (ग्रामीण) से वर्तमान में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं जबकि बाकी छह सीटें भाजपा के पास हैं. नायक ने कहा कि आप ने बापूनगर विधानसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार उसके खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद बदल दिया है. उन्होंने कहा कि अनिल वर्मा पहले बापूनगर से पार्टी के उम्मीदवार थे उन्हें अमजद पठान से बदल दिया गया है.

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने बैठक की, टिकटों पर कोई ऐलान नहीं

गुजरात में अगले महीने आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने गहन मंथन किया हालांकि उम्मीदवारों को टिकटों को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया.

भाजपा मुख्यालय में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर व्यापक विचार विमर्श किया गया. गुजरात चुनाव में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं. भाजपा गुजरात की सत्ता एक बार फिर से बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो कांग्रेस 22 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है.

केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, शाहनवाज़ हुसैन, विजय रूपाणी, भूपेंद्र यादव, जीतू वाधानी जैसे दिग्गज नेता भी मौजूद थे.

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने संवादाताओं को बताया कि समिति ने गुजरात विधानसभा के लिए आसन्न चुनाव के संदर्भ में उम्मीदवारों के बारे में चर्चा की और इसके बारे में उपयुक्त समय पर घोषणा की जाएगी.

भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए गुजरात के नेताओं के साथ मंथन किया. समझा जाता है कि भाजपा गुजरात विधानसभा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची घोषित होने का इंतजार करेगी.

गुजरात में स्थिति कांग्रेस के पक्ष में: पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि गुजरात में स्थिति कांग्रेस के पक्ष में है. पवार ने कहा कि उनकी पार्टी गुजरात में कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. गौरतलब है कि गुजरात, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है.

पवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मोदी लोगों को केवल बड़े सपने दिखा रहे हैं. बुलेट ट्रेन परियोजना अस्तित्व में नहीं आएगी. नोटबंदी और जीएसटी जैसे निर्णयों के कारण अभी तक भाजपा के साथ खड़ा व्यापारी वर्ग उससे दूर होता जा रहा है. उनका क्रोध स्पष्ट दिख रहा है जो चुनावों में दिखेगा. गुजरात में स्थिति कांग्रेस के पक्ष में है.

पवार चार दिनों के लिए विदर्भ क्षेत्र के दौरे पर हैं जिस दौरान वह किसानों से मुलाकात कर उनके मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वरिष्ठ नेता ने गुजरात में पार्टी के लिए जोरशोर से प्रचार करने को लेकर हाल में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा की थी.

उन्होंने कहा कि 2019 के चुनावों को देखते हुए विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने का प्रयास किया जाएगा. पवार ने कहा, लोगों का असंतोष आम चुनावों में दिखेगा.

आईपीएस अधिकारी ने चुनाव लड़ने के लिए दिया इस्तीफा

गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देने वाले एक आईपीएस अधिकारी ने कहा कि भाजपा ने उन्हें भिलोदा अनुसूचित जनजाति सीट से टिकट देने का वादा किया है.

आईपीएस अधिकारी पीसी बरांडा अरावली जिले में भिलोदा से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. राज्य सरकार ने बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

58 वर्षीय आईपीएस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्होंने दावा किया कि भिलोदा में अब तक विकास को हासिल नहीं किया जा सका है और इसी से वह इस्तीफा देने और क्षेत्र के विकास के लिए राजनीति में आने के लिए प्रेरित हुए.

वर्ष 2012 में इस सीट से कांग्रेस के नेता अनिल जोशिआरा जीते थे. बरांडा ने कहा, मैंने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था और आज मुझे इसे स्वीकार किये जाने की जानकारी मिली.

उन्होंने कहा, मैं पार्टी से मंजूरी मिलने के बाद आने वाले दिनों में भाजपा उम्मीदवार के रूप में भिलोदा से अपना नामांकन पत्र दाखिल करूंगा. पार्टी द्वारा मुझे टिकट देने का वादा करने के बाद ही मैंने इस्तीफा दिया था.

सूरत के मुस्लिमों ने कांग्रेस को चेताया, टिकट नहीं तो वोट नहीं

सूरत शहर में कांग्रेस को चेतावनी देते हुए ऐसे बैनर लगाए गए हैं जिनमें कहा गया है कि यदि गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन के दौरान मुस्लिम समुदाय की अनदेखी की गई तो मुस्लिमों के वोट पार्टी को नहीं मिलेंगे.

कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कहा कि उन मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं ने बैनर लगाए हैं जिनमें कहा गया था कि यहां एक विधानसभा क्षेत्र से टिकट आवंटन में गुजरात कांग्रेस के मुस्लिमों की अनदेखी किए जाने की संभावना है.

सूरत-पूर्व विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पुराने शहर के कई स्थानों पर बुधवार को ये बैनर लगे हुए मिले. इस समय इस सीट से भाजपा के रंजीत गिलितवाला विधायक हैं.

पिछले दो दशकों से अधिक समय से गुजरात की सत्ता से बाहर विपक्षी पार्टी अगले दो दिनों के भीतर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है.

स्वंयभू गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रही हैं गुजरात, राजस्थान की सरकारें: पायलट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने बुधवार को आरोप लगाया कि राजस्थान और गुजरात में भाजपा नीत सरकारें गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रही हैं और ऐसे तत्व लोगों को आतंकित कर रहे हैं.

राजस्थान के अलवर जिले में हालिया घटना के बारे में पायलट ने दावा किया कि घटना जब हुई, उस वक्त राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उसी जिले में थीं. गोरक्षकों ने अलवर जिले में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी.

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अहमदाबाद हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, चाहे गुजरात हो या राजस्थान, स्वंयभू गोरक्षकों से जुड़ी इस तरह की घटनाएं नियमित आधार पर हो रही हैं. ये घटनाएं निदंनीय हैं और मेरा मानना है सरकार में जो लोग हैं, वे अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं.

पायलट ने कहा, पूरा देश बात कर रहा है कि किस तरह स्वयंभू गोरक्षक लोगों को आतंकित कर रहे हैं. राजस्थान में हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और लूट जैसे अपराध नियमित मामले बन चुके हैं. सरकार की नाक के नीचे ये अपराध हो रहे हैं. जब गोलीबारी की घटना हुई, राजस्थान की मुख्यमंत्री उसी जिले में थीं.

वह हाल में अलवर जिले के रामगढ़ इलाके में 35 वर्षीय उमर खान की कथित स्वयंभू गोरक्षकों के हाथों हत्या के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

कांग्रेस से गुजरात में हारी हुई 25, हिमाचल में 10 सीटें मांगी थी, लेकिन नहीं मिलीं: मायावती

लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर लड़ने की बात पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी कभी इसके खिलाफ नहीं रही है, लेकिन किसी भी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के साथ हम गठबंधन सम्मानजनक सीट संख्या मिलने पर ही करेंगे, वरना पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन के संबंध में पार्टी के पुराने और वर्तमान दोनों ही अनुभव काफी खराब रहे हैं.

पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, वर्तमान में गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं, चुनावी गठबंधन के तहत बसपा ने कांग्रेस की हारी हुई 25 सीटें अपने लिए मांगी, लेकिन उन्हें यह बात नागवार गुजरी.

इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश की कुल 68 सीटों में से पार्टी ने कांग्रेस से उसकी हारी हुई सीटों में से 10 मांगी, लेकिन उन्होंने इसमें भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

मायावती ने उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में हो रहे शहरी निकाय चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि बसपा पहली बार अपने चुनाव चिन्ह पर शहरी निकाय चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने मेयर, पार्षद, नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. पार्टी के किसी कार्यकर्ता को निर्दलीय चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई है.

उन्होंने कहा, जहां तक बात भाजपा या सांप्रदायिक दलों को सत्ता में आने से रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष गठबंधन बनाने की है, हमारी पार्टी उसके खिलाफ नहीं है. हम इसका समर्थन करते हैं. लेकिन हमारी पार्टी किसी भी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव इसी शर्त पर लड़ेगी कि उसे बंटवारे के दौरान सम्मानजनक संख्या में सीटें दी जाएं. ऐसा नहीं होने पर हम अकेले चुनाव लड़ना बेहतर समझते हैं.

मायावती ने कहा कि इन्हीं निर्देशों के तहत पार्टी नेता एससी मिश्रा ने गठबंधन के संबंध में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खास सलाहकार अहमद पटेल से विस्तार से बात की थी. उन्होंने बातचीत की जानकारी गुलाम नबी आजाद को भी दे दी थी, लेकिन इस बातचीत से दुखी होकर मिश्रा ने मुझसे गठबंधन की वकालत करना लगभग बंद ही कर दिया है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में मिश्रा समाजवादी पार्टी के रवैये से भी बहुत ज्यादा दु:खी हैं. हमारी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 1993 में सपा के साथ और 1996 में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा, लेकिन अनुभव अच्छा नहीं रहा.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि गठबंधन से इन दोनों दलों को लाभ हुआ, लेकिन हमें नुकसान हुआ. हमारा मत-प्रतिशत भी घट गया. उन्होंने कहा कि पुराने अनुभवों के आधार पर लगता है कि पार्टी के लिए अकेले चुनाव लड़ना ही बेहतर विकल्प है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)