गोरक्षा के नाम पर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तीनों सरकारों के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की है.

/
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)

गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तीनों सरकारों के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने के कारण राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही के लिए याचिका पर बीते सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने इन सरकारों से जवाब मांगा.

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने यह अवमानना याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि इन तीन राज्यों ने शीर्ष अदालत के पिछले साल छह सितंबर के आदेश का अनुपालन नहीं किया है.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने इस याचिका पर तीनों राज्यों को नोटिस जारी किए और उन्हें तीन अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया.

गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद इन राज्यों के विभिन्न हिस्सों में अभी भी गोरक्षा के नाम पर हिंसक घटनाएं हो रही हैं.

इस पर पीठ ने कहा कि वह इस अवमानना याचिका पर गांधी की मुख्य याचिका के साथ सुनवाई करेगी.

न्यायालय ने पिछले साल छह सितंबर को सभी राज्यों को गोरक्षा के नाम पर हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए एक सप्ताह के भीतर प्रत्येक ज़िले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने सहित कठोर उपाय करने का निर्देश दिया था.

पीठ ने इस तरह के हिंसक कृत्य हर कीमत पर रोकने पर ज़ोर देते हुए राज्यों को प्रत्येक ज़िले में एक समर्पित कार्यबल गठित करने और राज्यों के मुख्य सचिवों को गोरक्षा के नाम पर हिंसा की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई के विवरण के साथ स्थिति रिपोर्ट दाख़िल करने का निर्देश दिया था.

शीर्ष अदालत महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस याचिका में गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा पर अंकुश पाने के उपाय करने का सभी राज्य सरकारों को निर्देश देने सहित कई राहतें प्रदान करने का अनुरोध किया गया है.

पिछले साल सितंबर महीने में मामले की सुनवाई के दौरान तुषार गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने गोमांस रखने या इसका सेवन करने, या इसे ले जाने के नाम पर हिंसक भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की घटनाओं की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया था.

उन्होंने सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार द्वारा पहले दिए गए उस वक्तव्य का भी ज़िक्र किया कि केंद्र सरकार लोगों द्वारा कानून अपने हाथ में लेने की घटनाओं का समर्थन नहीं करती है.

तुषार गांधी के अलावा कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने भी इसी मुद्दे पर एक याचिका दायर कर रखी है.

इससे पहले पिछले साल जुलाई महीने में उच्चतम न्यायालय ने स्वयंभू गोरक्षकों की हिंसा की घटनाओं के संदर्भ में केंद्र और राज्यों से कहा था कि वे किसी भी स्वयंभू गोरक्षकों को संरक्षण न दें.

कथित गोरक्षा के नाम पर आतंक और हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल कड़ा संदेश हुए ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करने की बात कह चुके हैं.

गोरक्षा के नाम पर क़ानून तोड़ने वालों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 16 जुलाई को कहा था कि राज्य सरकारों को ऐसे असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को गोरक्षा के नाम पर हो रही इस तरह की गुंडागर्दी की कड़ी भर्त्सना करनी चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा था, देश की छवि पर भी इसका असर पड़ रहा है. राज्य सरकारों को ऐसे असामाजिक तत्वों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50