बिहार: नाबालिग से प्रिंसिपल, शिक्षक और छात्रों समेत 18 लोगों ने 7 महीने तक किया गैंगरेप

बिहार के छपरा के एक स्कूल की छात्रा का आरोप, पिछले 7 महीने से उसके साथ गैंगरेप किया जा रहा है. मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 18 आरोपियों में से छह को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बिहार के छपरा के एक स्कूल की छात्रा का आरोप, पिछले 7 महीने से उसके साथ गैंगरेप किया जा रहा है. मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 18 आरोपियों में से छह को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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छपरा: बिहार के सारण ज़िले में नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने आरोप लगाए हैं कि उसके स्कूल के प्रिंसिपल, दो शिक्षकों और 16 छात्रों ने उससे बलात्कार किया और उसे ब्लैकमेल किया. इन आरोपियों में प्रिंसिपल का एक बेटा भी शामिल है. शुक्रवार को छात्रा की शिकायत के बाद पुलिस ने 19 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस अधीक्षक (सारण) हरिकिशोर राय ने बताया कि लड़की से बलात्कार करने और उसे ब्लैकमेल करने के सिलसिले में प्रिंसिपल और एक शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है और चार छात्रों को पकड़ा गया है. बाकी आरोपित फरार बताए जा रहे हैं. भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

छात्रा से कथित तौर पर बलात्कार करने और उससे ब्लैकमेल करने के लिए एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल और एक शिक्षक को सात जुलाई को पोकसो अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें एक पखवाड़े के लिए जेल भेज दिया.

घटना में कथित तौर पर शामिल स्कूल के चार छात्रों को रिमांड होम भेजा गया क्योंकि वे किशोर हैं. छह लोगों को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश उदय कुमार उपाध्याय की अदालत में पेश किया गया जो यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पोक्सो) अदालत के प्रभारी भी हैं.

अदालत ने निर्देश दिया कि चार छात्रों के मामले की अलग से सुनवाई हो और इसे किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के पास भेजा जाए जो उनकी उम्र की पुष्टि करेगा.

न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी ने लड़की का बयान भी दर्ज किया.

प्रिंसिपल ने अदालत से कहा कि उनके खिलाफ आरोप गलत हैं और मामले में उन्हें फंसाने का षड्यंत्र चल रहा है ताकि उनकी और उनके स्कूल की बदनामी हो.

लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि प्रिंसिपल, दो शिक्षकों और 16 छात्रों ने उससे सात महीने तक बलात्कार किया और उसे ब्लैकमेल किया. स्कूल सारण ज़िले के एकमा थाने के तहत एक गांव में स्थित है. यह जिला मुख्यालय छपरा से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित है.

एसपी ने पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इस दल ने बीते छह जुलाई को स्कूल का दौरा किया और गिरफ्तारियां कीं. एसपी ने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी हैं.

राय ने बताया कि पीड़िता ने शिकायत में आरोप लगाया है कि दिसम्बर 2017 में स्कूल के शौचालय में कुछ छात्रों ने उससे बलात्कार किया.उन्होंने कहा कि छात्रों ने इस घटना का वीडियो बना लिया और धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देंगे.

एसपी ने कहा कि पीड़िता ने घटना के बारे में जब प्रिंसिपल से शिकायत की तो उन्होंने उसे मामले की शिकायत नहीं करने के लिए मनाया क्योंकि इससे उसकी और उसके परिवार की बदनामी होती.

लड़की ने आरोप लगाए कि प्रिंसिपल ने दो शिक्षकों के साथ बाद में उससे बलात्कार किया और उसे ब्लैकमेल किया. पीड़िता ने संवाददाताओं से कहा कि वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा सकी क्योंकि उसके पिता कई महीने से जेल में बंद थे.

छात्रा के साथ जब यह वीभत्स घटना हो रही थी, उस वक्त उसके घर में केवल उसकी मां और एक छोटा भाई ही था. उस दौरान उसके पिता जेल में थे. पिता कुछ दिनों पहले जेल से रिहा हुए और बीते छह जुलाई को शिकायत दर्ज कराई गई.

प्रभात खबर के मुताबिक, पीड़ित छात्रा की मेडिकल जांच सदर अस्पताल में करायी गयी और फिलहाल पीड़ित छात्रा को महिला थाने की पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है. छात्रा का बयान शनिवार को न्यायालय में दर्ज कराया जायेगा.

अखबार के मुताबिक छपरा जिले के एकमा थाना क्षेत्र के परसागढ़ स्थित दीपेश्वर बाल ज्ञान निकेतन की छात्रा के साथ सबसे पहले बाथरूम में पांच छात्रों ने गैंगरेप किया. जब इसकी शिकायत लेकर छात्रा प्राचार्य के पास पहुंची तो उसने भी नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया. इसके बाद छात्रा के साथ दो शिक्षकों ने भी रेप किया. गैंगरेप का सिलसिला महीनों तक चलता रहा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)