कांग्रेस की नई कार्य समिति में किसी वर्तमान मुख्यमंत्री और किसी मुसलमान महिला नेता को नहीं शामिल किया गया है. साथ ही बिहार और बंगाल के किसी नेता को भी जगह नहीं मिली है.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन किया जिसमें उन्होंने अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है.
सूत्रों के मुताबिक गांधी ने 22 जुलाई को सीब्ल्यूसी की पहली बैठक बुलाई है. पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी बयान के मुताबिक सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं.
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कार्य समिति में कई ऐसे नेताओं को जगह नहीं मिली है जो सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते हुए कार्य समिति के प्रमुख सदस्य हुआ करते थे.
जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, कर्ण सिंह, मोहसिना किदवई, ऑस्कर फर्नांडीस, मोहन प्रकाश और सीपी जोशी को नई कार्य समिति में जगह नहीं मिली है.
सीडब्ल्यूसी के सदस्यों में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और ओमन चांडी को जगह दी गई है.
इसके अलावा असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा और गैखनगम भी शामिल हैं.
सीडब्ल्यूसी में स्थायी आमंत्रित सदस्यों में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, बालासाहेब थोराट, तारिक हमीद कारा, पीसी चाको, जितेंद्र सिंह, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया, रणदीप सुरजेवाला, आशा कुमारी, रजनी पाटिल, रामचंद्र खूंटिया, अनुग्रह नारायण सिंह, राजीव सातव, शक्तिसिंह गोहिल, गौरव गोगोई और ए. चेल्लाकुमार शामिल हैं.
विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर केएच मुनियप्पा, अरुण यादव, दीपेंद्र हुड्डा, जितिन प्रसाद, कुलदीप विश्नोई, इंटक के अध्यक्ष जी संजीव रेड्डी, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद यादव, एनएसयूआई के अध्यक्ष फिरोज खान, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव और कांग्रेस सेवा दल के मुख्य संगठक लालजीभाई देसाई को शामिल किया गया है.
इसी साल मार्च में हुए कांग्रेस महाधिवेशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नई सीडब्यूसी के गठन के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया गया था. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे.
पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने पुरानी और नई पीढ़ी के नेताओं को साथ लेकर कार्य समिति में संतुलन बनाने की कोशिश की है.
बिहार और बंगाल से कोई नेता नहीं
कांग्रेस कार्य समिति में बिहार, बंगाल, तेलंगाना, गोवा और आंध्र प्रदेश जैसे अहम राज्य के नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई है. जबकि इन राज्यों में कुल 121 लोकसभा सीटें हैं. सीडब्ल्यूसी में पहले बिहार कोटे से शकील अहमद थे, जिन्हें इस बार मौका नहीं मिला है. इस तरह गोवा से भी किसी नेता को तरजीह नहीं दी गई है.
बंगाल में कांग्रेस के चेहरे के तौर पर प्रणव मुखर्जी थे, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद वो पार्टी की राजनीति से अलग हो गए. इसके अलावा प्रियरंजन दासमुंसी के निधन के बाद अधीर रंजन चौधरी महज एकलौते चेहरे हैं, जो फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
मुस्लिम महिलाओं को पार्टी ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है, पहले मोहसिना किदवई सदस्य थी लेकिन उनकी जगह किसी मुस्लिम महिला को जगह नहीं मिली है.
अभी कांग्रेस के तीन राज्यों पंजाब में अमरिंदर सिंह , पुडुचेरी में वी नारायणसामी और मिजोरम में लालथनहवला मुख्यमंत्री हैं लेकिन इनको भी कांग्रेस की नई कार्य समिति में जगह नहीं मिली है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)