नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘भाजपा की चुनावी बैठक में अजीत डोभाल के होने की जांच करे चुनाव आयोग’

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और असम के प्रमुख समाचार.

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इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और असम के प्रमुख समाचार.

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फोटो: पीटीआई/रॉयटर्स)

नई दिल्ली: माकपा की त्रिपुरा इकाई ने निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह भाजपा की ‘चुनावी बैठक’ की जांच करें जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शामिल हुए थे.

उक्त बैठक गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आधिकारिक आवास पर 14 जनवरी को हुई थी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) को लिखे एक पत्र में त्रिपुरा माकपा सचिव बिजन धर ने सोमवार 15 जनवरी को आरोप लगाया कि एक राजनीतिक उद्देश्य में एनएसए को शामिल करके भाजपा ने नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से भगवा पार्टी के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने का भी अनुरोध किया.

पत्र में कहा गया है, ‘आपको यह जांच करने का प्राधिकार है कि कोई भी राजनीतिक दल चाहे सत्ता दल हो या विपक्ष वह प्रशासन का इस्तेमाल कर अवांछित चुनावी अवसर प्राप्त ना करें. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एक उचित प्राधिकार को इसकी जांच करने का आदेश दें.’

पत्र में अनुरोध किया गया है कि अगर आरोप सही पाए गए तो चुनावी पैनल सख्त कानूनी कदम उठाएं.

पत्र में दावा किया गया है कि यह बैठक पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्य और त्रिपुरा, मेघालय तथा नगालैंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए रणनीति बनाने के लिए की गई.

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की एक खबर का हवाला देते हुए माकपा ने आरोप लगाया कि यह भगवा पार्टी द्वारा प्रशासन का खुल्लम- खुल्ला दुरुपयोग है. खबर में कहा गया था कि पूर्वोत्तर राज्यों में चुनावी रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई भाजपा आरएसएस की बैठक में एनएसए भी मौजूद थे.

वाम दल ने कहा, ‘एनएसए की तरह बेहद महत्वपूर्ण पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति की मौजूदगी न केवल अनुपयुक्त और आपत्तिजनक है बल्कि यह चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा सत्ता के घोर दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है.’

पार्टी ने कहा, ‘प्रशासन का ऐसा दुरुपयोग देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए असली खतरा है.’’

गृह मंत्री के अलावा पूर्वोत्तर मामलों के भाजपा प्रभारी राम माधव और वरिष्ठ आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल भी बैठक में मौजूद थे.

नगालैंड: निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाये जा रहे हैं पर्याप्त कदम: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

(फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कोहिमा: नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कहा है कि 27 फरवरी को नगालैंड में विधानसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कराने के लिए चुनाव विभाग पर्याप्त कदम उठा रहा है.

शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिन्हा ने आशा जताई कि सभी मतदाता बिना डरे या प्रभाव में आए अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे.

पिछले सप्ताह जारी अंतिम मतदाता सूची में कुल 11,89,264 मतदाताओं के नाम हैं, जिनमें से 6,00,536 पुरुष हैं और 5,88,728 महिलाएं हैं.

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य के 2,194 मतदान केन्द्रें में से 459 शहरी क्षेत्र में तथा 1735 ग्रामीण क्षेत्र में हैं. वहीं, 1,048 पोलिंग स्टेशन को अतिसंवेदनशील, 519 को संवेदनशील तथा 617 को सामान्य घोषित किया गया है.

त्रिपुरा: माकपा-भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प में पांच लोग घायल

फोटो: पीटीआई
फोटो: पीटीआई

कमालपुर: त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के एक दिन बाद सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी दल भाजपा के बीच धलाई जिले में शुक्रवार को झड़प हुई, जिसमें पांच लोग घायल हो गए.

दोनों दलों के समर्थकों के बीच बाद में उस अस्पताल के पास फिर से झड़प हुई, जहां घायलों को भर्ती कराया गया है और पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

यह समस्या तब शुरू हुई, जब दोपहर करीब 12 बजे माकपा ने बालीगांव इलाके में रैली निकालनी शुरू की. उनका आरोप था कि भाजपा समर्थकों ने उनकी पार्टी के झंडे उखाड़ दिए जिन्हें पिछली रात लगाया गया था.

भाजपा कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए और उन्होंने दावा किया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने भी बीती रात उनकी पार्टी की प्रचार सामग्री को नष्ट किया.

धलाई जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलवंत सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि जब दोनों रैलियां आमने-सामने आई तो दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने डंडों से एक-दूसरे पर हमले किए जिसमें माकपा के तीन और भाजपा के दो कार्यकर्ता घायल हो गए.

घायलों को कमालपुर उप मंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सिन्हा ने बताया कि दोनों पक्ष अस्पताल के पास फिर से एकत्र हुए और उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने समूहों को खदेड़ने के लिए दो बार आंसू गैस के गोले छोड़े और अर्द्वसैनिक बलों को तैनात किया गया. उन्होंने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है.

गौरतलब है कि त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को मतगणना होगी.

नगालैंड: पूर्व मुख्यमंत्री और एनपीएफ सांसद नेफियू रियो एनडीडीएफ में शामिल

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नेफियू रियो (फाइल फोटो: पीटीआई)

कोहिमा:  नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स पार्टी (एनपीएफ) के नेता नेफियू रियो राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार 17 जनवरी को औपचारिक तरीके से नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल हो गये.

रियो तीन बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि फिलहाल वह राज्य से एनपीएफ के लोकसभा सदस्य हैं.

नगालैंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा. नतीजे 3 मार्च को आयेंगे.

राजनाथ ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा की समीक्षा की

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार 16 जनवरी को पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा हालात की समीक्षा की, जहां उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं में महत्वपूर्ण तरीके से गिरावट दर्ज की गयी है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार क्षेत्र में सुरक्षा से संबंधित हालात में सुधार हुआ है और 2017 में 2000 की तुलना में उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं में 85 प्रतिशत की कमी आई है.

सूत्रों ने कहा कि पिछले साल उग्रवाद की 308 घटनाएं दर्ज की गयीं जो 1997 के बाद से सबसे कम हैं.

समीक्षा बैठक में गृह राज्यमंत्री किरेन रीजीजू, गृह सचिव राजीव गाबा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

मेघालय: राकांपा कांग्रेस में नहीं होगा गठबंधन, पार्टी 42 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो: पीटीआई)

शिलांग: शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को घोषणा की कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव वह अकेले लड़ेगी और कम से कम 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

राकांपा के महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि कुछ सीटों पर पार्टी का क्षेत्रीय दलों के साथ चुनावी गठबंधन हो सकता है. उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आने पर स्थिति और स्पष्ट होगी.

राकांपा मेघालय में पिछले पांच वर्षों से कांग्रेस नीत प्रगतिशील गठबंधन का समर्थन कर रही है. पटेल ने मुख्यमंत्री मुकुल संगमा पर सरकार में राकांपा को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने के लिए आलोचना की.

पटेल द्वारा एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राकांपा ने मेघालय और दो अन्य राज्यों नगालैंड और त्रिपुरा के लिए अपनी चुनावी योजनाओं का खुलासा किया. पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों में आगामी महीनों में चुनाव होने वाले हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम मेघालय के गारो हिल्स क्षेत्र में 24 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं और खासी हिल्स में कम से कम 20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.’

60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में 2013 के चुनावों के बाद राकांपा के दो विधायक थे. सदन से सनोबर सुलैस के इस्तीफे के बाद पार्टी के एकमात्र विधायक एमए संगमा बचे हैं.

पटेल ने कहा कि नगालैंड में पार्टी कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन उन्होंने सीटों की संख्या नहीं बताई. उन्होंने कहा, ‘नगालैंड में पहले हमारे चार विधायक थे.’

राकांपा नेता ने कहा कि त्रिपुरा में ‘सांकेतिक’ तौर पर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने के अलावा पार्टी वहां से चुनाव नहीं लड़ेगी.

असम: अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अखिल गोगोई

अखिल गोगोई (फोटो: द वायर)
अखिल गोगोई (फोटो: द वायर)

गुवाहाटी: किसान नेता अखिल गोगोई असम में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और इसके लिए वह जल्द ही जमीनी स्तर पर काम करना शुरू करेंगे. संभावना है कि उनके वर्तमान राजनीतिक दल का नाम बदला जाएगा या नई पार्टी भी बनाई जा सकती है.

किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार गोगोई ने कहा कि वह ‘फासीवादी भाजपा’ से लड़ने के लिए समान विचारधारा वाले संगठनों से गठबंधन करने की बात के विरोधी नहीं हैं लेकिन वह कांग्रेस को छोड़कर तीसरा विकल्प बनाने को तरजीह देंगे.

गोगोई ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘हम चुनावी राजनीति में जा रहे हैं. हमने केएमएसएस के अंदर और राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा की है कि क्या फासीवाद को केवल आंदोलनों से रोका जा सकता है. हमारे बीच यह समझ उभरकर आई कि संसदीय राजनीति के बिना भाजपा के सांप्रदायिक फासीवाद को रोका नहीं जा सकता.’

उन्होंने 28 दिसंबर को केएमएसएस की कार्यकारी समिति की बैठक में चुनावी राजनीति में जाने के कदम पर चर्चा की. वह उस दिन जेल से रिहा हुए थे. उन पर देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोपों में साढ़े तीन महीने जेल में बंद थे.

गोगोई ने कहा, ‘हमारी पहले से राजनीतिक पार्टी गणमुक्ति संग्राम है जो 2015 में गठित की गई थी. अब हम इसे समाज के सभी वर्गों को शामिल करके बड़े स्तर की पार्टी बनाएंगे. हम नई पार्टी भी बना सकते हैं. राजनीतिक मोर्चे के लिए औपचारिक काम इस साल मार्च के अंत से शुरू होगा.’

गोगोई ने कहा कि संगठन 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा.

मेघालय: राकांपा अध्यक्ष बनने के लिए सालेंग संगमा ने विधानसभा से इस्तीफा दिया

शिलांग: निर्दलीय विधायक सालेंग ए संगमा ने सोमवार 15 जनवरी को मेघालय विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. उन्हें मेघालय राकांपा अध्यक्ष बना दिया गया है. मेघालय में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होंगे.

सालेंग शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के प्रदेश प्रमुख बने हैं. इससे पहले करीब एक महीने पहले राकांपा के प्रदेश प्रमुख रहे सनबोर शुल्लई पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

विधानसभा आयुक्त एवं सचिव एंड्रियू साइमंस ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘मुझे सालेंग संगमा का इस्तीफा मिल गया है. मैंने उसे विधानसभाध्यक्ष को भेज दिया है और उन्होंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.’

उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी. वर्तमान विधानसभा से अभी तक कुल 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.

राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने सालेंग को पार्टी की मेघालय इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करते हुए एक पत्र उन्हें भेजा है.

त्रिपुरा: फिल्म ‘लाल सरकार’ को लेकर वामदल नाराज़

प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स/पीटीआई
प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स/पीटीआई

नई दिल्ली: त्रिपुरा में हिंदी फीचर फिल्म लाल सरकार को लेकर सत्तारूढ़ माकपा सरकार ने नाराजगी जाहिर की है. पार्टी का मानना है कि प्रदेश में चुनावों से पहले यह भाजपा के चुनावी अभियान का हिस्सा है.

फरवरी के पहले सप्ताह में रिलीज होने वाली फिल्म लाल सरकार एक वृत्तचित्र फिल्मकार के बारे में है जो पूर्वोत्तर राज्य में कथित तौर पर वाम मोर्चे की सरकार की कथित गड़बड़ियों का पता लगाता है.

फिल्म के निर्माता और लेखक सुशील शर्मन ने कहा कि फिल्म का भाजपा या 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ लेना देना नहीं है. यह तथ्यों पर आधारित है.

शर्मन ने कहा, ‘मैंने यह फिल्म बनाने के लिये अपना पैसा लगाया है. भाजपा का इससे कुछ लेना-देना नहीं. यह एक व्यावसायिक फिल्म है लेकिन तथ्यों पर आधारित है.’

माकपा ने हालांकि जोर देकर कहा कि इस फिल्म के पीछे भाजपा है और उसने फिल्म की रिलीज की टाइमिंग पर भी सवाल उठाये हैं.

माकपा के त्रिपुरा प्रदेश सचिव बिजन धर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘हर विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने बड़ी स्क्रीन वाली गाड़ियां मंगाई हैं. वे चुनावों से ठीक पहले फरवरी में ही क्यों फिल्म रिलीज कर रहे हैं? निर्माता ऐसा नहीं कह सकते लेकिन इसके पीछे भाजपा है.’

भाजपा ने फिल्म के साथ किसी तरह के संबंध से इनकार किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)