दंपत्ति ने ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की शिकायत. शिकायत के बाद दंपत्ति को पासपोर्ट जारी. प्रताड़ित करने वाले अधिकारी का तबादला.

मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ ने 2008 में शादी की थी. (फोटो साभार: एएनआई)
लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रतन स्क्वॉयर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में बुधवार को एक दंपत्ति ने उनके अलग-अलग धर्म के होने के कारण पासपोर्ट अधीक्षक पर पासपोर्ट रोकने और अपमानित करने का आरोप लगाया है.
नोएडा निवासी महिला का कहना है कि जब वे लोग पासपोर्ट की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे, उस वक़्त विकास मिश्रा नाम के अधिकारी ने उन्हें पासपोर्ट देने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वे अलग-अलग धर्म के थे.
अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ का पासपोर्ट अधिकारी ने यह कह कर रोक दिया कि मुस्लिम से शादी होने के बाद नाम बदलना ज़रूरी है, इसके बिना पासपोर्ट नहीं बन सकता है. वहीं, अनस से अधिकारी ने कहा कि हिंदू लड़की से शादी करने पर उन्हें भी अपना धर्म बदलना चाहिए.
महिला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर कहा, ‘मैं न्याय पर और आप पर विश्वास करते हुए यह लिख रही हूं, लखनऊ के पासपोर्ट कार्यालय में एक अधिकारी विकास मिश्रा द्वारा मेरे साथ जिस तरह व्यवहार किया गया, उससे मैं काफ़ी आहत हूं.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इस तरह की घटना का कारण यह है कि मैंने एक मुसलमान व्यक्ति से शादी की और अपना नाम नहीं बदला. उन्होंने मुझसे बहुत ख़राब तरीके से और ऊंची आवाज़ में बात की जिससे आसपास मौजूद सभी लोगों ने उस बातचीत को सुना. मुझे इतना अपमानित पहले कभी महसूस नहीं हुआ.’
@SushmaSwaraj hello ma’am I type this tweet with immense faith in justice and in you and ironically with a lot of anger / hurt and agony in my heart because of the way I was treated at the Lucknow passport office at Ratan Square by Mr. Vikas Mishra the reason because I marri 1/2
— Tanvi Seth (@tanvianas) June 20, 2018
@SushmaSwaraj 2/2 married a Muslim and not changed my name ever. He spoke to me very rudely and was loud enough for others to hear while discussing my case. I have never felt so harassed ever before. The other workers at the office acknowledged his rude demeanour.
— Tanvi Seth (@tanvianas) June 20, 2018
वहीं, एक ट्वीट अनस सिद्दीकी ने भी किया. ट्वीट में उन्होंने अपनी पत्नी तन्वी द्वारा किए गए एक ईमेल का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा को लिखा था.
— Anas Siddiqui (@5220manas) June 20, 2018
इसके बाद इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने सक्रियता दिखाई. शिकायत के जवाब में काउंसलर, पासपोर्ट एवं वीजा प्रभाग के सचिव डीएम मुले ने प्रतिक्रिया देते हुए लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से रिपोर्ट मांगी.
मुले ने बुधवार रात ट्विटर पर लिखा, ‘आपको परेशानी हुई, इसका हमें दुख है. मैंने लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट केंद्र से रिपोर्ट मांगी है, उचित कार्रवाई की जाएगी.’
गौरतलब है कि अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ ने 19 जून को पासपोर्ट के लिए आवेदन दिए थे और लखनऊ पासपोर्ट केंद्र पर 20 जून का समय लिया था.
दंपत्ति के मुताबिक उनका आवेदन खारिज करने से पहले पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने कथित तौर पर उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया.
अनस ने दावा किया कि विकास मिश्रा ने उन्हें बुलाया और उनका अपमान करना शुरू कर दिया. उनसे कहा कि वह हिंदू धर्म अपना लें वरना विवाह स्वीकार नहीं किया जाएगा. मिश्रा ने उनसे कहा कि उन्हें हिंदू रीति-रिवाज से शादी करनी होगी.
सिद्दीकी ने ट्विटर पर लिखा था कि वह और उनकी पत्नी इस क्रूरता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं.
तन्वी ने बताया था, ‘मुझे बताया गया कि मेरा पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सकता है क्योंकि मैंने एक मुस्लिम व्यक्ति से विवाह किया है और अपना उपनाम नहीं बदला है. अधिकारी विकास मिश्रा ने मुझसे कहा किआपके साथ तो मसला है. आपने मुस्लिम से शादी की है तो आपका नाम तन्वी सेठ कैसे हो सकता है? विवाह के बाद अपना उपनाम बदलना हर महिला का कर्तव्य है. उस अधिकारी की भाषा और हावभाव अपमानजनक थे. जब मैंने पूछा कि अब मुझे क्या करना चाहिए तो बताया गया कि सभी दस्तावेजों में मुझे नाम बदलना होगा.’
उन्होंने बताया, ‘वह अधिकारी मुझसे पूछताछ करते वक्त जोर से और बहुत ही अपमानजनक तरीके से बोल रहा था, वहां बहुत से लोग थे. पता नहीं, हो सकता है उन्हें कोई निजी दुश्मनी रही हो. हमारे नाम देखते ही उन्होंने सवाल पूछने शुरू कर दिए.’
तन्वी ने बताया, ‘हमने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मैं अंतिम सत्यापन के लिए गई थी.’
तन्वी सेठ विकास मिश्रा की इस बात पर रो पड़ी कि उन्हें मुस्लिम व्यक्ति अनस से शादी नहीं करनी चाहिए थी. तन्वी ने जब इस बात पर ज़ोर दिया कि वह अपना नाम नहीं बदलना चाहती और उनके परिवारों को इससे कोई दिक्कत नहीं है. इसके बाद मिश्रा ने उन्हें सहायक पासपोर्ट अधिकारी (एपीओ) से मिलने को कहा.
द वायर से बातचीत में अनस ने बताया, ‘जब तन्वी एपीओ से मिलने चली गईं तो विकास मिश्रा मुझसे मुखातिब हुए तो चिल्लाकर कहा कि मुझे अपना धर्म बदल लेना चाहिए, क्योंकि मैंने तन्वी सेठ को अपने पासपोर्ट संबंधी दस्तावेजों में पत्नी के रूप में दर्शाया है. अधिकारी ने मुझे प्रताड़ित किया.’
पूरे घटनाक्रम के बाद गुरुवार सुबह दंपत्ति को उनका पासपोर्ट जारी कर दिया गया. मीडिया के सामने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने उन्हें पासपोर्ट सौंपा.
पीयूष वर्मा ने कहा कि दंपत्ति को पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि आरोपी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जांच करके आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.
हालांकि, बाद में गुरुवार को बदसलूकी करने वाले अधिकारी विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर कर दिया गया. कार्यालय ने घटना पर खेद भी प्रकट किया.
पीयूष ने घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. अनस और तन्वी ने वर्ष 2007 में शादी की थी. उनकी छह साल की एक बेटी भी है और दोनों नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)