नई दिल्ली: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाने के आरोपी को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह महीने में दो बार 21 बार राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देगा और ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी फैजान को इस साल 17 मई को दर्ज एफआईआर के बाद भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में है. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि आरोपी का इरादा विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना था और उसका कृत्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक है.
आरोपी को जमानत देते हुए जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल ने निर्देश दिया कि फैजान मुकदमा खत्म होने तक महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच स्थानीय पुलिस थाने में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराए.
अदालत ने कहा कि पुलिस थाने आने के दौरान आरोपी को थाने की इमारत पर फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी देनी होगी और ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाना होगा.
अदालत ने कहा, ‘उपरोक्त शर्त को जमानत के कागजात में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए.’ जमानत बांड की राशि 50,000 रुपये निर्धारित की गई.
अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि उनके पास आरोपी द्वारा नारे लगाते हुए एक वीडियो है, लेकिन वीडियो अदालत के समक्ष पेश नहीं किए जाने के कारण जमानत की सुनवाई में कई महीनों की देरी हो गई थी.
17 सितंबर को भोपाल में फॉरेंसिक साइबर सेल के निदेशक अशोक खलको अदालत के समक्ष उपस्थित हुए और बताया कि वर्तमान में फोरेंसिक साइबर लैब में 3,400 मामले जांच के लिए लंबित हैं और मध्य प्रदेश के पुलिस थानों द्वारा भेजी गई सामग्री की जांच और पुनर्प्राप्ति के लिए उनके पास केवल चार व्यक्ति हैं.
इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को फोरेंसिक साइबर लैब को पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि वह समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत कर सके.
फैजान के वकील हाकिम खान ने अदालत को बताया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, लेकिन उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उनके मुवक्किल को नारे लगाते हुए एक वीडियो में देखा गया था.
सरकारी वकील सीके मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपी आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
मिश्रा ने तर्क दिया, ‘वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहे हैं जिसमें उनका जन्म हुआ और वे पले-बढ़े हैं. अगर वह इस देश में खुश और संतुष्ट नहीं हैं, तो वह अपनी पसंद के देश में रहना चुन सकते हैं जिसके लिए उन्होंने जिंदाबाद का नारा लगाया था.’