जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद जम्मू – कश्मीर में बुधवार को तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है.

गौरतलब है कि बेहद आश्चर्यजनक तरीके से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को खुद को प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार से अलग कर लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया.

भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस लेते हुए कहा था कि राज्य में बढ़ती कट्टरता और आतंकवाद के बीच सरकार में बने रहना असंभव हो गया है.

मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे गए एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफारिश की थी. इसकी एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी गई थी.

राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफारिश को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद बुधवार को तत्काल प्रभाव से प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है.

बीते एक दशक में यह चौथी बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा है.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लगाने की मंजूरी दे दी है.’

जम्मू-कश्मीर में मंगलवार रात भर राजनीतिक घटनाक्रम जारी रहा. जब राज्यपाल एनएन वोहरा ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति भवन को भेजी उस वक्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विमान में थे.

राज्यपाल की रिपोर्ट का ब्यौरा तुरंत ही सूरीनाम भेजा गया जहां राष्ट्रपति अपने पहले दौरे पर जा रहे थे और उनका विमान भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजे वहां उतरना था.

राज भवन के एक प्रवक्ता ने मंगलवार रात श्रीनगर में बताया, ‘सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी है जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लागू करने की सिफारिश की है.’

राष्ट्रपति ने रिपोर्ट को देखने के बाद अपनी मंजूरी दे दी और इस बाबत बुधवार सुबह छह बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया गया. इसके बाद राज्यपाल शासन लगाने की प्रक्रिया तैयार की गई और इसे श्रीनगर भेजा गया.

बीते चार दशक में यह आठवीं बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है और वर्ष 2008 से वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है.

भाजपा ने मंगलवार दोपहर अचानक ही राज्य में पीडीपी के साथ तीन साल पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था और यहां राज्यपाल शासन लगाने की मांग की थी.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने घोषणा की थी कि पार्टी गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले रही है. गठबंधन में कटु राजनीतिक कलह और बदतर होती सुरक्षा स्थितियों की वजह से दरारें पड़ने लगी थीं.

माधव ने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार में बने रहना भाजपा के लिए मुश्किल हो गया है.’

वोहरा के कार्यकाल में राज्य में पहली बार राज्यपाल शासन वर्ष 2008 में 174 दिन के लिए लगाया गया था जब गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार से पीडीपी ने अमरनाथ भूमि विवाद के चलते समर्थन वापस ले लिया था.

उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्यपाल शासन पांच जनवरी 2009 को समाप्त हुआ था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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