राजनीति में आप बुरी ताक़तों से लड़ते हैं और अच्छाई के लिए खड़े होते हैं तो मरना होगा: राहुल गांधी

राजनीति में आप बुरी ताक़तों से लड़ते हैं और अच्छाई के लिए खड़े होते हैं तो मरना होगा: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और दादी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और दादी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो: पीटीआई)

सिंगापुर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को माफ़ कर दिया है. एनडीटीवी की खबर के अनुसार कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी बहन और उन्होंने उनके पिता की हत्या करने वालों को माफ़ कर दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘कई साल हम बहुत व्यथित और परेशान थे.  लेकिन, किसी तरह हमने पूरी तरह….सच में पूरी तरह उन्हें माफ कर दिया है.’

राहुल ने यहां तक कहा कि उनके पिता राजीव गांधी और उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार को इस बात की पहले से आशंका थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘राजनीति में जब आप बुरी ताकतों से लड़ते हैं और किसी अच्छी चीज के लिए खड़े होते हैं तो आपको मरना होगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमें पता था कि मेरे पिता मरने वाले हैं. हमें यह भी पता था कि दादी मरने वालीं हैं. मेरी दादी ने कहा था कि वो मरने वाली हैं.’ वे आगे कहते हैं, ‘मैंने पिता को बताया था कि वे मरने जा रहे हैं.’

राजीव गांधी को एक तमिल-श्रीलंकाई आत्मघाती महिला हमलावर ने 1991 में चेन्नई में एक चुनावी रैली में बम धमाके में मार दिया था. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) विचारक एंटन बालासिंघम ने 2016 में प्रकाशित एक किताब में राजीव गांधी की हत्या को संगठन की सबसे बड़ी गलती बताया था.

राहुल ने पिता की हत्या के बारे में अनेक मौकों पर बात की है, लेकिन हत्या करने वालों के विषय में कभी कोई बात नहीं की. जब 2016 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने राजीव गांधी की हत्या के अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने का प्रस्ताव रखा था, उस समय कांग्रेस ने तो उस फैसले का विरोध किया था. लेकिन, राहुल गांधी ने इसे सरकार का फैसला ठहराते हुए इस पर कुछ भी निर्णय लेने से इनकार कर दिया था.

कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि 2009 में जब उन्होंने प्रभाकरन का शव टीवी पर देखा तो उनके मन में दो ख्याल आए. वे कहते हैं, ‘मेरे मन में दो ख्याल आए, पहला कि क्यों वे इस व्यक्ति का इस तरह अपमान कर रहे हैं और दूसरा था कि मुझे बहुत बुरा लगा, उसके परिवार और उसके बच्चों के लिए. मैं गहराई से समझता हूं कि उस जगह पर होने का क्या मतलब होता है.’

राहुल ने बताया, ‘मैंने अपनी बहन को फोन लगाया और कहा कि उसने मेरे पापा को मारा था, मुझे खुश होना चाहिए कि वह मर गया. लेकिन मैं खुश क्यों नहीं हूं?’

राहुल आगे बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने भी तब यही कहा कि मैं भी ऐसा ही महसूस कर रही हूं.