क्या कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में मोदी की रैली का कांग्रेस की रणनीति पर असर पड़ेगा?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव राउंडअप: राहुल ने व्यक्तिगत हमले के लिए किया मोदी पर पलटवार, देवगौड़ा ने सिद्धारमैया पर साधा निशाना.

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Udupi: Prime Minister Narendra Modi being garlanded by BJP workers at an election campaign rally ahead of Karnataka polls, in Udupi on Tuesday. PTI Photo

कर्नाटक विधानसभा चुनाव राउंडअप: राहुल ने व्यक्तिगत हमले के लिए किया मोदी पर पलटवार, देवगौड़ा ने सिद्धारमैया पर साधा निशाना.

Udupi: Prime Minister Narendra Modi being garlanded by BJP workers at an election campaign rally ahead of Karnataka polls, in Udupi on Tuesday. PTI Photo
कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: पीटीआई)

मंगलौर: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में पांच मई को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का कांग्रेस की चुनाव रणनीति पर असर देखने को मिल सकता है.

राज्य के इस तटीय जिले पर कब्जा कायम रखने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत झोंकने जा रही है, लेकिन इसके उम्मीदवारों का मानना है कि मोदी की आगामी रैली मतदाताओं का रुझान भाजपा की ओर कर सकती है और इसलिए पार्टी को अपनी रणनीति पर फिर से काम करने की जरूरत है.

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस रैली को बेअसर करने के लिए पार्टी टिकट बंटवारे से नाराज अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मनाने के तरीके तलाशेगी. उन्होंने बताया कि आखिरी कुछ दिनों में प्रचार अभियान में तेजी लाने की कोशिश की जाएगी. घर-घर जाकर प्रचार किया जाएगा और मतदान केंद्र स्तर पर समर्थन लामबंद किया जाएगा.

मंगलौर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार एवं राज्य के मौजूदा खाद्य मंत्री यूटी खादर ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले चुनावों के दौरान मोदी की रैली का ज्यादा असर नहीं पड़ा था. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘अब, वह प्रधानमंत्री के तौर पर दौरा कर रहे हैं. मुझे लगता है कि किसी ना किसी रूप में इसका प्रभाव पड़ेगा.’

उन्होंने कहा कि मोदी की रैली कुछ हद तक मतदाताओं को प्रभावित करेगी लेकिन उतना नहीं, जितना की भाजपा उम्मीद कर रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रभाव में पांच प्रतिशत उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

चौथी बार चुनाव लड़ रहे खादर ने दावा किया कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सांप्रदायिक झड़पों पर रोक लगायी है. हालांकि, उन्होंने चुनाव का ध्रुवीकरण करने और हिंदुत्व कार्ड खेलने को लेकर भाजपा पर प्रहार किया. भारी मतों के अंतर से जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त खादर ने कहा, ‘मेरे क्षेत्र में सत्ता विरोधी कोई लहर नहीं है. यदि कोई मौजूदा विधायक हारता है तो यह व्यक्तिगत समस्याओं के चलते होगा , ना कि पार्टी की समस्या के चलते.’

साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जिले में प्रचार किया था लेकिन भाजपा एक सीट से ज्यादा हासिल नहीं कर सकी, जबकि कांग्रेस ने सात सीटें जीती थी.

गौरतलब है कि बंतवाल, मंगलौर और मंगलौर उत्तर सीटों को सांप्रदायिक तनावों को लेकर जाना जाता है. मंगलौर उत्तर सीट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार मोहीउद्दीन बावा ने कहा, ‘मोदी लहर है, मैं मानता हूं. लेकिन मैं जीत के प्रति आश्वस्त हूं. सिर्फ 20 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र से यदि एक मुसलमान फिर से चुना जाता है तो यह एक बड़ी जीत होगी.’

हालांकि, पार्टी के दक्षिण कन्नड़ जिला प्रभारी एवं पूर्व मंत्री रामनाथ पाई ने कहा, ‘कोई मोदी लहर नहीं है. जिस तरह से वह बोलते हैं वह किसी पंचायत प्रधान से भी निम्न स्तर का होता है.’ पाई बंतवाल से आठवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं.

वहीं , राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तटीय जिले में भाजपा और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिलेगा.

राहुल ने व्यक्तिगत हमले के लिए किया मोदी पर पलटवार

औराद (कर्नाटक): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर ‘व्यक्तिगत हमले’ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा करना शोभा नहीं देता.

कर्नाटक चुनाव से पहले उन्होंने यहां एक रैली में कहा कि मोदी उन मुद्दों को लेकर जवाब नहीं देते जिन्हें वे उठाते हैं. मसलन विवादित राफेल लड़ाकू विमान सौदे या भगौड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का मुद्दा, इसकी बजाए वह उनपर व्यक्तिगत हमले करते हैं.

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कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी. (फोटो: फेसबुक/कर्नाटक कांग्रेस)

राहुल ने कहा, ‘जब भी मोदी डरते हैं, मैं आपको उनकी प्रवृत्ति के बारे में बताता हूं, वह व्यक्तिगत हमले करते हैं. वह व्यक्ति के बारे में बुरी बातें करेंगे. उनमें और मुझमें यही अंतर है.’ मोदी ने कर्नाटक में अपनी चुनाव रैलियों के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष पर जोरदार हमला बोला था.

राहुल ने कहा, ‘उन्हें मेरे बारे में जो बोलना है, बोलने दें, चाहे वह गलत हों या सही, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’

उन्होंने 12 मई को होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना प्रचार तेज करते हुए कहा, ‘वह भारत के प्रधानमंत्री हैं और मैं उन पर व्यक्तिगत हमले नहीं करूंगा. मैं भारत में रहता हूं और वह भारत के प्रधानमंत्री हैं , इसलिए मैं उन पर कभी भी व्यक्तिगत हमला नहीं करूंगा.’

राहुल ने भाजपा द्वारा चुनाव में विवादित खनन कारोबारी रेड्डी भाइयों को टिकट देने को लेकर भी मोदी की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘शोले फिल्म में गब्बर सिंह था. आप गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी के लिए राहुल का व्यंग्यात्मक नाम ) लेकर आए लेकिन इस बार आप और आगे चले गए. आपने गब्बर सिंह के पूरे गिरोह को उतार दिया.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘गब्बर, सांभा, कालिया और वे सब … रेड्डी भाइयों का गिरोह जो जेल में था … आप उनको विधानसभा में जगह दिलाने में लगे हैं और आप देश से कहते हैं कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मोदी जितना चाहे, उनकी आलोचना कर सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री को उनके सवालों का जवाब देना चाहिए.

राहुल ने कहा, ‘क्या आप रेड्डी भाइयों को विधानसभा में जगह दिलाने की कोशिश नहीं कर रहे? हां या ना. नीरव मोदी 30,000 करोड़ रुपये लेकर भाग गया. आपने उस मोर्चे पर क्या किया? आपका मुंह क्यों बंद था?’

उन्होंने कहा, ‘राफेल (सौदे) में आपने एचएएल (सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ) से अनुबंध छीन लिया. जिन विमानों की कीमत 700 करोड़ रुपये होती, आपने 1,500 करोड़ रुपये में खरीदे. आपने युवाओं से नौकरियां छीनीं और ऐसा कर अपने दोस्त को अनुबंध दे दिया. आप इसके बारे में भी बात नहीं करते.’ गांधी ने कहा कि कर्नाटक में चुनाव का नरेंद्र मोदी या उनसे लेना देना नहीं है बल्कि उसका संबंध राज्य के लोगों के भविष्य से है.

मेरा मुख्यमंत्री बनना ‘तय’: येदियुरप्पा

बेंगलुरु: चुनावी राज्य कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाओं को मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि उनका मुख्यमंत्री बनना ‘तय’ है और किसी को इस पर संदेह नहीं होना चाहिए.

येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य सचिवालय के विधान सौध में उनके शपथ ग्रहण समारोह को लेकर किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए. शिवमोगा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘17 मई को गुरुवार है और 18 मई को शुक्रवार. हमें प्रधानमंत्री की सुविधा वाला समय देखना होगा. अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे.’

येदियुरप्पा ने उत्साहित कार्यकर्ताओं के बीच कहा, ‘कर्नाटक का चुनाव परिणाम उप्र चुनाव परिणाम की पुनरावृत्ति होगा. इस पर कोई भ्रम नहीं है.’

राहुल ने कभी भी देवगौड़ा का अपमान नहीं किया: कांग्रेस

बेंगलुरु: कांग्रेस ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी भी जद (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा का अपमान नहीं किया है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है.

प्रधानमंत्री के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी ने अपने दो पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों (मनमोहन सिंह और देवेगौडा) का अपमान किया है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी ने कभी भी देवगौड़ा का अपमान नहीं किया है … अपमान करना कांग्रेस की संस्कृति का हिस्सा नहीं है.’

कांग्रेस नेता ने मोदी पर अपने हावभाव और भाषा से प्रधानमंत्री पद की गरिमा का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने अभियान के दौरान जो बातें कही वे सच नहीं थीं.

शर्मा ने कहा, ‘इस सरकार की नींव झूठे वादों, झूठ, छल, प्रोपैगैंडा और शेखीबाजी पर टिकी है.’ उन्होंने कहा कि मोदी और उनकी सरकार ‘प्रस्थान लाउंज’ में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बात को जानती है कि देवगौड़ा बहुत वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब देवगौड़ा जी प्रधानमंत्री थे तो उनकी सरकार के पास कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन था. राहुल गांधी ने देवगौड़ा के बारे में कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा है.’ शर्मा ने आरोप लगाया कि मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने जद (एस) के साथ ‘अवसरवादी गठजोड़ ’ कर लिया है.

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पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (फाइल फोटो: पीटीआई)

गौरतलब है कि मोदी ने मंगलवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गौड़ा का ‘अपमान’ करने के लिए राहुल पर निशाना साधा और कहा कि यह उनका ‘अहंकार’ दिखाता है. शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बार-बार अपमान करने के लिए मोदी से माफी की मांग की.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कहा कि देश ने देखा है कि मोदी का खुद संसद में मनमोहन सिंह के प्रति कितना ‘अपमानजनक’ रवैया रहा है. उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने 2014 के आम चुनाव में गौड़ा के उस बयान का जिक्र किया कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो वह ‘राजनीति से संन्यास’ ले लेंगे. मोदी ने भी कहा था कि वह गौड़ा को ‘वृद्धाश्रम’ भेजेंगे.

उन्होंने कहा, ‘उन्हें भी देवगौड़ा से माफी मांगनी चाहिए. कर्नाटक के लोगों को जानने दीजिए कि इस प्रधानमंत्री की जबान तीखी है और वह छल कपट और ढोंग करने की कला में माहिर हैं.’ महिला सुरक्षा, किसानों के मुद्दे, बैंक धोखाधड़ी और राफेल सौदे समेत कई मुद्दों पर सरकार पर हमला करने वाले शर्मा ने कहा कि मोदी जानते हैं कि वक्त आ गया है और भाजपा के लिए उल्टी गिनती कर्नाटक से शुरू होगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वह और उनकी सरकार प्रस्थान लाउंज में है. भारत के लोग निराश नहीं है बल्कि वह झूठ, झूठे वादे और झूठे दावों, लोगों की बुद्धिमता का अपमान करने से ऊब गए हैं और वे उन्हें बाहर भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर देश में एक करोड़ 50 लाख नौकरियां पैदा होने की घोषणा की गई. उन्होंने कहा, ‘यह एक और झूठ है.’

देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री की तारीफ को कमतर करने का प्रयास किया, सिद्धारमैया पर साधा निशाना

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर्नाटक की एक चुनावी सभा में एचडी देवगौड़ा की प्रशंसा करने के एक दिन बाद, जेडीएस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि दोनों दल एक दूसरे से मधुर संबंध बना रहे हैं.

देवगौड़ा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उनकी इस टिप्पणी को लेकर निंदा की कि उनकी पार्टी भाजपा का समर्थन करेगी. उन्होंने दावा किया कि जब सिद्धारमैया जेडीएस में थे तो वह 2004 में भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बनना चाहते थे.

देवगौड़ा के ‘अपमान’ को लेकर राहुल गांधी की मोदी द्वारा आलोचना का लगभग समर्थन करते हुए जेडीएस प्रमुख ने कहा कि एक ‘कन्नड़िगा ’ प्रधानमंत्री बना था और सिद्धारमैया ने कन्नड़िगा के गौरव को ‘खत्म’ करने का प्रयास किया.

वर्ष 1996-97 के दौरान केंद्र की संयुक्त मोर्चा सरकार का नेतृत्व करते हुए प्रधानमंत्री रहे देवगौडा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कांग्रेस इस तरह से कन्नड़ गौरव को सम्मान देती है.’ उन्होंने त्रिशंकु विधानसभा की आशंका से इंकार करते हुए कहा कि 12 मई को प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में जेडीएस सत्ता में वापस आएगी.

देवगौडा ने कहा, ‘हो सकता है कि मेरी तारीफ करके वह (प्रधानमंत्री) सहानुभूति प्राप्त करना चाहते हों. यही हो सकता है. इसका मतलब यह नहीं कि (भाजपा और जेडीएस के बीच) कोई सहमति है.’

येदियुरप्पा के साथ खड़े होकर पीएम को भ्रष्टाचार पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं: कांग्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भाजपा पर अपना हमला जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि वह कर्नाटक में ‘एड्डी-रेड्डी गैंग’ को सरंक्षण दे रही है और ‘भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति’ बीएस येदियुरप्पा के साथ खड़े होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विषय पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के मंच पर येदियुरप्पा खड़े होते हैं. ऐसे में मोदी जी को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. येदियुरप्पा भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति हैं. जब आप उनका साथ दे रहे हैं और भ्रष्टाचार के बारे में बोलते हैं तो अजीबोगरीब लगता है.

Chamarajanagar: Prime Minister Narendra Modi and BJP's chief ministerial candidate BS Yeddyurappa share a lighter moment during Karnataka election campaign rally at Chamarajanagar on Tuesday
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने दावा किया कि सीबीआई ने केंद्र सरकार के दबाव में येदियुरप्पा को क्लीनचिट दी है. ऐसे में कर्नाटक सरकार ने राज्य को लूटने की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया.

शुक्ला ने कहा कि अब ‘एड्डी-रेड्डी गैंग’ कर्नाटक में फिर से शासन करना और लूटना चाहता है. भाजपा इस गैंग को संरक्षण दे रही है. कर्नाटक की जनता से अपील है कि वह इस गैंग से सावधान रहे. वह जाहिर तौर पर येदियुरप्पा और खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं के संदर्भ में ‘एड्डी-रेड्डी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे.

कर्नाटक में कांग्रेस खेल रही है ‘सांप्रदायिक कार्ड’ : भाजपा

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर प्रचार अभियान में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुये चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में भाजपा नेताओं ने बुधवार को चुनाव आयोग से इस मामले में संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. आयोग के समक्ष ज्ञापन पेश करने के बाद गडकरी ने बताया ‘कर्नाटक में अनेक स्थानों पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश हो रही है. इन स्थानों पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेता स्वयं उपस्थित होकर मुस्लिम समाज से आह्वान करते हैं कि उन्हें कांग्रेस को ही वोट देना चाहिये और मुस्लिम अगर ऐसा करते हैं तो इस्लाम उन पर प्रसन्न होगा.’

उन्होंने कहा, ‘हमने आयोग को कर्नाटक में मंदिरों पर लगे भगवा झंडे निकाले जाने और तटीय कर्नाटक में सुबह के समय निकलने वाली प्रभात फेरी पर प्रतिबंध लगाने की घटनाओं के सबूत भी दिये हैं.’ गडकरी ने कहा कि कांग्रेस अपने प्रचार में जातिवाद और सांप्रदायिकता का कार्ड खेल रही है. इसकी राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की गयी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए उम्मीदवारों के नाम लिखे प्रेशर कुकर और अन्य वस्तुयें बांटने का भी शिकायत में जिक्र किया गया है.गडकरी ने राज्य में सत्तरूढ़ कांग्रेस पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुये कहा, ‘भाजपा के विज्ञापनों को प्रसारित प्रकाशित करने से रोका जा रहा है और ऐसा करने वालों का भुगतान नहीं करने की भी धमकी दी जा रही है.’

उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त ने इन शिकायतों के तथ्यों की जांच करने और सही पाये जाने पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी और भाजपा नेता अरुण सिंह भी शामिल थे.

येदियुरप्पा के निर्वाचन क्षेत्र में सूखे ने बढ़ाई किसानों की समस्या

शिकारीपुरा (कर्नाटक): भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदियुरप्पा का निर्वाचन क्षेत्र शिकारीपुरा पिछले तीन साल से लगातार सूखे की चपेट में है. वहीं , तालुका के कई गांवों के लोग इस बात से नाराज हैं कि उनके नेता येदियुरप्पा का राज्य और केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व होने के बावजूद राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) शुरू नहीं किया है.

दोपहर का भोजन करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठे किसान शांतप्पा ने सूरज की तपिश से सूखती मक्का की फसल को देखते हुए चिंता जाहिर की. दरअसल, उन्हें अपनी उपज को 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की कम कीमत पर खुले बाजार में बेचने का डर सता रहा है.

हालांकि, पूरे परिवार ने पांच एकड़ जमीन में मक्का उगाने के लिए कमरतोड़ मेहनत की है. लेकिन फसल की बिक्री से मिलने वाली राशि उपज की लागत निकालने तक के लिए पर्याप्त नहीं होगी. लगातार तीन साल से सूखे का सामना करने के चलते शिकारीपुरा के ज्यादातर किसानों ने धान की बजाय ज्वार उपजाना शुरू कर दिया है. ज्वार की फसल कम पानी से और कम समय में तैयार हो जाती है.

गणेश कूडहल्ली (44) नाम के एक व्यक्ति ने बताया, ‘इस बार एमएसपी खरीद के लिए क्षेत्रीय विपणन केंद्र नहीं खुला. हमारे नेता ने वादा किया है कि यदि भाजपा सत्ता मे आई तो वह मक्का के लिए 1,500 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी सुनिश्चित कराएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने 2017-18 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए 1,425 रूपया प्रति क्विंटल एमएसपी की घोषणा की है लेकिन किसानों को लगता है कि उन्हें यह नहीं मिल रहा है. हम सचमुच में नहीं जानते कि कौन जिम्मेदार है , केंद्र या राज्य सरकार.’

सुरेश कुमार नाम के एक अन्य किसान ने कहा, ‘हमने कम बारिश होने के चलते धान की खेती बंद कर दी. इस क्षेत्र में सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं. इसीलिए, हम आजीविका के लिए मक्का की खेती कर रहे हैं.’

कुमार ने रोष जाहिर करते हुए कहा, ‘किसानों के नाम पर राजनीति की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि वह 12 मई के विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान ‘उपयुक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं.

वहीं, तालुक के एक अधिकारी ने बताया, ‘पिछले साल मक्का की उपज का आधे से भी कम हिस्सा एमएसपी पर खरीदा गया. लेकिन समूचा भंडार राज्य संचालित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में पड़ा रहा. कोई अतिरिक्त भंडारण नहीं है. इसलिए, एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं की गई.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)