उत्तर प्रदेश के बरेली शहर का मामला. मई में मुक़दमा दर्ज करने के बाद ससुराल पक्ष के छह आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया.
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में महिला की कथित तौर पर भूखा-प्यास से मौत होने का मामला सामने आया हैं. पति द्वारा फोन पर तीन तलाक़ कहे जाने के बाद महीने भर कमरे में कथित रूप से भूखी-प्यासी बंद रखी जाने वाली रज़िया की बीती नौ जुलाई को मौत हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, परिवारवालों ने ससुराल से महिला को बीते मई महीने में छुड़ाया था. पिछले ढाई महीने से उनका इलाज चल रहा था. हालत में सुधार न होने की वजह से उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में रिफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने महिला के पति सहित ससुरालवालों के ख़िलाफ़ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है. हालांकि मामले के छह आरोपियों को अभी गिरफ़्तार नहीं किया जा सका है.
बरेली के एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने बताया कि रज़िया के पति नईम को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें लगातार दबिश दे रहीं हैं. उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत में रज़िया की बड़ी बहन तारा बी. ने बताया, ‘मेरी बहन की शादी 2005 में नईम ख़ान से हुई थी. शादी के कुछ ही दिनों बाद दहेज की मांग को लेकर नईम ने उसे मारना-पीटना शुरू कर दिया था. बीते अप्रैल महीने में नईम ने उसे फोन पर तलाक़ दे दिया. उसके कुछ दिन बाद वह घर लौटा और रज़िया को घर के एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया. उसे खाना और पानी भी नहीं दिया जाता था.’
तारा बी. ने बताया, ‘रज़िया को एक महीने तक बंद रखने के बाद नईम उसे अपने मामा के घर ले गया. वहां के लोगों से हमें इस बारे में पता चला. वह हमें अपनी बहन से बात करने देता था और न ही अपने घर आने देता था.’
टाइम्स आॅफ इंडिया के अनुसार, नईम उस वक़्त दिल्ली में था जब उसने रज़िया को तलाक़ दिया था. नईम बरेली के क़िला थानाक्षेत्र के कटघर मोहल्ले में रह रहा था.
रज़िया के मायकेवालों ने जैसे-तैसे उसे छुडाया और एनजीओ ‘मेरा हक़’ की अध्यक्ष फरहत नकवी के हस्तक्षेप पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
फरहत ने बताया कि रज़िया के मामले में प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को ट्वीट कर शिकायत की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बरेली ज़िला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस गुप्ता ने बताया, ‘रज़िया को जब अस्पताल लाया गया तो वह एक ज़िंदा लाश थी. वह बुरी तरह से एनीमिया से पीड़िता थी. उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था, जिसकी वजह से बीते तीन जुलाई को हमने उसे लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के लिए रिफर किया था.’
मामले पर संज्ञान लेते हुए ज़िला पुलिस ने दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है और पति सहित ससुरालवालों की गिरफ्तारी का आदेश दिए गए हैं. रज़िया का छह साल का बच्चा है.
उत्तर प्रदेश के महोबा की रहने वाली रज़िया को तीन तलाक़ कहा गया और पति का घर छोड़ने पर मजबूर किया गया. रजिया की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसके द्वारा बनाई गई रोटी जल गई थी.
बड़ी बहन तारा बी. ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में आरोप लगाया कि मई में केस दर्ज कराने के बावजूद पुलिस एक बार भी रज़िया का बयान दर्ज करने के लिए नहीं आई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)