बिहार बालिका गृह बलात्कार मामला: आरोपी ब्रजेश ठाकुर को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट

बिहार में स्वतंत्रता दिवस के चलते जेलों में की गई ज़िला प्रशासन की छापेमार कार्रवाई में मुज़फ़्फ़रपुर जेल में ब्रजेश ठाकुर मुलाक़ातियों से मिलने वाले क्षेत्र में टहलते पाया गया. उसके पास से दो कागज भी बरामद हुए जिनमें एक मंत्री सहित कई रसूखदारों के फोन नंबर लिखे थे.

बिहार में स्वतंत्रता दिवस के चलते जेलों में की गई ज़िला प्रशासन की छापेमार कार्रवाई में मुज़फ़्फ़रपुर जेल में ब्रजेश ठाकुर मुलाक़ातियों से मिलने वाले क्षेत्र में टहलते पाया गया. उसके पास से दो कागज भी बरामद हुए जिनमें एक मंत्री सहित कई रसूखदारों के फोन नंबर लिखे थे.

Brajesh Thakur Twitter
(फोटो साभार: ट्विटर)

मुज़फ़्फ़रपुर: बिहार के बालिका गृह बलात्कार कांड में गिरफ्तार आरोपी ब्रजेश ठाकुर के जेेल में वीआईपी ट्रीटमेंट पाने की बात सामने आई है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 15 अगस्त को देखते हुए जेलों में छापेमार कार्रवाई की गई थी. जब जिला प्रशासन और पुलिस की टीम जेल का मुज़फ़्फ़रपुर जिला जेल अस्पताल पहुंची तो पाया कि ब्रजेश ठाकुर अपने बिस्तर पर न होकर जेल में मुलाक़ातियों से मिलने वाले एरिया में आराम से टहलते पाया गया.

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान जांच में उससे दो पन्ने बरामद हुए जिसमें 40 लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज थे, जो इशारा करता है कि वह अभी भी मामले को प्रभावित करने की कोशिश में है.

हालांकि, अधिकारियों को उसके पास से मोबाइल फोन नहीं मिला है, जिससे लगता है कि मोबाइल न होने के चलते वह कागजों में नंबर लिखकर रखता था.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, कुछ ताकतवर लोगों, जिनमें एक मंत्री का नाम भी शामिल है, के नंबर उस सूची में पाए गए.

दस्तावेजों को जब्त करके केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को भेज दिया गया है. गौरतलब है कि मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है.

शनिवार को सीबीआई अधिकारियों ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे से भी बात की और उसकी मेडिकल रिपोर्ट की भी मांग की है.

गौरतलब है कि ठाकुर को 2 जून को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन, वास्तव में पुलिस ने अब तक उससे पूछताछ नहीं की है क्योंकि उसे अदालत द्वारा तुरंत ही जेल भेज दिया गया था.

बता दें कि ब्रजेश ठाकुर के जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा है. इससे पहले दो सप्ताह तक जेल के बाहर एक अस्पताल में उनका इलाज चला था. फिर बाद में उसे जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.

अधिकारियों का कहना है कि यह अभी भी साफ नहीं है कि कैसे वो फोन कर रहा था. कहीं वह जेल अधीक्षक कार्यालय के किसी लैंड लाइन या किसी के मोबाइल फोन का उपयोग तो नहीं कर रहा था.

हिरासत में 70 दिन बिता चुके ठाकुर ने अब तक मुजफ्फरपुर केंद्रीय जेल की सेल में केवल पांच-छह दिन ही बिताए हैं और फिलहाल जेल के मेडिकल वार्ड में है.

वहीं, पटना उच्च न्यायालय इस मामले में चल रही सीबीआई जांच पर नजर बनाए हुए है.

पूछताछ के बाद सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे को लिया हिरासत में

सीबीआई ने बालिका गृह बलात्कार कांड में ही ब्रजेश ठाकुर के बेटे को शनिवार को हिरासत में ले लिया. टीम ने 11 घंटे तक उसके घर की तलाशी लेने और पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया.

सीबीआई की टीम ठाकुर के साहू रोड़ स्थित आवास पर सुबह करीब नौ बजे पहुंची और रात आठ बजे के करीब उसके बेटे राहुल आनंद के साथ वहां से रवाना हुई.

आनंद, हिंदी दैनिक ‘प्रात: कमल’ का प्रकाशक और संपादक है जो उसके आवासीय परिसर और बालिका आश्रय गृह के अंदर ही स्थित है.

सीबीआई के डीआईजी अभय कुमार के नेतृत्व में टीम सशस्त्र कमांडो के साथ मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित ठाकुर के आवास पर पहुंची.

परिसर में घुसने के बाद कमांडो ने अंदर से मुख्य दरवाजा बंद कर दिया जिससे मीडिया और आसपास मौजूद लोग अंदर नहीं घुस पाए.

समझा जाता है कि सीबीआई की टीम ने सील खोलकर बालिका आश्रय गृह की जांच की और दस्तावेजों एवं अन्य सामग्री को इकट्ठा किया.

फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ सीबीआई की टीम ने घर के पीछे की जगह की भी जांच की जिसकी पिछले महीने पुलिस ने खुदाई की थी.

आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों ने आरोप लगाए थे कि कुछ वर्ष पहले कर्मचारियों ने एक लड़की को पीट-पीट कर मार डाला था और उसके शव को घर के पिछले हिस्से में दफना दिया था जिसके बाद पुलिस ने वहां खुदाई की थी.

दिनभर चली खुदाई में कुछ भी असंगत नहीं पाया गया और आठ फुट गहरे गड्ढे को फिर से भर दिया गया.

इस बीच, सीबीआई ने भारी अर्थ मूवर मशीनों को वहां तैनात किया, लेकिन दिन में कोई खुदाई नहीं की गई.

बिहार सरकार ने गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति के पंजीकरण को रद्द कर दिया है जो निराश्रित लड़कियों के लिए आश्रय गृह चलाता था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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