सूखाग्रस्त किसानों का कर्ज़ माफ करे तमिलनाडु सरकार: मद्रास हाईकोर्ट

सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के सभी किसानों का कर्ज़ माफ करने का निर्देश मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है. ये किसान इन दिनों दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के सभी किसानों का कर्ज़ माफ करने का निर्देश मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है. ये किसान इन दिनों दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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तमिलनाडु के किसान तकरीबन एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. (फोटो: कृष्णकांत)

मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि सूखाग्रस्त किसानों का कर्ज़ माफ कर दिया जाए. निर्देश में अदालत ने यह भी कहा है कि सरकार बैंकों और सहकारी बैंकों के कर्ज़ वसूलने पर भी रोक लगाए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एस. नागामुथू और एमवी मुरलीधरन की पीठ ने मंगलवार को सभी किसानों का कर्ज माफ़ करने का निर्देश दिया, चाहे उनके पास कितनी भी ज़मीन हो. अदालत के आदेश से पूर्व राज्य सरकार ने पांच एकड़ तक या उससे कम ज़मीन वाले किसानों का कर्ज़ माफ करने का ऐलान किया था.

राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने महाअधिवक्ता को लिखे अपने पत्र में कहा है, हम राज्य की आर्थिक हालात को जानते हैं. सरकार पर पहले से ही 5780 करोड़ रुपये का बोझ है और इसके बाद सरकार पर 1980 करोड़ रुपये का भार और बढ़ जाएगा.

अदालत ने कहा है ऐसी घड़ी में केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी कैसे बैठ सकती है. उन्हें मदद के लिए आगे आना चाहिए. अदालत ने संबंधित विभाग को निर्देश दिए हैं कि वो किसानों के लिए तत्काल प्रभाव से उनकी मदद के लिए दिशानिर्देश तैयार करे. साथ ही आदेश को तीन महीने के अंदर लागू करने की बात भी अदालत ने कही है.

बहरहाल, अदालत ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पांच एकड़ से काम ज़मीन वाले किसानों को ही मदद करना संविधान के अनुछेद 14 के ख़िलाफ़ है. किसान कर्ज़ और फसल ऋण की वसूली पर भी अदालत ने 31 मार्च, 2016 से रोक लगा दी है.

दिल्ली के जंतर मंतर पर तमिलनाडु के किसान तकरीबन एक महीने से मानव खोपड़ियों के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका दावा है कि ये खोपड़ियां उन किसानों की हैं जिन्होंने कर्ज़ के चलते आत्महत्या कर ली है.

किसानों ने मदद न मिलने तक अनशन जारी रखने की धमकी दे डाली है. भारत सरकार ने भी 1447.99 करोड़ रुपये नेशनल डिजास्‍टर रिस्‍पॉन्स फंड (एनडीआरफ) के तहत सूखा राहत फंड भी दिया है.

अनशन पर बैठे किसानों से तमाम राजनीतिज्ञ मिल चुके हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इनसे मुलाकात कर केंद्र सरकार को किसान विरोधी बता चुके हैं. डीएमके नेता एमके स्‍टालिन भी किसानों से मुलाक़ात कर नरेंद्र मोदी से अपील की थी वो जिस तरह उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज़ माफ कर रहे हैं, उसी प्रकार दक्षिण के किसानों पर भी ध्यान दें.

इस मामले के याचिकाकर्ता अय्याकनु, ख़ुद एक किसान हैं और राजधानी दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन में शामिल हैं.