पिछले 10 दिनों से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आठ लोग आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं. अब तक छह विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया.
मुंबई: मराठा समुदाय के लोगों ने नौकरियों और शिक्षा में तुरंत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को मुंबई में ‘जेल भरो’ प्रदर्शन किया.
पिछले 10 दिनों से चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान छह लोग ख़ुदकुशी कर चुके हैं और आठ लोगों ने आत्मदाह की कोशिश की है. इतना ही नहीं आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के छह विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं.
मराठा क्रांति मोर्चा के नेतृत्व में आरक्षण समर्थक समूहों ने दक्षिण मुंबई के आज़ाद मैदान में ‘जेल भरो’ प्रदर्शन आयोजित किया जबकि राज्य के कुछ हिस्सों में स्थानीय समूहों ने भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन किए.
एक अधिकारी ने यहां बताया कि मराठा समुदाय के बुधवार को हुए प्रदर्शन से शहर में रेल और सड़क यातायात प्रभावित नहीं हुआ है.
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनों के मद्देनज़र राज्य में सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं.
आज़ाद मैदान में एक प्रदर्शनकारी केदार शिंदे ने कहा, ‘हमारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के उनके खोखले वादों से भरोसा उठ गया है.’
उधर, मराठा समुदाय के एक समूह ने लातूर ज़िले में राज्य के श्रम मंत्री संभाजी पाटिल-नीलांगेकर के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया.
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उत्तर सोलापुर में पुणे-सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया. पुणे ज़िले के जुन्नार में भी प्रदर्शन किए गए और शिरुर तथा खेद तहसीलों में रैलियां निकाली गईं.
आक्रामक प्रदर्शनकारियों के गढ़ मराठावाड़ा क्षेत्र में हिंगोली ज़िले के किसानों ने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर बैलगाड़ी मार्च आयोजित किया.
महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी का 30 फीसदी हिस्सा मराठा समुदाय का है. राज्य में पिछले 10 दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है.
उनकी मांगों में नौकरियों और शिक्षा में 50 फीसदी आरक्षण, कोपर्डी बलात्कार मामले के आरोपियों को मौत की सज़ा और एसएसटी क़ानून के ग़लत इस्तेमाल को रोकने के लिए उसमें संशोधन करना शामिल है.
आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान राज्य में अभी तक छह लोगों ने आत्महत्या की है.
आरक्षण की मांग को लेकर छह लोगों ने ख़ुदकुशी की, आठ ने आत्मदाह की कोशिश की
महाराष्ट्र में एक श्रमिक और एक छात्र के अपनी जान लेने के साथ ही मराठा आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर ख़ुदकुशी करने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गयी है. वहीं, राज्य में इस मुद्दे को लेकर आठ लोगों ने आत्मदाह की भी कोशिश की.
पुलिस के मुताबिक औरंगाबाद ज़िले में फुलांबरी तहसील के वदोद बाज़ार गांव में 17 वर्षीय छात्र ने कुएं में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदीप हरि म्हास्के को 10वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक मिले थे लेकिन मराठा आरक्षण नहीं होने के कारण एक जूनियर कॉलेज और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान में उसका नामांकन नहीं हो सका था.
म्हास्के के ख़ुदकुशी कर लेने से महाराष्ट्र में प्रदर्शन और तेज़ हो गए हैं. मराठा समुदाय के लोगों ने औरंगाबाद-जलगांव मार्ग पर ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
पुलिस ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड ज़िले के वीदा गांव के 35 वर्षीय खेत मज़दूर अभिजीत देशमुख ने अपने घर के समीप एक पेड़ से फांसी लगा ली.
उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर ज़िले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आठ प्रदर्शनकारियों ने अपने शरीर पर किरोसिन छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की.
बीड के पुलिस अधीक्षक जी. श्रीधर ने बताया, ‘हमें एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने कहा है कि वह मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में यह कदम उठा रहा है.’
सुसाइड नोट में देशमुख ने बेरोजगारी और बैंक के बकाये कर्ज को आत्महत्या की वजह बताया है.
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में आत्महत्या का यह पांचवां मामला है.
पुलिस ने बताया कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर नांदेड ज़िले में 29 जुलाई को 38 वर्षीय एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
मुंबई से क़रीब 570 किलोमीटर दूर नांदेड के धाबाद गांव में काचरू कल्याणे ने अपने घर में पंखे से फांसी लगा ली. कल्याणे ने उस समय फांसी लगाई जब 29 जुलाई को उसके घर के सदस्य कुछ काम से बाहर गए हुए थे.
उन्होंने बताया कि कल्याणे के शव के समीप मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि वह आरक्षण के लिए मराठा समुदाय की मांग को लेकर अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर रहा है.
पुलिस ने बताया कि इस मुद्दे पर 29 जुलाई को औरंगाबाद में एक चलती ट्रेन के सामने कूदकर 35 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
पिछले सप्ताह औरंगाबाद में दो व्यक्तियों ने आत्महत्या की थी जबकि एक अन्य की आंदोलनकारियों की हिंसा के दौरान मौत हो गई थी.
लातूर के पुलिस अधीक्षक शिवाजी राठौड़ ने बताया कि लातूर ज़िले के औसा में तहसीलदार कार्यालय के बाहर आठ लोगों ने आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय पर हस्तक्षेप करते हुए उनके इस प्रयास को विफल कर दिया.
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. अधिकारी ने बताया, ‘हम लोगों ने उन्हें आश्वस्त किया कि हम उनकी मांगों को सरकार के समक्ष उठाएंगे.’
मराठा समुदाय के लोगों ने बीते बुधवार को कहा है कि राज्य की भाजपा नीत सरकार प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने में विफल रही है और इसके ख़िलाफ़ वे मुंबई में प्रदर्शन करेंगे.
सकल मराठा मोर्चा के नेता प्रवीण पटेल ने बीते बुधवार को बताया था कि मराठा समुदाय के लोग मुंबई में जेल भरो आंदोलन करेंगे.
इससे पहले मराठा संगठनों ने कहा था कि उनकी आरक्षण की मांग के समर्थन में नौ अगस्त को मुंबई में एक महारैली की जाएगी.
मालूम हो कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक छह विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. बीती 30 जुलाई को औरंगाबाद की सिलोद सीट से कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने मराठा, मुस्लिम, धनगर और महादेव कोली समुदाय के लोगों को आरक्षण देने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस विधायक भारत भाल्के, भाजपा विधायक राहुल अहेर, राकांपा के दत्तात्रेय भरणे, शिवसेना के हषवर्धन जाधव और राकांपा के भाउसाहेब पाटिल चिकटगांवकर ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस्तीफ़ा दे दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)