नई दिल्ली: झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक ब्लॉक के डुमरांव गांव में बुधवार सुबह शिवरात्रि समारोह के दौरान स्पीकर लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और हिंसा में शामिल कई अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब तब शुरू हुआ जब एक समूह ने इचाक पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर डुमरांव गांव में एक स्कूल के सामने दूसरे समूह के सदस्यों द्वारा धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने पर आपत्ति जताई. इचाक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) संतोष कुमार ने बताया कि जुबानी जंग हिंसा में बदल गई और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर ईंटें फेंकी.
हजारीबाग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने अखबार को बताया कि हिंसा के दौरान तीन मोटरसाइकिल और एक कार को आग के हवाले कर दिया गया. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है.
द हिंदू के मुताबिक, हिंसक झड़प में कई दुकानों में आग लगा दी गई. घटना में कई लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया.
घटना की सूचना मिलते ही तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
इस बीच, इचाक ब्लॉक के बीडीओ ने कहा कि दोनों समुदायों के सदस्य ‘मुद्दे को सुलझाने’ के लिए चर्चा में लगे हुए हैं.
बीडीओ ने कहा, ‘स्थिति अभी नियंत्रण में है. करीब 150 पुलिसकर्मियों का दल मौके पर तैनात है. जरूरत पड़ने पर और पुलिसकर्मियों को बुलाया जाएगा.’
बीडीओ ने कहा कि पहले भी मदरसे के अंदर एक ‘मीनार जैसी संरचना’ को लेकर दोनों समुदायों के बीच विवाद हो चुका है. अधिकारियों ने बताया कि मदरसे के पास लाउडस्पीकर लगाए जाने के बाद स्थिति बिगड़ गई.
इस बीच, रांची के सांसद और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री संजय सेठ ने सांप्रदायिक हिंसा के लिए हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना की.
सांप्रदायिक झड़प की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सेठ ने कहा, ‘यह निंदनीय और दुखद है. सरकार को ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए. सरस्वती पूजा, रामनवमी, होली और शिवरात्रि के दौरान मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा होती है. आज महाशिवरात्रि है और ये कौन लोग हैं जो समाज से शांति को खत्म करना चाहते हैं? देश में कहीं भी हिंसा नहीं होती, लेकिन झारखंड में हमेशा होती है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘झारखंड में ऐसी घटनाएं इसलिए होती हैं क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठिए राज्य की जनसांख्यिकी और कानून व्यवस्था को नष्ट कर रहे हैं. आप देखिए, जहां भी भाजपा-एनडीए की सरकार है, चाहे वह दिल्ली हो, असम हो, मध्य प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो, उत्तर प्रदेश हो – बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जाती है और उन्हें बाहर निकाला जाता है.’
सेठ ने झारखंड के मुख्यमंत्री से बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करके कानून व्यवस्था को मजबूत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि वे आदिवासी लोगों के अधिकार छीन रहे हैं.