दूध की कीमत में पांच रुपये की वृद्धि और इससे बनने वाले पाउडर को अनुदान देने की है मांग. कई जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया. विपक्ष ने समर्थन में किया सदन से बर्हिगमन.
मुंबई/नासिक/नागपुर: महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसानों और दूध संघों ने दूध के ख़रीद मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सोमवार को आंदोलन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने कई ज़िलों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित कर दिया.
ख़रीद मूल्य में पांच रुपये की वृद्धि और दूध से बनने वाले उत्पादों (बटर और पाउडर) पर जीएसटी हटाने की अपनी मांग पूरी कराने के लिए आंदोलनकारी और दूध संघ मुंबई और पुणे में दूध आपूर्ति ठप करने की कोशिश की और दूध सड़कों पर गिराकर अपना रोष प्रकट किया.
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की ओर से इस आंदोलन की अगुवाई की जा रही है. उधर, मुख्यमंत्री देवेद्र फड़णवीस ने आंदोलन को अस्वीकार करते हुए कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है. किसान और दुग्ध संगठनों के आंदोलन का समर्थन करते हुए विपक्ष सोमवार को सदन से बर्हिगमन भी किया.
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेता हार्दिक पटेल ने भी इस प्रदर्शन के अगुवा स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के प्रमुख राजू शेट्टी को अपना समर्थन ज़ाहिर किया है.
आंदोलनकारियों ने पुणे, नासिक, अहमदनगर, बुलढाना, जलगांव और अन्य जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया और कुछ टैंकरों का दूध सड़कों पर गिरा दिया.
संगठन के एक कार्यकर्ता ने बताया कि पुणे-सोलापुर मार्ग पर दूध के छह टैंकरों की आवाजाही रोकी गई और कुछ जगहों पर दूध के पैकेट फेंके गए. उन्होंने बताया कि संगठन के सदस्यों ने पुणे में कई जगहों पर मुफ्त में दूध बांटा.
प्रदर्शन का प्रभाव पालघर ज़िले से सटे वसई एवं विरार में अमूल दुग्ध संग्रह केंद्रों पर भी देखा गया क्योंकि सहकारी संस्था ने सोमवार को किसानों से दुग्ध संग्रह नहीं करने का फैसला किया.
अमूल मुंबई में दुग्ध आपूर्ति करने वाली एकमात्र सबसे बड़ी संस्था है.
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर अमूल की दुग्ध आपूर्ति प्रभावित होती है तो इसका प्रभाव उपभोक्ताओं पर महसूस किया जाएगा.
डेयरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने इससे पहले बताया था कि मुंबई में हर दिन कम से कम 55 लाख दूध के पैकेट बेचे जाते हैं. गुजरात स्थित अमूल की बाज़ार में सबसे अधिक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद कोल्हापुर के गोकुल का स्थान आता है.
कई किसान संगठनों ने दूध का मूल्य पांच रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की मांग की है और मुंबई एवं पुणे में सोमवार को दूध की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. राज्य सरकार सहित डेयरी संगठनों ने उनकी इस मांग का विरोध किया है.
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने कहा कि वे आंदोलन करने को मजबूर हुए क्योंकि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और आश्वस्त किया है कि उनके समर्थक गुजरात से महाराष्ट्र आने वाले दूध के ट्रकों की आवाजाही रोकने की कोशिश करेंगे.
शेट्टी ने कहा, ‘दूध की बर्बादी कर हम खुश नहीं हैं लेकिन सरकार डेयरियों का बचाव कर रही है और किसानों की चिंताओं पर विचार नहीं कर रही है.’
कोल्हापुर से सांसद शेट्टी ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रही तो आंदोलन और तेज़ होगा.
उधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘बातचीत के लिए हमारे दरवाज़े हमेशा से खुले हैं… सरकार का किसी मुद्दे पर कोई अड़ियल रवैया नहीं है. लेकिन जिस तरह से मौजूदा प्रदर्शन हो रहा है, वह सही नहीं है.’
फड़णवीस ने दुग्ध उत्पादकों को सीधे-सीधे सब्सिडी देने के विचार का भी समर्थन नहीं किया. विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने भी राज्य विधानसभा में दुग्ध आपूर्तिकर्ताओं के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया और इसके ऊपर हंगामा किया.
#Maharashtra: Workers of Swabhimani Shetkari Sangathna, a farmers’ organisation, stopped vehicles near Pune early morning today, and prevented milk from being supplied to nearby cities. The organisation is demanding price hike for milk farmers. pic.twitter.com/z2a1D6YwMX
— ANI (@ANI) July 16, 2018
इससे पहले लोकसभा सांसद राजू शेट्टी ने कहा था, ‘किसान डेयरी में 17 रुपये प्रति लीटर दूध बेचते हैं. इसके प्रसंस्करण के बाद डेयरी इसे पाउच में पैक करते हैं और 42 रुपये प्रति लीटर न्यूनतम दर से बेचते हैं. कमाई में इस अंतर का लाभ किसान को नहीं मिलता है.’
Govt says that milk would be brought from other states, especially Gujarat & Karnataka. We’ll start a ‘Satyagraha’ & ensure that no milk is brought to from outside. It’s the tactic of the govt to disrupt protest by doing this: R Shetti, Swabhimani Shetkari Sangathna leader & MP pic.twitter.com/dcEf0hB349
— ANI (@ANI) July 16, 2018
शेट्टी ने कहा, ‘पुणे और मुंबई में मध्यरात्रि से दूध की आपूर्ति रोकी जाएगी. हमें हमारी मांगों के लिए दबाव बनाना पड़ेगा क्योंकि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई मजबूत फैसला नहीं ले रही है.’
उन्होंने बताया कि दूध की खरीद पर प्रति लीटर पांच रुपये की तत्काल वृद्धि की जाए.
वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के अजीत नवाले ने बताया कि अगर राज्य सरकार ऊंची कीमतों पर दूध खरीदने में असफल रहता या डेयरी किसानों को विशेष सब्सिडी नहीं देते हैं तो यह आंदोलन और तेज होगा.
विपक्ष ने दूध आंदोलन पर सरकार के रुख को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा से बहिर्गमन किया
दूध के दाम बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के समर्थन में आगे आते हुए विपक्ष ने सोमवार को इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में शोर-शराबा किया और सदन से बहिर्गमन किया.
विपक्ष ने सरकार पर किसान विरोधी होने और किसानों के दुख-दर्द के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया.
सरकार ने पलटवार किया कि ये तो सांसद राजू शेट्टी की अगुवाई वाले किसान संगठन हैं जो किसान विरोधी हैं.
उसने दावा किया कि ये किसान नहीं बल्कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन हैं जिन्होंने दूध की आपूर्ति बंद कर दी है, फलस्वरूप किसानों का बड़ा नुकसान हो रहा है.
विपक्षी कांग्रेस और राकांपा के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की. इस पर अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कल बैठक बुलाने के लिए कहेंगे.
इस घोषणा से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए.
राज्य के कई हिस्सों में डेयरी किसान दूध के दाम में वृद्धि की तथा सीधे उनके खाते में पांच रुपये प्रति लीटर की राशि भेजे जा ने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.
विधानसभा में विपक्ष के नेता विखे पाटिल ने कहा, ‘अध्यक्ष ने घोषणा की है कि इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 17 जुलाई को बैठक होगी. लेकिन सरकार उदासीन है. भाजपा और शिवसेना दोनों ही किसान विरोधी हैं. हम किसानों के साथ हैं.’
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि किसानों ने नहीं बल्कि डेयरी किसानों का प्रतिनिधित्व करने वलो निकायों ने आंदोलन छेड़ा है.
नासिक ज़िला प्रशासन ने डेरी संघों को मुंबई जैसे शहरों में दूध की आपूर्ति जारी रखने कहा
नासिक ज़िला प्रशासन ने सोमवार को डेयरी संघों से मुंबई जैसे शहरों में दूध की आपूर्ति जारी रखने को कहा. साथ ही, इन काफिलों को पुलिस सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया.
नासिक के कलेक्टर राधाकृष्णन बी. ने बताया कि दूध के 15 ट्रकों को पुलिस सुरक्षा में सोमवार सुबह मुंबई रवाना किया गया.
राधाकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा कि यदि डेयरी संघ दूध बाहर ले जाने में किसी समस्या का सामना करते हैं तो उन्हें इस बारे में पुलिस और ज़िला प्रशासन को सूचना देनी चाहिए. दूध का परिवहन करने वाले वाहनों को पुलिस सुरक्षा मुहैया की जाएगी.
उन्होंने इन संघों को दूध आपूर्ति की समय सारिणी अधिकारियों को देने को कहा ताकि पुलिस सुरक्षा मुहैया की जा सके.
उन्होंने डेयरी सहकारी संघों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए यह कहा. बैठक में नासिक के पुलिस अधीक्षक संजय डारडे और स्थानीय प्रशासन के अन्य अधिकारी भी शरीक हुए.
राधाकृष्णन ने कहा कि नासिक से मुंबई तक दूध की आपूर्ति इस वक्त नियमित है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)