महाराष्ट्र चुनाव: कांग्रेस का मतदाता रिकॉर्ड में हेर-फेर का आरोप, चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा

कांग्रेस के महाराष्ट्र नेतृत्व ने निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में चुनाव से पहले कथित तौर पर मनमाने ढंग से मतदाताओं को हटाने और जोड़ने के साथ ही मतदान के दिन शाम 5:30 बजे से रात 11:30 बजे तक वोटिंग के आंकड़ों में तेज़ वृद्धि पर चिंता जताते हुए कार्रवाई की मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले. (फोटो साभार: एक्स/@NANA_PATOLE)

नई दिल्ली: कांग्रेस के महाराष्ट्र नेतृत्व ने शुक्रवार (29 नवंबर) को निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक ज्ञापन सौंपकर हाल ही में राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस ज्ञापन में चुनाव से पहले कथित तौर पर मनमाने ढंग से मतदाताओं को हटाने और जोड़ने के साथ ही मतदान के दिन शाम 5:30 बजे से रात्रि 11:30 बजे तक मतदान के आंकड़ों में तेज वृद्धि पर चिंता जताई गई है.

चुनावी प्रक्रिया में ‘निष्पक्षता और पारदर्शिता’ की कमी पर चिंता जताते हुए कांग्रेस नेता नाना पटोले, रमेश चेन्निथला और मुकुल वासनिक ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और साथी चुनाव आयुक्तों को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मालूम हो कि जिस दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए थे, उस दिन भी कांग्रेस ने संभावित गड़बड़ी का आरोप लगाया था. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति ने तीन-चौथाई से अधिक बहुमत हासिल किया है.

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि चुनाव से पहले के महीनों में बड़ी संख्या में मतदाताओं को मतदाता सूची से मनमाने ढंग से हटा दिया गया, जबकि  उसके बाद प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 10,000 से अधिक मतदाताओं को इसी तरह जोड़ा गया, जो संदेह पैदा करता है.

नेताओं ने लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाते हुए लिखा है, ‘मतदाता रिकॉर्ड को मनमाने ढंग से शामिल करने या हटाने के कारण जुलाई 2024 और नवंबर 2024 के बीच मतदाता सूची में लगभग 47 लाख मतदाताओं की अभूतपूर्व वृद्धि हुई.’

इसमें आगे कहा गया है कि ये गौर करने वाली जरूरी बात है कि  50 विधानसभा सीटों में से जहां, औसतन 50,000 मतदाताओं की वृद्धि हुई, सत्तारूढ़ शासन और उसके सहयोगियों ने 47 पर जीत हासिल की है.

नेताओं का ये भी कहना है कि इस मुद्दे को अक्टूबर में ही आयोग के समक्ष उठाया गया था लेकिन इस पर कोई ‘ठोस कार्रवाई’ नहीं की गई.

कांग्रेस ने पत्र में ये भी कहा है कि उनके आरोप की पुष्टि एक मतदाता पंजीकरण अधिकारी ने की है, जिन्होंने तुलजापुर विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता पंजीकरण के खिलाफ धाराशिव साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी.

नेताओं ने ईसीआई द्वारा मतदान प्रतिशत साझा करते समय आंकड़ों में उल्लेखनीय वृद्धि को लेकर भी चिंता व्यक्त है.

कांग्रेस ने बताया कि शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में चुनाव आयोग का औसत मतदान प्रतिशत 58.22 प्रतिशत था और यह रात 11.30 बजे तक बढ़कर 65.02 प्रतिशत हो गया. इसके बाद फिर मतदान प्रतिशत में और वृद्धि हुई और अंततः 66.05 प्रतिशत बताई गई.

आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए मतदाता आंकड़ों के अनुसार, 21.11.2024 को शाम 5:00 बजे से मतदान के अंतिम समय यानी 6:00 बजे के बीच लगभग 76 लाख वोट डाले गए थे. वहीं, 23.11.2o24 को वोटों की गिनती से केवल कुछ घंटे पहले लगभग 10 लाख मतदाताओं की एक और बढ़ोतरी हुई थी.

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मतदान प्रतिशत में वृद्धि का तात्पर्य यह है कि मतदान के अंतिम समय में 70 लाख से अधिक मतदाताओं ने वोट डाला, जो अविश्वसनीय और चुनावी इतिहास में पहले कभी नहीं सुना गया है .

कांग्रेस का कहना है कि यह मानते हुए भी कि एक व्यक्ति को अपना वोट डालने में दो मिनट का समय लगता है, माननीय आयोग के लिए रात 11:30 बजे तक अंतिम डेटा जारी करना असंभव है, वो भी तब, जब 76 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग आखिर घंटे में किया हो.

कांग्रेस ने पूर्व सीईसी एसवाई क़ुरैशी का हवाला दिया, जिन्होंने पहले कहा था कि मतदान का प्रतिशत वास्तविक समय में दर्ज और अपडेट किया जाता है और इस बात का कोई ‘तार्किक स्पष्टीकरण’ नहीं है कि पिछले कुछ चुनावों में मतदान के आंकड़ों में भारी वृद्धि क्यों हो रही है.

नेताओं ने आयोग के साथ ‘व्यक्तिगत रूप से’ सुनवाई की मांग भी की है साथ ही चुनाव से पहले और बाद रिपोर्ट की गई विसंगतियों पर प्रतिक्रिया देने का भी आग्रह किया है.