केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार की नवादा जेल पहुंचकर सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोपी हिंदू नेताओं से मुलाकात की. दंगे के एक अन्य आरोपी के परिवार से मिलकर रोते हुए उन्होंने कहा कि सरकार में रहकर भी कुछ नहीं कर पाने की विवशता है.
पटना: केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के गोरक्षा के नाम पर हत्या करने के दोषियों से मुलाकात के बाद केंद्र की भाजपा सरकार के एक और मंत्री इसी तरह के विवाद में घिर गए हैं. मामला बिहार के नवादा से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का नवादा जेल पहुंचकर दंगों के आरोपियों से मुलाकात करने का है.
शनिवार को केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह बिहार की नवादा जेल पहुंचे थे. यहां उन्होंने बिहार में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में जेल में बंद हिंदूवादी संगठनों के नेताओं से मुलाकात की. तो वहीं, रविवार को वे इसी साल मार्च में नवादा में भड़के दंगों में आरोपी बनाए गए व्यक्ति के परिवार से मिलने उसके घर पहुंच गए.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री जेल में विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री कैलाश विश्वकर्मा और बजरंग दल के जिला संयोजक जीतेंद्र प्रताप जीतू से मुलाकात करने पहुंचे थे.
इस दौरान वे उनके समर्थन में कहते नजर आए, ‘दोनों नेताओं को दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से फंसाया गया है. इन नेताओं ने नवादा में हुए पिछले एक साल में सांप्रदायिक तनाव के दौरान शांति व्यवस्था बहाल करने में बड़ी भूमिका अदा की है. इनको गलत तरीके से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है.’
प्रभात खबर के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले वर्ष रामनवमी और उसके कुछ दिनों के बाद मूर्ति तोड़े जाने के लेकर नवादा में हिंसा की घटनाएं हुईं और माहौल को शांत करने के लिए बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद के इन कार्यकर्ताओं ने जो भूमिका निभाई, वह तारीफ के काबिल है. लेकिन पुलिस ने उल्टा इन्हीं को गलत मामलों में फंसाकर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.’
गौरतलब है कि 3 जुलाई को बजरंग दल के संयोजक जितेंद्र प्रताप को वर्ष 2017 में हुए दंगों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था. प्रताप की गिरफ्तारी के बाद 4 जुलाई को उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर उतर आए.
उन्होंने कहा, ‘हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है. प्रशासन के मन में यह बात घर कर गई है कि बहुसंख्यक हिंदुओं को दबा देने से सांप्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति मजबूत हो जाएगी.’
वहीं, इसी साल मार्च में नवादा में एक मूर्ति तोड़े जाने को लेकर दो समुदायों के बीच हुए टकराव के एक आरोपी के परिवार से भी वे रविवार को मिले.
Bihar:Union Min Giriraj Singh met family of an accused of clashes b/w 2 communities in Nawada over an idol being vandalised in March this yr,says 'They've always helped maintain peace in all situations. How can you call them rioters?Admn should see if they really incited violence pic.twitter.com/ud9hBTGkKN
— ANI (@ANI) July 8, 2018
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हर परिस्थितियों में शांति स्थापित करने की कोशिश की है. आप उन्हें कैसे दंगाई कह सकते हैं? प्रशासन को देखना चाहिए कि क्या वास्तव में उन्होंने हिंसा भड़काई है?’
इस दौरान वे आरोपी के परिवार से बात करते हुए रो भी पड़े. इस दौरान आप तो सरकार में हैं फिर कुछ करें, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मेरी विवशता यही है. मैं सरकार को यही कहना चाहता हूं कि सरकार का काम है निष्पक्ष होना. 2014 से देख लें, यहां के लोगों ने सामाजिक सौहार्द्र निभाने में भूमिका निभाई है.’
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भारत सरकार के एक मंत्री जेल में जाकर मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन, उनकी सरकार न किसी को बचाती है और न फंसाती है. लेकिन जो लोग इस तरह का धंधा करेंगे उनको उनकी सरकार नहीं बख्शेगी.’
एनडीटीवी के मुताबिक, नीतीश कुमार ने फिर यह बात दोहराई कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं करेगी, भले सरकार रहे या न रहे.’
गौरतलब है कि झारखंड में गोमांस रखने के शक में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए 8 अभियुक्त पिछले हफ़्ते जब ज़मानत पर जेल से बाहर निकले तो केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया था. इस घटना ने भी काफी तूल पकड़ा और सिन्हा के इस कदम के लिए उनकी चौतरफा आलोचना भी की गई.
उनके पिता और पूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने तो यहां तक कह दिया कि वे एक नालायक बेटे के लायक पिता हैं.