अयोध्या का फ़ैसला हिंदुओं के पक्ष में होगा, अगर नहीं होगा तो करवाया जाएगा: भाजपा नेता

मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा, अयोध्या जैसा आंदोलन दो बार और करना है. अभी तो अयोध्या मंदिर का हुआ. मथुरा एवं काशी के मंदिरों के लिए बाक़ी है.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा, अयोध्या जैसा आंदोलन दो बार और करना है. अभी तो अयोध्या मंदिर का हुआ. मथुरा एवं काशी के मंदिरों के लिए बाक़ी है.

Babri Reuters

रतलाम (मध्य प्रदेश): दीपावली तक राम जन्मभूमि की नींव रखने का दावा करते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के दर्जा प्राप्त मंत्री तपन भौमिक ने कहा कि विवादास्पद राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का फैसला हिंदुओं के पक्ष में होगा, अगर नहीं होगा तो करवाया जाएगा.

बाबरी मस्जिद ढहाने की 25वीं सालगिरह पर छह दिसंबर को रतलाम के विधि महाविद्यालय में तुषार कोठारी की पुस्तक ‘कारसेवा आंखों देखी’ का विमोचन करने के बाद भौमिक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, यह फैसला राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद हिंदुओं के पक्ष में होगा, नहीं होगा तो करवाया जाएगा.

हालांकि, उन्होंने इस बात को संभालते हुए कहा कि न्यायालय के बाद लोकसभा के अंदर हमारे (भाजपा के) लोग बैठे हैं. वे लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए नियम बनाएंगे, उसे पास कराएंगे. उन्होंने दावा किया, उसी जगह पर मंदिर बनाया जाएगा.

भौमिक ने आगे कहा कि यदि वहां से भी नहीं होता तो हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों द्वारा राम जन्मभूमि पर इसका निर्माण कराया जाएगा. लंबे समय से अदालत में चल रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की ओर इशारा करते हुए भौमिक ने कहा, …लेकिन हिंदुस्तान के हिंदुओं का दम घुट रहा है. 25 साल से फैसला करने के लिए बैठे हुए हैं. ये एक प्रकार से अपमान है.

अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ऐसा आंदोलन दो बार और करना है. अभी तो अयोध्या मंदिर का हुआ. मथुरा एवं काशी के मंदिरों के लिए बाकी है. इनके लिए भी (आंदोलन) करना है.

भौमिक ने कहा, सबसे खतरनाक बात तो यह है कि हिंदुस्तान के अंदर हिंदुओं के मंदिर पर किसका कब्जा हो, इसका फैसला अदालत करेगी, हिंदू नहीं करेंगे. यह कौन सा फैसला है भैया हिंदुस्तान के अंदर. हम कहीं मॉरिशस में बनाएं, लंदन के अंदर बनाएं, पाकिस्तान के अंदर बनाएं, तो शायद वहां की शासन की अनुमति लेनी पड़ती.

उन्होंने कहा, जहां पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, उस स्थान पर मंदिर था. मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. उस मस्जिद को हटा दिया गया. वहां पर मंदिर बनाने के लिए उस अदालत की अनुमति चाहिए, जिसको फैसला देने में 25 साल लगे हैं.

भौमिक ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर का संघर्ष वर्ष 1500 से शुरू हुआ और 77 बार संघर्ष को जारी रखा गया. उन्होंने कहा, लेकिन आज इस देश के अंदर हिंदूवादी शक्ति है. देश-प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में उनकी भाजपा सरकार बनी. इसलिए हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि दीपावली पर वहां पर राम जन्मभूमि मंदिर की नींव रखी जाएगी.