भाजपा सांसद ने आईएएस को धमकाया- कार्यकर्ताओं से सही व्यवहार न हुआ तो आपका जीना मुश्किल कर दूंगी

भाजपा सांसद ने आईएएस अधिकारी को धमकाया, बाद में बोलीं- हम पढे़ लिखे लोग हैं और हमें पता है कि किस तरह की भाषा बोलनी है.

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भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत पहले भी एक अधिकारी को धमका चुकी हैं. धमकी के बाद बोलीं- हम पढे़ लिखे लोग हैं और हमें पता है कि किस तरह की भाषा बोलनी है.

भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ. (फोटो: ट्विटर/प्रियंका सिंह रावत)
भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ. (फोटो: ट्विटर/प्रियंका सिंह रावत)

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश): स्थानीय सांसद प्रियंका सिंह रावत एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी को कथित रूप से धमकाते हुए कैमरे में कैद हो गईं. इस घटना का फुटेज इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

घटना सफदरगंज थानाक्षेत्र के चैला गांव में सरकारी जमीन पर राजस्व टीम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर गांव वालों से हुए विवाद से जुड़ी है.
नगर निकाय चुनावों को लेकर मंगलवार को टिकैतनगर में शपथ ग्रहण समारोह से वापस आ रही सांसद प्रियंका सरकारी जमीन पर खड़ी फसल जुतवाने के मामले की जानकारी लेने थाना सफदरगंज के चैला गांव पहुंच गईं.

वहां पर सिरौली के एसडीएम और प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी भी मौजूद थे. वीडियो फुटेज में प्रियंका को यह कहते दिखाया गया है, मेरे कार्यकर्ताओं के साथ अगर सही व्यवहार नहीं हुआ तो मैं बाराबंकी में आपका जीना मुश्किल कर दूंगी.

https://twitter.com/RoflRavish/status/940903684556201986

प्रियंका यह कहते हुए दिख रहीं हैं, तमीज नाम की कोई चीज है या नहीं…मैं यहां खड़ी हूं…मेरी बात सुनने की बजाय आप जा रहे हैं. जनप्रतिनिधि के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, आप नहीं जानते.

इस बाबत जब सांसद से पूछा गया तब वह बोलीं, मैं वहां इस मसले पर बात करने गई थी और संबद्ध अधिकारी, एसडीएम, बिना सुने ही चले जा रहे थे.

उन्होंने कहा, (जनता के बीच) क्या संदेश जाएगा… अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह बात सुनें…और प्रोटोकाल का पूरा सम्मान करें. जब कहा गया कि ये बात वह किसी अलग तरह से भी कह सकती थीं, तब प्रियंका ने कहा कि हम पढे़ लिखे लोग हैं और हमें पता है कि किस तरह की भाषा बोलनी है…हम अनपढ़ लोग नहीं हैं…आप जांच करा लें कि उस व्यक्ति ने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था.

एसडीएम ने बाद में कहा कि मामला एक तालाब और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का है. राजस्व विभाग के अधिकारी और पुलिस का एक दल अवैध कब्जा हटवाने के लिए भेजा गया था लेकिन उन्हें उनका काम करने से रोका गया. बाद में सांसद भी वहां पहुंच गईं.

एसडीएम ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठों को प्रकरण की जानकारी दे दी है. साथ ही कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा. कुछ समय पहले ही सांसद एक पुलिस अधिकारी को धमकाने और तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ आरोप मढ़ने के लिए खासी चर्चा में रही हैं.

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