गुड़गांव में हिंदूवादी संगठनों ने कई जगहों पर लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोका

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने खुले में नमाज़ पढ़ने से लोगों को रोका. समिति में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, हिंदू जागरण मंत्र जैसे 12 संगठन शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने खुले में नमाज़ पढ़ने से लोगों को रोका. समिति में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, हिंदू जागरण मंत्र जैसे 12 संगठन शामिल हैं.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

गुड़गांव: गुड़गांव में कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कई जगहों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जुमे की नमाज़ पढ़ने से रोका. हालांकि इसे लेकर कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.

गुड़गांव पुलिस का कहना है कि नमाज़ स्थलों पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी और कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है.

कुछ तथाकथित हिंदूवादी संगठन पिछले दो सप्ताह से गुड़गांव में नमाज़ में बाधा डाल रहे हैं. उन लोगों का आरोप है कि कुछ लोग ज़मीन पर कब्जा करके उसे मस्जिद में मिलाना चाहते हैं.

पुलिस का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वज़ीराबाद, अतुल कटारिया चौक, साइबर पार्क, बख़्तावर चौक आदि जगहों पर शुक्रवार को जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए जमा हुए थे.

हालांकि उन्हें नमाज पढ़ने से रोकने के लिए वहां विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू क्रांति दल, गऊ रक्षक दल और शिवसेना के सदस्य भी पहुंच गए. हिंदूवादी संगठन के एक सदस्य रितु राज का कहना है कि उन्होंने वज़ीराबाद में नमाज़ पढ़े जाने की जगह पर हवन किया है.

इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नमाज़ में बाधा डालने के लक्ष्य से कथित रूप से ‘जय श्री राम’ और ‘राधे-राधे’ के नारे भी लगाए.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार गुड़गांव में 10 जगहों पर मुसलमानों को बांग्लादेशी बताकर नमाज़ पढ़ने से रोक दिया गया. इसमें सेक्टर 40 स्थित यूनिटेक साइबर पार्क के पास का इलाका, सहारा मॉल के सामने की सर्विस रोड और उद्योग विहार फेज़-2 का इलाका अहम है.

रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने खुले नमाज़ पढ़ने से लोगों को रोकने का दावा किया है. यह समिति 12 हिंदूवादी संगठनों से मिलकर बनी है, जिसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, हिंदू जागरण मंत्र और अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल शामिल है.

आरोप है कि इन संगठनों से जुड़े लोगों ने नमाज़ियों को अवैध तरीके से देश में घुसे बांग्लादेशी बताया और चले जान को कहा.

मालूम हो कि दो हफ़्ते पहले गुड़गांव के वज़ीराबाद इलाके में एक मैदान में नमाज़ पढ़ने के दौरान व्यवधान पैदा किया गया है. इस संबंध में छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

बहरहाल शुक्रवार को हुई नमाज़ रोकने की घटनाओं में कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है. गुड़गांव पुलिस के जन संपर्क अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस को इस संबंध में किसी पक्ष की ओर से अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर ही पुलिस कार्रवाई कर सकेगी.

नवभारत टाइम्स से बातचीत में अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के राजीव मित्तल ने कहा कि मुसलमानों को खुले में नमाज़ पढ़ने के लिए प्रशासन से मंज़ूरी लेनी होगी. बिना मंज़ूरी नमाज़ नहीं पढ़ने देंगे.

बजरंग दल के गुड़गांव इकाई के नेता अभिषेक गौर ने कहा कि हमने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि क़ानून व्यवस्था बनाए रखते हुए मुसलमानों को खुले में नमाज़ पढ़ने से रोका जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)